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कमजोर मांग से सितंबर में सेवा क्षेत्र की गतिविधियां निचले स्तर पर: पीएमआई सर्वेक्षण - पीएमआई सूचकांक

पीएमआई सर्वेक्षण के अनुसार सितंबर में निजी क्षेत्र की कंपनियों की गतिविधियां थम सी गयी जो पिछले करीब डेढ़ साल से लगातार बढ़ रही थीं. विनिर्माण और सेवाक्षेत्र का एकीकृत पीएमआई सूचकांक भी सितंबर में घटकर 49.8 अंक पर आ गया जो अगस्त में 52.6 पर था.

कमजोर मांग से सितंबर में सेवा क्षेत्र की गतिविधियां निचले स्तर पर: पीएमआई सर्वेक्षण
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Published : Oct 4, 2019, 3:20 PM IST

नई दिल्ली: देश में सेवा क्षेत्र की गतिविधियां सितंबर माह में कमजोर रही. मांग कमजोर रहने, प्रतिस्पर्धा का दबाव और चुनौतीपूर्ण बाजार परिस्थितियों की वजह से सितंबर माह में सेवा क्षेत्र की गतिविधियां फरवरी 2018 के बाद सबसे निचले स्तर तक गिर गई.

एक मासिक सर्वेक्षण में शुक्रवार को यह जानकारी सामने आई है. आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विसेस बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स (पीएमआई सेवाक्षेत्र) सितंबर में गिरकर 48.7 अंक पर आ गया.

इससे पिछले महीने अगस्त में यह 52.4 अंक पर था. यह सर्वेक्षण सेवाक्षेत्र की कंपनियों के बीच किया जाता है. पीएमआई का 50 अंक से नीचे रहना गतिविधियों में गिरावट को दर्शाता है जबकि 50 अंक से ऊपर होना गतिविधियों के बढ़ने का संकेत है.

सर्वेक्षण के अनुसार सितंबर में सेवा क्षेत्र को कमजोर मांग हालातों, कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते अनुचित कीमतों और अर्थव्यवस्था संबंधी चिंताओं का सामना करना पड़ा.

ये भी पढ़ें- आईएमएफ और एडीबी के बाद आरबीआई ने भी घटाया भारत का जीडीपी अनुमान

सर्वेक्षण के अनुसार सितंबर में निजी क्षेत्र की कंपनियों की गतिविधियां थम सी गयी जो पिछले करीब डेढ़ साल से लगातार बढ़ रही थीं. विनिर्माण और सेवाक्षेत्र का एकीकृत पीएमआई सूचकांक भी सितंबर में घटकर 49.8 अंक पर आ गया जो अगस्त में 52.6 पर था.

आईएचएस मार्किट की प्रधान अर्थशास्त्री पॉलियाना डि लिमा ने कहा, "देश के निजी क्षेत्र का उत्पादन फरवरी 2018 के बाद पहली बार संकुचित हुआ है. यह बिक्री में कमी को दिखाता है जिससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ी है. चिंता की बात यह है कि बाजार धारणा 31 महीने के निचले स्तर तक चली गई.

नई दिल्ली: देश में सेवा क्षेत्र की गतिविधियां सितंबर माह में कमजोर रही. मांग कमजोर रहने, प्रतिस्पर्धा का दबाव और चुनौतीपूर्ण बाजार परिस्थितियों की वजह से सितंबर माह में सेवा क्षेत्र की गतिविधियां फरवरी 2018 के बाद सबसे निचले स्तर तक गिर गई.

एक मासिक सर्वेक्षण में शुक्रवार को यह जानकारी सामने आई है. आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विसेस बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स (पीएमआई सेवाक्षेत्र) सितंबर में गिरकर 48.7 अंक पर आ गया.

इससे पिछले महीने अगस्त में यह 52.4 अंक पर था. यह सर्वेक्षण सेवाक्षेत्र की कंपनियों के बीच किया जाता है. पीएमआई का 50 अंक से नीचे रहना गतिविधियों में गिरावट को दर्शाता है जबकि 50 अंक से ऊपर होना गतिविधियों के बढ़ने का संकेत है.

सर्वेक्षण के अनुसार सितंबर में सेवा क्षेत्र को कमजोर मांग हालातों, कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते अनुचित कीमतों और अर्थव्यवस्था संबंधी चिंताओं का सामना करना पड़ा.

ये भी पढ़ें- आईएमएफ और एडीबी के बाद आरबीआई ने भी घटाया भारत का जीडीपी अनुमान

सर्वेक्षण के अनुसार सितंबर में निजी क्षेत्र की कंपनियों की गतिविधियां थम सी गयी जो पिछले करीब डेढ़ साल से लगातार बढ़ रही थीं. विनिर्माण और सेवाक्षेत्र का एकीकृत पीएमआई सूचकांक भी सितंबर में घटकर 49.8 अंक पर आ गया जो अगस्त में 52.6 पर था.

आईएचएस मार्किट की प्रधान अर्थशास्त्री पॉलियाना डि लिमा ने कहा, "देश के निजी क्षेत्र का उत्पादन फरवरी 2018 के बाद पहली बार संकुचित हुआ है. यह बिक्री में कमी को दिखाता है जिससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ी है. चिंता की बात यह है कि बाजार धारणा 31 महीने के निचले स्तर तक चली गई.

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