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कर्मचारियों को अप्रैल का वेतन देने में कोई दिक्कत नहीं : एमटीएनएल सीएमडी

सार्वजनिक क्षेत्र की दोनों दूरसंचार कंपनियां एमटीएनएल और बीएसएनएल भारी कर्ज के बोझ से दबी हैं और हाल के समय में उन्हें अपने कर्मचारियों के वेतन भुगतान में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Apr 17, 2019, 8:33 PM IST

नई दिल्ली : संकट में फंसी सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी एमटीएनएल ने भरोसा जताया है कि उसे अपने 22,000 कर्मचारियों के अप्रैल महीने के वेतन भुगतान में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी. कंपनी का इरादा आंतरिक संसाधनों तथा अपने पास उपलब्ध नकदी के जरिये वेतन के भुगतान का है.

सार्वजनिक क्षेत्र की दोनों दूरसंचार कंपनियां महानगर टेलीफोन निगम लि. (एमटीएनएल) और भारत संचार निगम लि. (बीएसएनएल) भारी कर्ज के बोझ से दबी हैं और हाल के समय में उन्हें अपने कर्मचारियों के वेतन भुगतान में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

एमटीएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी के पुरवार ने पीटीआई भाषा से कहा कि कंपनी अप्रैल माह का 200 करोड़ रुपये का वेतन भुगतान आंतरिक संसाधनों तथा अपने पास मौजूद नकदी से करेगी.

पुरवार ने दावा किया कि अप्रैल माह के वेतन भुगतान में कंपनी को किसी तरह की चुनौती नहीं आएगी. हमारे पास इसके लिए पर्याप्त नकदी और आंतरिक संसाधन हैं. एमटीएनएल के पास नकदी या नकदी के समतुल्य 250 करोड़ रुपये हैं.

उन्होंने कहा कि हम अपने सभी वैध दावों को हासिल करने में जुटे हैं. सभी स्रोतों से यह राशि करीब 1,000 करोड़ रुपये बैठती है. एक-एक पाई को हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है. दूरसंचार विभाग से भी हमें कुछ बकाया लेना है. इसके अलावा करीब 100 करोड़ रुपये का आयकर रिफंड आना है.

एमटीएनएल ने कहा कि उसने अपने 500 करोड़ रुपये के लंबित बकाया के एवज में दूरसंचार विभाग से कोई 'अनुदान' नहीं मांगा है. पुरवार ने कहा कि हम सिर्फ अपने वैध दावों को पाना चाहते हैं. इसे पूरा किया जाना चाहिए.
ये भी पढ़ें : आईएलएंडएफएस छोटे लेनदारों के 80 फीसदी भुगतान करे: एनसीएलएटी

नई दिल्ली : संकट में फंसी सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी एमटीएनएल ने भरोसा जताया है कि उसे अपने 22,000 कर्मचारियों के अप्रैल महीने के वेतन भुगतान में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी. कंपनी का इरादा आंतरिक संसाधनों तथा अपने पास उपलब्ध नकदी के जरिये वेतन के भुगतान का है.

सार्वजनिक क्षेत्र की दोनों दूरसंचार कंपनियां महानगर टेलीफोन निगम लि. (एमटीएनएल) और भारत संचार निगम लि. (बीएसएनएल) भारी कर्ज के बोझ से दबी हैं और हाल के समय में उन्हें अपने कर्मचारियों के वेतन भुगतान में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

एमटीएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी के पुरवार ने पीटीआई भाषा से कहा कि कंपनी अप्रैल माह का 200 करोड़ रुपये का वेतन भुगतान आंतरिक संसाधनों तथा अपने पास मौजूद नकदी से करेगी.

पुरवार ने दावा किया कि अप्रैल माह के वेतन भुगतान में कंपनी को किसी तरह की चुनौती नहीं आएगी. हमारे पास इसके लिए पर्याप्त नकदी और आंतरिक संसाधन हैं. एमटीएनएल के पास नकदी या नकदी के समतुल्य 250 करोड़ रुपये हैं.

उन्होंने कहा कि हम अपने सभी वैध दावों को हासिल करने में जुटे हैं. सभी स्रोतों से यह राशि करीब 1,000 करोड़ रुपये बैठती है. एक-एक पाई को हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है. दूरसंचार विभाग से भी हमें कुछ बकाया लेना है. इसके अलावा करीब 100 करोड़ रुपये का आयकर रिफंड आना है.

एमटीएनएल ने कहा कि उसने अपने 500 करोड़ रुपये के लंबित बकाया के एवज में दूरसंचार विभाग से कोई 'अनुदान' नहीं मांगा है. पुरवार ने कहा कि हम सिर्फ अपने वैध दावों को पाना चाहते हैं. इसे पूरा किया जाना चाहिए.
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नई दिल्ली : संकट में फंसी सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी एमटीएनएल ने भरोसा जताया है कि उसे अपने 22,000 कर्मचारियों के अप्रैल महीने के वेतन भुगतान में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी. कंपनी का इरादा आंतरिक संसाधनों तथा अपने पास उपलब्ध नकदी के जरिये वेतन के भुगतान का है.

सार्वजनिक क्षेत्र की दोनों दूरसंचार कंपनियां महानगर टेलीफोन निगम लि. (एमटीएनएल) और भारत संचार निगम लि. (बीएसएनएल) भारी कर्ज के बोझ से दबी हैं और हाल के समय में उन्हें अपने कर्मचारियों के वेतन भुगतान में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

एमटीएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी के पुरवार ने पीटीआई भाषा से कहा कि कंपनी अप्रैल माह का 200 करोड़ रुपये का वेतन भुगतान आंतरिक संसाधनों तथा अपने पास मौजूद नकदी से करेगी. पुरवार ने दावा किया कि अप्रैल माह के वेतन भुगतान में कंपनी को किसी तरह की चुनौती नहीं आएगी. हमारे पास इसके लिए पर्याप्त नकदी और आंतरिक संसाधन हैं. एमटीएनएल के पास नकदी या नकदी के समतुल्य 250 करोड़ रुपये हैं.

उन्होंने कहा कि हम अपने सभी वैध दावों को हासिल करने में जुटे हैं. सभी स्रोतों से यह राशि करीब 1,000 करोड़ रुपये बैठती है. एक-एक पाई को हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है. दूरसंचार विभाग से भी हमें कुछ बकाया लेना है. इसके अलावा करीब 100 करोड़ रुपये का आयकर रिफंड आना है.

एमटीएनएल ने कहा कि उसने अपने 500 करोड़ रुपये के लंबित बकाया के एवज में दूरसंचार विभाग से कोई 'अनुदान' नहीं मांगा है. पुरवार ने कहा कि हम सिर्फ अपने वैध दावों को पाना चाहते हैं. इसे पूरा किया जाना चाहिए.

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