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सिंगापुर, कनाडा की डब्ल्यूटीओ में भारत के खिलाफ दायर एक मामले में शामिल होने की इच्छा - डब्ल्यूटीओ

जापान ने भारत के खिलाफ यह मामला मोबाइल फोन सहित कुछ सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) उत्पादों पर आयात शुल्क लगाने को लेकर दायर किया है.

सिंगापुर, कनाडा की डब्ल्यूटीओ में भारत के खिलाफ दायर एक मामले में शामिल होने की इच्छा
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Published : May 21, 2019, 6:02 PM IST

नई दिल्ली: सिंगापुर और कनाडा ने जापान द्वारा विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के विवाद निपटान निकाय में भारत के खिलाफ दायर मामले की विचार विमर्श प्रक्रिया में शामिल होने की इच्छा जताई है.

जापान ने भारत के खिलाफ यह मामला मोबाइल फोन सहित कुछ सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) उत्पादों पर आयात शुल्क लगाने को लेकर दायर किया है.

डब्ल्यूटीओ ने एक सूचना में बताया कि दोनों देशों का कहना है कि आईसीटी उत्पाद क्षेत्र में उनका उल्लेखनीय हित है.

ये भी पढ़ें: गवर्नर दास के हस्ताक्षर वाला 10 रुपये का नया नोट जारी करेगा रिजर्व बैंक

जापान ने 14 मई को भारत को कुछ इलेक्ट्रानिक उत्पादों जैसे कि सेल्युलर नेटवर्क के लिए टेलीफोन, रिसेप्शन मशीन और टेलीफोन सेट के कलपुर्जों पर आयात शुल्क लगाने के मामले में डब्ल्यूटीओ में घसीटा है.

जापान का आरोप है कि भारत द्वारा इन उत्पादों पर आयात शुल्क लगाना डब्ल्यूटीओ नियमों का उल्लंघन है. सिंगापुर ने अलग से जारी बयान में कहा है कि वह भारत के जापान के साथ विचार विमर्श में शामिल होना चाहता है.

सिंगापुर ने कहा कि वह दुनिया का सबसे बड़ा आईसीटी उत्पादों का निर्यातक है. उसका सालाना निर्यात 120 अरब डॉलर का है. ऐसे में इस मामले में उसका व्यापारिक हित जुड़ा है.

नई दिल्ली: सिंगापुर और कनाडा ने जापान द्वारा विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के विवाद निपटान निकाय में भारत के खिलाफ दायर मामले की विचार विमर्श प्रक्रिया में शामिल होने की इच्छा जताई है.

जापान ने भारत के खिलाफ यह मामला मोबाइल फोन सहित कुछ सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) उत्पादों पर आयात शुल्क लगाने को लेकर दायर किया है.

डब्ल्यूटीओ ने एक सूचना में बताया कि दोनों देशों का कहना है कि आईसीटी उत्पाद क्षेत्र में उनका उल्लेखनीय हित है.

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जापान ने 14 मई को भारत को कुछ इलेक्ट्रानिक उत्पादों जैसे कि सेल्युलर नेटवर्क के लिए टेलीफोन, रिसेप्शन मशीन और टेलीफोन सेट के कलपुर्जों पर आयात शुल्क लगाने के मामले में डब्ल्यूटीओ में घसीटा है.

जापान का आरोप है कि भारत द्वारा इन उत्पादों पर आयात शुल्क लगाना डब्ल्यूटीओ नियमों का उल्लंघन है. सिंगापुर ने अलग से जारी बयान में कहा है कि वह भारत के जापान के साथ विचार विमर्श में शामिल होना चाहता है.

सिंगापुर ने कहा कि वह दुनिया का सबसे बड़ा आईसीटी उत्पादों का निर्यातक है. उसका सालाना निर्यात 120 अरब डॉलर का है. ऐसे में इस मामले में उसका व्यापारिक हित जुड़ा है.

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नई दिल्ली: सिंगापुर और कनाडा ने जापान द्वारा विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के विवाद निपटान निकाय में भारत के खिलाफ दायर मामले की विचार विमर्श प्रक्रिया में शामिल होने की इच्छा जताई है.

जापान ने भारत के खिलाफ यह मामला मोबाइल फोन सहित कुछ सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) उत्पादों पर आयात शुल्क लगाने को लेकर दायर किया है.

डब्ल्यूटीओ ने एक सूचना में बताया कि दोनों देशों का कहना है कि आईसीटी उत्पाद क्षेत्र में उनका उल्लेखनीय हित है.

जापान ने 14 मई को भारत को कुछ इलेक्ट्रानिक उत्पादों जैसे कि सेल्युलर नेटवर्क के लिए टेलीफोन, रिसेप्शन मशीन और टेलीफोन सेट के कलपुर्जों पर आयात शुल्क लगाने के मामले में डब्ल्यूटीओ में घसीटा है.

जापान का आरोप है कि भारत द्वारा इन उत्पादों पर आयात शुल्क लगाना डब्ल्यूटीओ नियमों का उल्लंघन है. सिंगापुर ने अलग से जारी बयान में कहा है कि वह भारत के जापान के साथ विचार विमर्श में शामिल होना चाहता है.

सिंगापुर ने कहा कि वह दुनिया का सबसे बड़ा आईसीटी उत्पादों का निर्यातक है. उसका सालाना निर्यात 120 अरब डॉलर का है. ऐसे में इस मामले में उसका व्यापारिक हित जुड़ा है.

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