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एसबीआई, पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा चालू वित्त वर्ष में शेयरों की बिक्री कर जुटा सकते हैं पूंजी

सूत्रों के अनुसार बैंकों के लिये अपनी गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए), एकबारगी कर्ज पुनर्गठन और उसके परिणामस्वरूप रेटिंग को लेकर तस्वीर अक्टूबर के अंत तक ही साफ होगी. उसने कहा कि उसके बाद बैंक शेयर बिक्री के लिये समय, मात्रा, मर्चेंट बैंकरों की नियुक्ति और अन्य औपचारिकताओं को लेकर प्रक्रियाएं शुरू कर सकते हैं.

एसबीआई, पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा चालू वित्त वर्ष में शेयरों की बिक्री कर जुटा सकते हैं पूंजी
एसबीआई, पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा चालू वित्त वर्ष में शेयरों की बिक्री कर जुटा सकते हैं पूंजी
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Published : Aug 23, 2020, 7:21 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) समेत पांच बड़े बैंक पूंजी जुटाने के लिये चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में संस्थागत निवेशकों को शेयरों की बिक्री कर सकते हैं. ये बैंक कोरोना वायरस संकट और अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभाव के बीच पूंजी आधार बढ़ाने के तहत ये कदम उठ रहे हैं.

मर्चेंट बैंकिंग से जुड़े सूत्रों ने कहा कि पूंजी जुटाने के लिये पात्र संस्थागत नियोजन सर्वाधिक तरजीही रास्ता हो सकता है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक दूसरी तिमाही में वित्तीय परिणाम को अंतिम रूप देने के बाद इस संदर्भ में निर्णय कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- एजेंसियों का अनुमान: पहली तिमाही में 10-25 प्रतिशत तक गिर सकती है भारत की जीडीपी

सूत्रों के अनुसार बैंकों के लिये अपनी गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए), एकबारगी कर्ज पुनर्गठन और उसके परिणामस्वरूप रेटिंग को लेकर तस्वीर अक्टूबर के अंत तक ही साफ होगी. उसने कहा कि उसके बाद बैंक शेयर बिक्री के लिये समय, मात्रा, मर्चेंट बैंकरों की नियुक्ति और अन्य औपचारिकताओं को लेकर प्रक्रियाएं शुरू कर सकते हैं.

सूत्रों के अनुसार एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), बीओबी और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) जैसे चार से पांच बड़े बैंक चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही या चौथी तिमाही के अंत तक पूंजी जुटाने पर गौर करेंगे.

सूत्रों का कहना है कि इन बैंकों ने इस रूप से पूंजी जुटाने की योजना बनायी है जिससे नकदी की कोई तंगी नहीं हो और घरेलू और वैश्विक निवेशकों दोनों के लिये विभिन्न क्यूआईपी में भागीदारी को लेकर पर्याप्त गुंजाइश हो. पीएनबी पहले ही चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में पूंजी बाजार में जाने को लेकर अपना इरादा जता चुका है ताकि वह वृद्धि संबंधी जरूरतों और नियामकीय आवश्यकताओं को पूरा कर सके.

पीएनबी के प्रबंध निदेशक एस एस मल्लिकार्जुन राव ने जून में पीटीआई-भाषा से कहा था, "हम चालू वित्त वर्ष की तीसरी या चौथी तिमाही में पूंजी जुटाने की योजना बना रहे हैं."

उल्लेखनीय है कि आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक समेत निजी क्षेत्र के बैंक पहले ही पात्र संस्थागत नियोजन के जरिये पिछले तीन महीनों में पूंजी जुटा चुके हैं. सार्वजनिक क्षेत्र के ज्यादातर बैंकों को चालू वित्त वर्ष में बांड और शेयर के जरिये पूंजी जुटाने की मंजूरी पहले ही शेयरधारकों से मिल चुकी है.

चालू वित्त वर्ष के दौरान बैंकों को जोखिम भारांश संपत्ति (आरडब्ल्यूए) और लाभ में सुधार के लिये पूंजी जुटाने की जरूरत पड़ सकती है. जहां तक इक्विटी शेयर (टियर-एक) और बांड (टियर-2) के तहत पूंजी जुटाने का सवाल है, एसबीआई ने हाल ही में बासेल-3 मानकों वाला बांड निवेशकों को जारी कर 8,931 करोड़ रुपये जुटाए हैं.

वहीं पीएनबी ने निजी नियोजन के आधार पर बासेल-3 मानकों वाला बांड जारी कर 994 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा ने अतिरिक्त टियर-एक बांड के जरिये 981 करोड़ रुपये जुटाये हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) समेत पांच बड़े बैंक पूंजी जुटाने के लिये चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में संस्थागत निवेशकों को शेयरों की बिक्री कर सकते हैं. ये बैंक कोरोना वायरस संकट और अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभाव के बीच पूंजी आधार बढ़ाने के तहत ये कदम उठ रहे हैं.

मर्चेंट बैंकिंग से जुड़े सूत्रों ने कहा कि पूंजी जुटाने के लिये पात्र संस्थागत नियोजन सर्वाधिक तरजीही रास्ता हो सकता है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक दूसरी तिमाही में वित्तीय परिणाम को अंतिम रूप देने के बाद इस संदर्भ में निर्णय कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- एजेंसियों का अनुमान: पहली तिमाही में 10-25 प्रतिशत तक गिर सकती है भारत की जीडीपी

सूत्रों के अनुसार बैंकों के लिये अपनी गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए), एकबारगी कर्ज पुनर्गठन और उसके परिणामस्वरूप रेटिंग को लेकर तस्वीर अक्टूबर के अंत तक ही साफ होगी. उसने कहा कि उसके बाद बैंक शेयर बिक्री के लिये समय, मात्रा, मर्चेंट बैंकरों की नियुक्ति और अन्य औपचारिकताओं को लेकर प्रक्रियाएं शुरू कर सकते हैं.

सूत्रों के अनुसार एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), बीओबी और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) जैसे चार से पांच बड़े बैंक चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही या चौथी तिमाही के अंत तक पूंजी जुटाने पर गौर करेंगे.

सूत्रों का कहना है कि इन बैंकों ने इस रूप से पूंजी जुटाने की योजना बनायी है जिससे नकदी की कोई तंगी नहीं हो और घरेलू और वैश्विक निवेशकों दोनों के लिये विभिन्न क्यूआईपी में भागीदारी को लेकर पर्याप्त गुंजाइश हो. पीएनबी पहले ही चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में पूंजी बाजार में जाने को लेकर अपना इरादा जता चुका है ताकि वह वृद्धि संबंधी जरूरतों और नियामकीय आवश्यकताओं को पूरा कर सके.

पीएनबी के प्रबंध निदेशक एस एस मल्लिकार्जुन राव ने जून में पीटीआई-भाषा से कहा था, "हम चालू वित्त वर्ष की तीसरी या चौथी तिमाही में पूंजी जुटाने की योजना बना रहे हैं."

उल्लेखनीय है कि आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक समेत निजी क्षेत्र के बैंक पहले ही पात्र संस्थागत नियोजन के जरिये पिछले तीन महीनों में पूंजी जुटा चुके हैं. सार्वजनिक क्षेत्र के ज्यादातर बैंकों को चालू वित्त वर्ष में बांड और शेयर के जरिये पूंजी जुटाने की मंजूरी पहले ही शेयरधारकों से मिल चुकी है.

चालू वित्त वर्ष के दौरान बैंकों को जोखिम भारांश संपत्ति (आरडब्ल्यूए) और लाभ में सुधार के लिये पूंजी जुटाने की जरूरत पड़ सकती है. जहां तक इक्विटी शेयर (टियर-एक) और बांड (टियर-2) के तहत पूंजी जुटाने का सवाल है, एसबीआई ने हाल ही में बासेल-3 मानकों वाला बांड निवेशकों को जारी कर 8,931 करोड़ रुपये जुटाए हैं.

वहीं पीएनबी ने निजी नियोजन के आधार पर बासेल-3 मानकों वाला बांड जारी कर 994 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा ने अतिरिक्त टियर-एक बांड के जरिये 981 करोड़ रुपये जुटाये हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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