नई दिल्ली: देश के उड्डयन क्षेत्र के हालिया संकट से हवाई यात्रियों के तादाद की वृद्धि दर घट सकती है. यह आशंका एक रेटिंग एजेंसी ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में जाहिर की.
इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी और फरवरी 2019 में सालाना आधार पर यात्रियों की वृद्धि दर सुस्ती के साथ 6.5 फीसदी रही, जबकि पिछले पांच साल का औसत इन दो महीनों में 18.5 फीसदी रहा है.
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रिपोर्ट में कहा गया कि कई कारणों (वित्तीय समस्या, पायलटों की कमी और उड़ानों की तकनीकी खराबी से एयरलाइनों की उड़ानें रद्द रही हैं. इससे भार को नियंत्रित करने के मकसद से हवाई अड्डों के विस्तार पर असर होगा और यात्रा के सीजन के दौरान यात्रियों की तादाद में वृद्धि दर मंद पड़ सकती है.
उड्डयन क्षेत्र के हालिया संकट से यात्रियों की वृद्धि पर होगा असर: रिपोर्ट
इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी और फरवरी 2019 में सालाना आधार पर यात्रियों की वृद्धि दर सुस्ती के साथ 6.5 फीसदी रही.
नई दिल्ली: देश के उड्डयन क्षेत्र के हालिया संकट से हवाई यात्रियों के तादाद की वृद्धि दर घट सकती है. यह आशंका एक रेटिंग एजेंसी ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में जाहिर की.
इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी और फरवरी 2019 में सालाना आधार पर यात्रियों की वृद्धि दर सुस्ती के साथ 6.5 फीसदी रही, जबकि पिछले पांच साल का औसत इन दो महीनों में 18.5 फीसदी रहा है.
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रिपोर्ट में कहा गया कि कई कारणों (वित्तीय समस्या, पायलटों की कमी और उड़ानों की तकनीकी खराबी से एयरलाइनों की उड़ानें रद्द रही हैं. इससे भार को नियंत्रित करने के मकसद से हवाई अड्डों के विस्तार पर असर होगा और यात्रा के सीजन के दौरान यात्रियों की तादाद में वृद्धि दर मंद पड़ सकती है.
उड्डयन क्षेत्र के हालिया संकट से यात्रियों की वृद्धि पर होगा असर: रिपोर्ट
नई दिल्ली: देश के उड्डयन क्षेत्र के हालिया संकट से हवाई यात्रियों के तादाद की वृद्धि दर घट सकती है. यह आशंका एक रेटिंग एजेंसी ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में जाहिर की.
इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी और फरवरी 2019 में सालाना आधार पर यात्रियों की वृद्धि दर सुस्ती के साथ 6.5 फीसदी रही, जबकि पिछले पांच साल का औसत इन दो महीनों में 18.5 फीसदी रहा है.
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रिपोर्ट में कहा गया कि कई कारणों (वित्तीय समस्या, पायलटों की कमी और उड़ानों की तकनीकी खराबी से एयरलाइनों की उड़ानें रद्द रही हैं. इससे भार को नियंत्रित करने के मकसद से हवाई अड्डों के विस्तार पर असर होगा और यात्रा के सीजन के दौरान यात्रियों की तादाद में वृद्धि दर मंद पड़ सकती है.
Conclusion: