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मुद्दों को सुलझाने के लिए तेजी से कदम उठा रहा है सेबी: त्यागी

त्यागी ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लि. (केएसबीएल) में संकट को लेकर नियामक द्वारा की गई कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा, "जो भी सुधार की जरूरत है, हम तेजी से कदम उठा रहे हैं. जो भी सेबी के दायरे में है."

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मुद्दों को सुलझाने के लिए तेजी से कदम उठा रहा है सेबी: त्यागी
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Published : Dec 17, 2019, 2:49 PM IST

नई दिल्ली: वित्तीय क्षेत्र की विभिन्न इकाइयों में संकट के बीच भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रमुख अजय त्यागी ने कहा है कि नियामक इस दिशा में तेजी से कदम उठा रहा है. त्यागी ने सोमवार को कहा कि इस तरह की चीजों से निवेशकों के भरोसा प्रभावित होता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सब कुछ गलत है.

त्यागी ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लि. (केएसबीएल) में संकट को लेकर नियामक द्वारा की गई कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा, "जो भी सुधार की जरूरत है, हम तेजी से कदम उठा रहे हैं. जो भी सेबी के दायरे में है."

यह पूछे जाने पर कि डीएचएफएल, आईएलएंडएफएस और केएसबीएल में संकट से निवेशकों के विश्वास पर असर पड़ा है, त्यागी ने कहा कि निश्चित रूप से इस तरह की चीजों से निवेशकों के भरोसे पर असर पड़ता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सब कुछ खराब है, सब कुछ गलत है. उन्होंने कहा कि सेबी के दायरे में जो कुछ है उस पर नियामक ने तेजी से कदम उठाया है.

ये भी पढ़ें: क्या स्थानीय लोगों के लिए नौकरी कोटा बेरोजगारी की समस्या को हल करता है?

त्यागी ने कहा, "कार्वी हमारे दायरे में था। हमने तेजी से कदम उठाया। हम रेटिंग एजेंसियों के पक्ष को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही बांड बाजार के विकास पर काम कर रहे हैं."

सेबी ने 22 नवंबर को केएसबीएल को शेयर ब्रोकिंग गतिविधियों के संदर्भ में नए ग्राहक जोड़ने पर रोक लगा दी थी. ब्रोकर द्वारा ग्राहकों की प्रतिभूतियों के दुरुपयोग के बाद उनकी ओर से (ग्राहकों) दिए गए मुख्तारनामे का इस्तेमाल करने पर भी रोक लगाई थी.

नई दिल्ली: वित्तीय क्षेत्र की विभिन्न इकाइयों में संकट के बीच भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रमुख अजय त्यागी ने कहा है कि नियामक इस दिशा में तेजी से कदम उठा रहा है. त्यागी ने सोमवार को कहा कि इस तरह की चीजों से निवेशकों के भरोसा प्रभावित होता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सब कुछ गलत है.

त्यागी ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लि. (केएसबीएल) में संकट को लेकर नियामक द्वारा की गई कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा, "जो भी सुधार की जरूरत है, हम तेजी से कदम उठा रहे हैं. जो भी सेबी के दायरे में है."

यह पूछे जाने पर कि डीएचएफएल, आईएलएंडएफएस और केएसबीएल में संकट से निवेशकों के विश्वास पर असर पड़ा है, त्यागी ने कहा कि निश्चित रूप से इस तरह की चीजों से निवेशकों के भरोसे पर असर पड़ता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सब कुछ खराब है, सब कुछ गलत है. उन्होंने कहा कि सेबी के दायरे में जो कुछ है उस पर नियामक ने तेजी से कदम उठाया है.

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त्यागी ने कहा, "कार्वी हमारे दायरे में था। हमने तेजी से कदम उठाया। हम रेटिंग एजेंसियों के पक्ष को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही बांड बाजार के विकास पर काम कर रहे हैं."

सेबी ने 22 नवंबर को केएसबीएल को शेयर ब्रोकिंग गतिविधियों के संदर्भ में नए ग्राहक जोड़ने पर रोक लगा दी थी. ब्रोकर द्वारा ग्राहकों की प्रतिभूतियों के दुरुपयोग के बाद उनकी ओर से (ग्राहकों) दिए गए मुख्तारनामे का इस्तेमाल करने पर भी रोक लगाई थी.

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नई दिल्ली: वित्तीय क्षेत्र की विभिन्न इकाइयों में संकट के बीच भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रमुख अजय त्यागी ने कहा है कि नियामक इस दिशा में तेजी से कदम उठा रहा है. त्यागी ने सोमवार को कहा कि इस तरह की चीजों से निवेशकों के भरोसा प्रभावित होता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सब कुछ गलत है.

त्यागी ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लि. (केएसबीएल) में संकट को लेकर नियामक द्वारा की गई कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा, "जो भी सुधार की जरूरत है, हम तेजी से कदम उठा रहे हैं. जो भी सेबी के दायरे में है."

यह पूछे जाने पर कि डीएचएफएल, आईएलएंडएफएस और केएसबीएल में संकट से निवेशकों के विश्वास पर असर पड़ा है, त्यागी ने कहा कि निश्चित रूप से इस तरह की चीजों से निवेशकों के भरोसे पर असर पड़ता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सब कुछ खराब है, सब कुछ गलत है. उन्होंने कहा कि सेबी के दायरे में जो कुछ है उस पर नियामक ने तेजी से कदम उठाया है.

त्यागी ने कहा, "कार्वी हमारे दायरे में था। हमने तेजी से कदम उठाया। हम रेटिंग एजेंसियों के पक्ष को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही बांड बाजार के विकास पर काम कर रहे हैं."

सेबी ने 22 नवंबर को केएसबीएल को शेयर ब्रोकिंग गतिविधियों के संदर्भ में नए ग्राहक जोड़ने पर रोक लगा दी थी. ब्रोकर द्वारा ग्राहकों की प्रतिभूतियों के दुरुपयोग के बाद उनकी ओर से (ग्राहकों) दिए गए मुख्तारनामे का इस्तेमाल करने पर भी रोक लगाई थी.

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