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प्याज की बढ़ती कीमत ने निकाले आंसू, चार साल के उच्चत्तम पर भाव

देश की राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव 50 रुपये प्रति किलो हो गया है, जोकि 2015 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है. वहीं, एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में भी प्याज 50 रुपये प्रति किलो बिकने लगा है.

प्याज की बढ़ती कीमत ने निकाले आंसू, चार साल के उच्चत्तम पर भाव
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Published : Sep 21, 2019, 2:34 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 11:18 AM IST

नई दिल्ली: प्याज के दाम को काबू में रखने के लिए सरकार की ओर से इस जून से ही किए जा रहे प्रयास विफल साबित हो रहे हैं क्योंकि प्याज ने देश के आम उपभोक्ताओं को रुलाना शुरू कर दिया है.

देश की राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव 50 रुपये प्रति किलो हो गया है, जोकि 2015 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है. वहीं, एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में भी प्याज 50 रुपये प्रति किलो बिकने लगा है. कारोबारियों ने बताया कि देश में प्याज का स्टॉक काफी कम है, जिसके कारण मंडियों में आवक कम हो रही है.

ये भी पढ़ें- पेप्सिको इंडिया मथुरा में लगाएगी चिप्स बनाने का कारखाना

खपत के मुकाबले आवक कम होने से प्याज की कीमत बढ़ रही है. आजादपुर मंडी के कारोबारी और ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राजेंद्र शर्मा ने कहा कि दक्षिण भारत के राज्यों में भारी बारिश के कारण प्याज की फसल खराब होने व नई फसल की तैयारी में विलंब हो जाने की आशंकाओं से प्याज की कीमतों को और सपोर्ट मिल रहा है. शर्मा ने बताया कि इससे पहले 2015 में प्याज का भाव 50 रुपये किलो से ऊपर चला गया था.

प्याज के दाम को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार ने पिछले सप्ताह इसका न्यूनतम निर्यात मूल्य यानी एमईपी 850 डॉलर प्रति टन निर्धारित कर दिया ताकि निर्यात पर पाबंदी से देश के बाजारों में प्याज की सप्लाई में कमी नहीं आए. विदेश व्यापार महानिदेशालय यानी डीजीएफटी के 13 सितंबर की अधिसूचना के अनुसार, प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य 850 डॉलर प्रति टन (एफओबी) से कम भाव पर निर्यात की अनुमति तब तक नहीं होगी, जब तक इस संबंध में अगला आदेश नहीं आता है.

नासिक के एक प्याज निर्यातक ने कहा कि इतने ऊंचे भाव पर निर्यात की फिलहाल गुंजाइश नहीं है. वहीं, घरेलू बाजार में भी भाव काफी बढ़ गया है, इसलिए निर्यात में मार्जिन नहीं मिलेगा.

इससे पहले जून में जब प्याज के दाम में इजाफा हुआ था उसी समय सरकार ने निर्यात पर ब्रेक लगाने के मकसद से मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट फ्राम इंडिया स्कीम यानी एमईआईएस तहत प्याज पर 10 फीसदी प्रोत्साहन वापस ले लिया था.

इधर, सरकारी एजेंसी नैफेड के पास पड़े बफर स्टॉक से प्याज खुले बाजार में बेचे जा रहे हैं, लेकिन प्याज के दाम को काबू करने में सरकार के ये सारे कदम विफल साबित हो रहे हैं क्योंकि बीते दो महीने में प्याज का भाव दो गुना ज्यादा बढ़ गया है.

एपीएमसी की वेबसाइट पर उपलब्ध कीमत सूची के अनुसार, दिल्ली में शुक्रवार को प्याज का भाव 22.50-50 रुपये प्रति किलो था जबकि एक दिन पहले 20-40 रुपये प्रति किलो. इस प्रकार दिल्ली में शुक्रवार को प्याज के दाम में 25 फीसदी का इजाफा हुआ.

नई दिल्ली: प्याज के दाम को काबू में रखने के लिए सरकार की ओर से इस जून से ही किए जा रहे प्रयास विफल साबित हो रहे हैं क्योंकि प्याज ने देश के आम उपभोक्ताओं को रुलाना शुरू कर दिया है.

देश की राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव 50 रुपये प्रति किलो हो गया है, जोकि 2015 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है. वहीं, एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में भी प्याज 50 रुपये प्रति किलो बिकने लगा है. कारोबारियों ने बताया कि देश में प्याज का स्टॉक काफी कम है, जिसके कारण मंडियों में आवक कम हो रही है.

ये भी पढ़ें- पेप्सिको इंडिया मथुरा में लगाएगी चिप्स बनाने का कारखाना

खपत के मुकाबले आवक कम होने से प्याज की कीमत बढ़ रही है. आजादपुर मंडी के कारोबारी और ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राजेंद्र शर्मा ने कहा कि दक्षिण भारत के राज्यों में भारी बारिश के कारण प्याज की फसल खराब होने व नई फसल की तैयारी में विलंब हो जाने की आशंकाओं से प्याज की कीमतों को और सपोर्ट मिल रहा है. शर्मा ने बताया कि इससे पहले 2015 में प्याज का भाव 50 रुपये किलो से ऊपर चला गया था.

प्याज के दाम को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार ने पिछले सप्ताह इसका न्यूनतम निर्यात मूल्य यानी एमईपी 850 डॉलर प्रति टन निर्धारित कर दिया ताकि निर्यात पर पाबंदी से देश के बाजारों में प्याज की सप्लाई में कमी नहीं आए. विदेश व्यापार महानिदेशालय यानी डीजीएफटी के 13 सितंबर की अधिसूचना के अनुसार, प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य 850 डॉलर प्रति टन (एफओबी) से कम भाव पर निर्यात की अनुमति तब तक नहीं होगी, जब तक इस संबंध में अगला आदेश नहीं आता है.

नासिक के एक प्याज निर्यातक ने कहा कि इतने ऊंचे भाव पर निर्यात की फिलहाल गुंजाइश नहीं है. वहीं, घरेलू बाजार में भी भाव काफी बढ़ गया है, इसलिए निर्यात में मार्जिन नहीं मिलेगा.

इससे पहले जून में जब प्याज के दाम में इजाफा हुआ था उसी समय सरकार ने निर्यात पर ब्रेक लगाने के मकसद से मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट फ्राम इंडिया स्कीम यानी एमईआईएस तहत प्याज पर 10 फीसदी प्रोत्साहन वापस ले लिया था.

इधर, सरकारी एजेंसी नैफेड के पास पड़े बफर स्टॉक से प्याज खुले बाजार में बेचे जा रहे हैं, लेकिन प्याज के दाम को काबू करने में सरकार के ये सारे कदम विफल साबित हो रहे हैं क्योंकि बीते दो महीने में प्याज का भाव दो गुना ज्यादा बढ़ गया है.

एपीएमसी की वेबसाइट पर उपलब्ध कीमत सूची के अनुसार, दिल्ली में शुक्रवार को प्याज का भाव 22.50-50 रुपये प्रति किलो था जबकि एक दिन पहले 20-40 रुपये प्रति किलो. इस प्रकार दिल्ली में शुक्रवार को प्याज के दाम में 25 फीसदी का इजाफा हुआ.

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प्याज की बढ़ती कीमत ने निकाले आंसू, चार साल के उच्चत्तम पर भाव

नई दिल्ली: प्याज के दाम को काबू में रखने के लिए सरकार की ओर से इस जून से ही किए जा रहे प्रयास विफल साबित हो रहे हैं क्योंकि प्याज ने देश के आम उपभोक्ताओं को रुलाना शुरू कर दिया है. 

देश की राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव 50 रुपये प्रति किलो हो गया है, जोकि 2015 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है. वहीं, एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में भी प्याज 50 रुपये प्रति किलो बिकने लगा है. कारोबारियों ने बताया कि देश में प्याज का स्टॉक काफी कम है, जिसके कारण मंडियों में आवक कम हो रही है. 

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खपत के मुकाबले आवक कम होने से प्याज की कीमत बढ़ रही है. आजादपुर मंडी के कारोबारी और ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राजेंद्र शर्मा ने कहा कि दक्षिण भारत के राज्यों में भारी बारिश के कारण प्याज की फसल खराब होने व नई फसल की तैयारी में विलंब हो जाने की आशंकाओं से प्याज की कीमतों को और सपोर्ट मिल रहा है. शर्मा ने बताया कि इससे पहले 2015 में प्याज का भाव 50 रुपये किलो से ऊपर चला गया था.

प्याज के दाम को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार ने पिछले सप्ताह इसका न्यूनतम निर्यात मूल्य यानी एमईपी 850 डॉलर प्रति टन निर्धारित कर दिया ताकि निर्यात पर पाबंदी से देश के बाजारों में प्याज की सप्लाई में कमी नहीं आए. विदेश व्यापार महानिदेशालय यानी डीजीएफटी के 13 सितंबर की अधिसूचना के अनुसार, प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य 850 डॉलर प्रति टन (एफओबी) से कम भाव पर निर्यात की अनुमति तब तक नहीं होगी, जब तक इस संबंध में अगला आदेश नहीं आता है.

नासिक के एक प्याज निर्यातक ने कहा कि इतने ऊंचे भाव पर निर्यात की फिलहाल गुंजाइश नहीं है. वहीं, घरेलू बाजार में भी भाव काफी बढ़ गया है, इसलिए निर्यात में मार्जिन नहीं मिलेगा.

इससे पहले जून में जब प्याज के दाम में इजाफा हुआ था उसी समय सरकार ने निर्यात पर ब्रेक लगाने के मकसद से मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट फ्राम इंडिया स्कीम यानी एमईआईएस तहत प्याज पर 10 फीसदी प्रोत्साहन वापस ले लिया था.

इधर, सरकारी एजेंसी नैफेड के पास पड़े बफर स्टॉक से प्याज खुले बाजार में बेचे जा रहे हैं, लेकिन प्याज के दाम को काबू करने में सरकार के ये सारे कदम विफल साबित हो रहे हैं क्योंकि बीते दो महीने में प्याज का भाव दो गुना ज्यादा बढ़ गया है. 

एपीएमसी की वेबसाइट पर उपलब्ध कीमत सूची के अनुसार, दिल्ली में शुक्रवार को प्याज का भाव 22.50-50 रुपये प्रति किलो था जबकि एक दिन पहले 20-40 रुपये प्रति किलो. इस प्रकार दिल्ली में शुक्रवार को प्याज के दाम में 25 फीसदी का इजाफा हुआ. 

 


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Last Updated : Oct 1, 2019, 11:18 AM IST
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