नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कर्ज में डूबी एस्सार स्टील के अधिग्रहण के लिये आर्सेलरमित्तल की 42,000 करोड़ रुपये की बोली को मंजूरी देने के राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) का आदेश शुक्रवार को रद्द कर दिया.
न्यायमूर्ति आर. एफ. नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण का आदेश रद्द किया. इस आदेश के तहत न्यायाधिकरण ने आर्सेलरमित्तल की बोली की रकम के वितरण में वित्तीय कर्जदाताओं और परिचालन कर्जदाताओं को समान दर्जा प्रदान किया था.
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शीर्ष अदालत ने समाधान खोजने के लिये दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता के तहत निर्धारित 330 दिन की समयसीमा में भी ढील दी है. पीठ ने स्पष्ट किया कि वित्तीय देनदारों को प्राथमिकता होती है और कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) द्वारा स्वीकृत फैसले में न्याय करने वाला न्यायाधिकरण हस्तक्षेप नही कर सकता.
एस्सार स्टील पर बैंकों का 49 हजार करोड़ है बकाया
एस्सार स्टील पर एक दर्जन बैंकों का लगभग 49,000 करोड़ रुपये बकाया है. अकेले एसबीआई का 15,000 करोड़ रुपये से अधिक का एक्सपोजर है. कंपनी से जुड़े अन्य बैंकों में आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक और सिंडिकेट बैंक शामिल हैं.
बैंकों के शेयरों में आया में बड़ा उछाल
निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, एसबीआई, बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, कैनरा बैंक, इंडियन बैंक, पीएनबी, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, जेएंडके बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई बैंक, यूनियन बैंक के शेयर 3.7 प्रतिशत उछल कर 2,466.85 पर पहुंच गया.