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रिलायंस, बीपी ने केजी-डी6 ब्लॉक में गहरे पानी में दूसरे गैस क्षेत्र से उत्पादन शुरू किया

रिलायंस और बीपी ने केजी-डी6 ब्लॉक में हाल में दो गहरे पानी वाले गैस क्षेत्रों की खोज की है, जिन्हें सैटेलाइट क्लस्टर और एमजे क्लस्टर कहा जाता है.

रिलायंस, बीपी ने केजी-डी6 ब्लॉक में गहरे पानी में दूसरे गैस क्षेत्र से उत्पादन शुरू किया
रिलायंस, बीपी ने केजी-डी6 ब्लॉक में गहरे पानी में दूसरे गैस क्षेत्र से उत्पादन शुरू किया
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Published : Apr 26, 2021, 3:17 PM IST

नई दिल्ली : रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसकी ब्रिटेन स्थित साझेदार बीपी पीएलसी ने सोमवार को कहा कि केजी-डी6 ब्लॉक में उनके द्वारा गहरे पानी में की गई नई खोज में दूसरे गैस क्षेत्र से उत्पादन शुरू हो गया है.

दोनों कंपनियों ने संयुक्त बयान में कहा कि आर क्लस्टर में पिछले साल दिसंबर में उत्पादन चालू हो गया था और अब सैटेलाइट क्लस्टर में उत्पादन शुरू हो गया है.

रिलायंस और बीपी ने केजी-डी6 ब्लॉक में हाल में दो गहरे पानी वाले गैस क्षेत्रों की खोज की है, जिन्हें सैटेलाइट क्लस्टर और एमजे क्लस्टर कहा जाता है.

बयान में कहा गया, 'कोविड-19 की चुनौतियों के बावजूद सैटेलाइट क्लस्टर क्षेत्र से उत्पादन तय समय से दो महीने पहले शुरू हो गया है.'

ये भी पढ़ें : वाणिज्यिक कोयला खान नीलामी के लिए सरकार की बोली लगाने वालों के साथ बैठक

रिलायंस-बीपी केजी-डी6 में तीन गहरे पानी वाले गैस क्षेत्र का विकास कर रहे हैं, जिनके नाम आर क्लस्टर, सैटेलाइट क्लस्टर और एमजे हैं. इन तीनों क्षेत्रों की प्राकृतिक गैस की कुल क्षमता 2023 तक 30 मिलियन मानक घन मीटर प्रतिदिन है, जिससे भारत की 15 प्रतिशत गैस की मांग पूरी हो सकती है.

इन गैस क्षेत्र में रिलायंस के पास 66.67 प्रतिशत हिस्सेदारी और बीपी के पास 33.33 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

नई दिल्ली : रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसकी ब्रिटेन स्थित साझेदार बीपी पीएलसी ने सोमवार को कहा कि केजी-डी6 ब्लॉक में उनके द्वारा गहरे पानी में की गई नई खोज में दूसरे गैस क्षेत्र से उत्पादन शुरू हो गया है.

दोनों कंपनियों ने संयुक्त बयान में कहा कि आर क्लस्टर में पिछले साल दिसंबर में उत्पादन चालू हो गया था और अब सैटेलाइट क्लस्टर में उत्पादन शुरू हो गया है.

रिलायंस और बीपी ने केजी-डी6 ब्लॉक में हाल में दो गहरे पानी वाले गैस क्षेत्रों की खोज की है, जिन्हें सैटेलाइट क्लस्टर और एमजे क्लस्टर कहा जाता है.

बयान में कहा गया, 'कोविड-19 की चुनौतियों के बावजूद सैटेलाइट क्लस्टर क्षेत्र से उत्पादन तय समय से दो महीने पहले शुरू हो गया है.'

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रिलायंस-बीपी केजी-डी6 में तीन गहरे पानी वाले गैस क्षेत्र का विकास कर रहे हैं, जिनके नाम आर क्लस्टर, सैटेलाइट क्लस्टर और एमजे हैं. इन तीनों क्षेत्रों की प्राकृतिक गैस की कुल क्षमता 2023 तक 30 मिलियन मानक घन मीटर प्रतिदिन है, जिससे भारत की 15 प्रतिशत गैस की मांग पूरी हो सकती है.

इन गैस क्षेत्र में रिलायंस के पास 66.67 प्रतिशत हिस्सेदारी और बीपी के पास 33.33 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

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