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महाराष्ट्र में 19,784 करोड़ रुपये अंतरिम बजट पेश, सिंचाई और सूखा निदान पर जोर

विधान सभा में अंतरिम बजट को पेश करते हुए वित्त मंत्री सुधीर मुनगंतीवर ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के पहले चार महीनों की अवधि के लिए जल संसाधन विभाग को अपने खर्च के लिए 8,733 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है.

अंतरिम बजट को पेश करते हुए वित्त मंत्री सुधीर मुनगंतीवर
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Published : Feb 27, 2019, 11:51 PM IST

मुंबई: चुनावी वर्ष में अंतरिम बजट पेश करते हुए भाजपा के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने विदर्भ और मराठवाड़ा तथा सूखा प्रवण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के साथ सिंचाई के लिए सर्वाधिक 8,733 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. हालांकि, विपक्ष ने बजट की आलोचना करते हुए कहा है कि इसमें किसानों की दुर्दशा को नजरअंदाज किया गया है.

बुधवार को विधान सभा में अंतरिम बजट को पेश करते हुए वित्त मंत्री सुधीर मुनगंतीवर ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के पहले चार महीनों की अवधि के लिए जल संसाधन विभाग को अपने खर्च के लिए 8,733 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है. अंतरिम बजट में 19,784 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया गया है और कृषि ऋण माफी के लिए विशेष निधि का प्रावधान किया गया है.

ये भी पढ़ें-चालू वित्त वर्ष के 11 माह के दौरान 20,000 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी गई

मुंगंतीवर ने सदन को बताया, "विदर्भ, मराठवाड़ा और राज्य के बाकी हिस्सों के सूखाग्रस्त क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के साथ सिंचाई परियोजनाओं के लिए 8,733 करोड़ रुपये का खर्च दिया गया है." राज्य सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में कुल 36 जिलों में से 26 के 151 तालुकों में सूखा पड़ने की घोषणा की थी.

राज्य सरकार की प्रमुख 'जलयुक्त शिवर योजना' के लिए 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें मई 2019 तक 22,000 गांवों को सूखा मुक्त बनाने का प्रस्ताव किया गया है. सड़क विकास के लिए 8,500 करोड़ रुपये के आवंटन का एक और बड़ा हिस्सा दिया गया है.

सिंचाई और कृषि पर सरकार के विशेष ध्यान को रेखांकित करते हुए, मुनगंतीवर ने कहा, “रोजगार गारंटी योजना (ईजीएस) के तहत कार्यों के साथ-साथ सूक्ष्म सिंचाई, कुओं और खेत तालाबों के लिए 5,187 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. विभिन्न कृषि योजनाओं के लिए 3,498 करोड़ रुपये का खर्च प्रस्तावित है.”

खेती के काम में उपयोग किये जाने वाले पंप सेटों को बिजली से जोड़ने के लिए 900 करोड़ रुपये का खर्च प्रस्तावित है. मंत्री ने कहा, "हाइब्रिड एन्युटी मॉडल के तहत सड़क विकास के लिए 3,700 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2,164 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है."

सरकार ने केंद्रीय सड़क निधि योजना के तहत 1,105 करोड़ रुपये और नाबार्ड-सहायता प्राप्त विकास योजना के लिए 350 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया है. अंतरिम बजट में बुनियादी ऊर्जा आधारभूत संरचना विकास के लिए 6,306 करोड़ रुपये, बस स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए 101 करोड़ रुपये और कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओं को बिजली दरों में रियायत देने के वास्ते 5,210 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.

स्मार्ट शहरों और एएमआरयूटी मिशन के विकास के लिए 2,400 करोड़ रुपये का कोष प्रस्तावित है. स्वास्थ्य मोर्चे पर, प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना और महात्मा फुलेजन आरोग्य योजना को 1,021 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को 2,098 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. मुंगंतीवर ने कहा कि अल्पसंख्यक विभाग के तहत विभिन्न योजनाओं के लिए 465 करोड़ रुपये का आवंटन प्रस्तावित किया गया है जबकि महिला एवं शिशुओं के लिए 2,921 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

(भाषा)

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मुंबई: चुनावी वर्ष में अंतरिम बजट पेश करते हुए भाजपा के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने विदर्भ और मराठवाड़ा तथा सूखा प्रवण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के साथ सिंचाई के लिए सर्वाधिक 8,733 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. हालांकि, विपक्ष ने बजट की आलोचना करते हुए कहा है कि इसमें किसानों की दुर्दशा को नजरअंदाज किया गया है.

बुधवार को विधान सभा में अंतरिम बजट को पेश करते हुए वित्त मंत्री सुधीर मुनगंतीवर ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के पहले चार महीनों की अवधि के लिए जल संसाधन विभाग को अपने खर्च के लिए 8,733 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है. अंतरिम बजट में 19,784 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया गया है और कृषि ऋण माफी के लिए विशेष निधि का प्रावधान किया गया है.

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मुंगंतीवर ने सदन को बताया, "विदर्भ, मराठवाड़ा और राज्य के बाकी हिस्सों के सूखाग्रस्त क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के साथ सिंचाई परियोजनाओं के लिए 8,733 करोड़ रुपये का खर्च दिया गया है." राज्य सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में कुल 36 जिलों में से 26 के 151 तालुकों में सूखा पड़ने की घोषणा की थी.

राज्य सरकार की प्रमुख 'जलयुक्त शिवर योजना' के लिए 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें मई 2019 तक 22,000 गांवों को सूखा मुक्त बनाने का प्रस्ताव किया गया है. सड़क विकास के लिए 8,500 करोड़ रुपये के आवंटन का एक और बड़ा हिस्सा दिया गया है.

सिंचाई और कृषि पर सरकार के विशेष ध्यान को रेखांकित करते हुए, मुनगंतीवर ने कहा, “रोजगार गारंटी योजना (ईजीएस) के तहत कार्यों के साथ-साथ सूक्ष्म सिंचाई, कुओं और खेत तालाबों के लिए 5,187 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. विभिन्न कृषि योजनाओं के लिए 3,498 करोड़ रुपये का खर्च प्रस्तावित है.”

खेती के काम में उपयोग किये जाने वाले पंप सेटों को बिजली से जोड़ने के लिए 900 करोड़ रुपये का खर्च प्रस्तावित है. मंत्री ने कहा, "हाइब्रिड एन्युटी मॉडल के तहत सड़क विकास के लिए 3,700 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2,164 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है."

सरकार ने केंद्रीय सड़क निधि योजना के तहत 1,105 करोड़ रुपये और नाबार्ड-सहायता प्राप्त विकास योजना के लिए 350 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया है. अंतरिम बजट में बुनियादी ऊर्जा आधारभूत संरचना विकास के लिए 6,306 करोड़ रुपये, बस स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए 101 करोड़ रुपये और कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओं को बिजली दरों में रियायत देने के वास्ते 5,210 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.

स्मार्ट शहरों और एएमआरयूटी मिशन के विकास के लिए 2,400 करोड़ रुपये का कोष प्रस्तावित है. स्वास्थ्य मोर्चे पर, प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना और महात्मा फुलेजन आरोग्य योजना को 1,021 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को 2,098 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. मुंगंतीवर ने कहा कि अल्पसंख्यक विभाग के तहत विभिन्न योजनाओं के लिए 465 करोड़ रुपये का आवंटन प्रस्तावित किया गया है जबकि महिला एवं शिशुओं के लिए 2,921 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

(भाषा)

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महाराष्ट्र में 19,784 करोड़ रुपये अंतरिम बजट पेश, सिंचाई और सूखा निदान पर जोर

मुंबई: चुनावी वर्ष में अंतरिम बजट पेश करते हुए भाजपा के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने विदर्भ और मराठवाड़ा तथा सूखा प्रवण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के साथ सिंचाई के लिए सर्वाधिक 8,733 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. हालांकि, विपक्ष ने बजट की आलोचना करते हुए कहा है कि इसमें किसानों की दुर्दशा को नजरअंदाज किया गया है. 

बुधवार को विधान सभा में अंतरिम बजट को पेश करते हुए वित्त मंत्री सुधीर मुनगंतीवर ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के पहले चार महीनों की अवधि के लिए जल संसाधन विभाग को अपने खर्च के लिए 8,733 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है. अंतरिम बजट में 19,784 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया गया है और कृषि ऋण माफी के लिए विशेष निधि का प्रावधान किया गया है. 

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मुंगंतीवर ने सदन को बताया, "विदर्भ, मराठवाड़ा और राज्य के बाकी हिस्सों के सूखाग्रस्त क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के साथ सिंचाई परियोजनाओं के लिए 8,733 करोड़ रुपये का खर्च दिया गया है." राज्य सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में कुल 36 जिलों में से 26 के 151 तालुकों में सूखा पड़ने की घोषणा की थी. 

राज्य सरकार की प्रमुख 'जलयुक्त शिवर योजना' के लिए 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें मई 2019 तक 22,000 गांवों को सूखा मुक्त बनाने का प्रस्ताव किया गया है. सड़क विकास के लिए 8,500 करोड़ रुपये के आवंटन का एक और बड़ा हिस्सा दिया गया है. 

सिंचाई और कृषि पर सरकार के विशेष ध्यान को रेखांकित करते हुए, मुनगंतीवर ने कहा, “रोजगार गारंटी योजना (ईजीएस) के तहत कार्यों के साथ-साथ सूक्ष्म सिंचाई, कुओं और खेत तालाबों के लिए 5,187 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. विभिन्न कृषि योजनाओं के लिए 3,498 करोड़ रुपये का खर्च प्रस्तावित है.” 

खेती के काम में उपयोग किये जाने वाले पंप सेटों को बिजली से जोड़ने के लिए 900 करोड़ रुपये का खर्च प्रस्तावित है. मंत्री ने कहा, "हाइब्रिड एन्युटी मॉडल के तहत सड़क विकास के लिए 3,700 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2,164 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है." 

सरकार ने केंद्रीय सड़क निधि योजना के तहत 1,105 करोड़ रुपये और नाबार्ड-सहायता प्राप्त विकास योजना के लिए 350 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया है. अंतरिम बजट में बुनियादी ऊर्जा आधारभूत संरचना विकास के लिए 6,306 करोड़ रुपये, बस स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए 101 करोड़ रुपये और कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओं को बिजली दरों में रियायत देने के वास्ते 5,210 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. 

स्मार्ट शहरों और एएमआरयूटी मिशन के विकास के लिए 2,400 करोड़ रुपये का कोष प्रस्तावित है. स्वास्थ्य मोर्चे पर, प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना और महात्मा फुलेजन आरोग्य योजना को 1,021 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को 2,098 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. मुंगंतीवर ने कहा कि अल्पसंख्यक विभाग के तहत विभिन्न योजनाओं के लिए 465 करोड़ रुपये का आवंटन प्रस्तावित किया गया है जबकि महिला एवं शिशुओं के लिए 2,921 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

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