ETV Bharat / business

सरकार को अंतरिम लाभांश के रूप में 28,000 करोड़ रुपये देगा RBI

नई दिल्ली : केंद्र के राजकोषीय घाटे को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) सरकार को 28,000 करोड़ रुपये के अंतरिम लाभांश का भुगतान करेगा. सोमवार को यह घोषणा बैंक की केंद्रीय बोर्ड की बैठक के बाद हुई, जिसे वित्त मंत्री अरूण जेटली ने संबोधित किया.

कॉन्सेप्ट इमेज।
author img

By

Published : Feb 18, 2019, 11:09 PM IST


यह लगातार दूसरा वर्ष है, जब आरबीआई अंतरिम अधिशेष हस्तांतरित करेगा. यह 2017-18 के लिए अगस्त 2018 में आरबीआई द्वारा घोषित 50,000 करोड़ रुपये के अधिशेष हस्तांतरण के अतिरिक्त है(आरबीआई जुलाई-जून वित्तीय वर्ष का अनुसरण करता है). इस दौरान 10,000 करोड़ रुपये 27 मार्च, 2018 को सरकार को अंतरिम लाभांश के रूप में दिए गए थे.

केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, "एक सीमित ऑडिट समीक्षा के आधार पर और मौजूदा आर्थिक पूंजी ढांचे को लागू करने के बाद, बोर्ड ने 31 दिसंबर, 2018 को समाप्त छमाही के लिए केंद्र सरकार को 280 अरब रुपये का अंतरिम अधिशेष हस्तांतरित करने का फैसला किया."

आरबीआई ने 2017-18 में सरकार को लाभांश के रूप में 30,663 करोड़ रुपये दिए थे.

बोर्ड को दिए अपने संबोधन में, जेटली ने पिछले चार वर्षों में सरकार द्वारा किए गए विभिन्न सुधारों और नीतिगत उपायों और उसके प्रभावों को रेखांकित किया.

आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 47 के तहत केंद्रीय बैंक अपनी अधिशेष राशि सरकार को हस्तांतरित करता है.

undefined

अधिनियम की धारा 47 कहती है: "बुरे और संदिग्ध ऋणों के लिए प्रावधान करने के बाद, परिसंपत्तियों में मूल्यह्रास, कर्मचारियों और सुपरनेशन फंड में योगदान और उन सभी मामलों के लिए जिनके लिए प्रावधान अधिनियम के तहत या आमतौर पर बैंकरों द्वारा प्रदान किया जाना है, के बाद शेष लाभ का भुगतान केंद्र सरकार को किया जाएगा."

बजट दस्तावेज के अनुसार, सरकार को 2019-20 के दौरान आरबीआई, राष्ट्रीयकृत बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लाभांश/अधिशेष के रूप में 82,911.56 करोड़ रुपये की उम्मीद है.

बयान में आगे बताया गया कि केंद्रीय बोर्ड ने आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी हमले में मारे गए सुरक्षाकर्मियों के सम्मान के निशान के रूप में दो मिनट का मौन भी रखा.

2018-19 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.4 प्रतिशत पर थोड़ा अधिक होने की उम्मीद है, जो किसानों को आय सहायता के लिए 20,000 करोड़ रुपये के बजट के कारण है. 2019-20 के लिए भी, सरकार ने राजकोषीय घाटे को 3.4 प्रतिशत पर बनाए रखा है.
(पीटीआई से इनपुट)
पढ़ें : सरकार ने अब तक विनिवेश से जुटाए 53,558 करोड़ रुपये, 80 हजार करोड़ जुटाने का है लक्ष्य

undefined


यह लगातार दूसरा वर्ष है, जब आरबीआई अंतरिम अधिशेष हस्तांतरित करेगा. यह 2017-18 के लिए अगस्त 2018 में आरबीआई द्वारा घोषित 50,000 करोड़ रुपये के अधिशेष हस्तांतरण के अतिरिक्त है(आरबीआई जुलाई-जून वित्तीय वर्ष का अनुसरण करता है). इस दौरान 10,000 करोड़ रुपये 27 मार्च, 2018 को सरकार को अंतरिम लाभांश के रूप में दिए गए थे.

केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, "एक सीमित ऑडिट समीक्षा के आधार पर और मौजूदा आर्थिक पूंजी ढांचे को लागू करने के बाद, बोर्ड ने 31 दिसंबर, 2018 को समाप्त छमाही के लिए केंद्र सरकार को 280 अरब रुपये का अंतरिम अधिशेष हस्तांतरित करने का फैसला किया."

आरबीआई ने 2017-18 में सरकार को लाभांश के रूप में 30,663 करोड़ रुपये दिए थे.

बोर्ड को दिए अपने संबोधन में, जेटली ने पिछले चार वर्षों में सरकार द्वारा किए गए विभिन्न सुधारों और नीतिगत उपायों और उसके प्रभावों को रेखांकित किया.

आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 47 के तहत केंद्रीय बैंक अपनी अधिशेष राशि सरकार को हस्तांतरित करता है.

undefined

अधिनियम की धारा 47 कहती है: "बुरे और संदिग्ध ऋणों के लिए प्रावधान करने के बाद, परिसंपत्तियों में मूल्यह्रास, कर्मचारियों और सुपरनेशन फंड में योगदान और उन सभी मामलों के लिए जिनके लिए प्रावधान अधिनियम के तहत या आमतौर पर बैंकरों द्वारा प्रदान किया जाना है, के बाद शेष लाभ का भुगतान केंद्र सरकार को किया जाएगा."

बजट दस्तावेज के अनुसार, सरकार को 2019-20 के दौरान आरबीआई, राष्ट्रीयकृत बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लाभांश/अधिशेष के रूप में 82,911.56 करोड़ रुपये की उम्मीद है.

बयान में आगे बताया गया कि केंद्रीय बोर्ड ने आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी हमले में मारे गए सुरक्षाकर्मियों के सम्मान के निशान के रूप में दो मिनट का मौन भी रखा.

2018-19 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.4 प्रतिशत पर थोड़ा अधिक होने की उम्मीद है, जो किसानों को आय सहायता के लिए 20,000 करोड़ रुपये के बजट के कारण है. 2019-20 के लिए भी, सरकार ने राजकोषीय घाटे को 3.4 प्रतिशत पर बनाए रखा है.
(पीटीआई से इनपुट)
पढ़ें : सरकार ने अब तक विनिवेश से जुटाए 53,558 करोड़ रुपये, 80 हजार करोड़ जुटाने का है लक्ष्य

undefined
Intro:Body:

नई दिल्ली : केंद्र के राजकोषीय घाटे को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) सरकार को 28,000 करोड़ रुपये के अंतरिम लाभांश का भुगतान करेगा. सोमवार को यह घोषणा बैंक की केंद्रीय बोर्ड की बैठक के बाद हुई, जिसे वित्त मंत्री अरूण जेटली ने संबोधित किया.



यह लगातार दूसरा वर्ष है, जब आरबीआई अंतरिम अधिशेष हस्तांतरित करेगा. यह 2017-18 के लिए अगस्त 2018 में आरबीआई द्वारा घोषित 50,000 करोड़ रुपये के अधिशेष हस्तांतरण के अतिरिक्त है(आरबीआई जुलाई-जून वित्तीय वर्ष का अनुसरण करता है). इस दौरान 10,000 करोड़ रुपये 27 मार्च, 2018 को सरकार को अंतरिम लाभांश के रूप में दिए गए थे.



केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, "एक सीमित ऑडिट समीक्षा के आधार पर और मौजूदा आर्थिक पूंजी ढांचे को लागू करने के बाद, बोर्ड ने 31 दिसंबर, 2018 को समाप्त छमाही के लिए केंद्र सरकार को 280 अरब रुपये का अंतरिम अधिशेष हस्तांतरित करने का फैसला किया."



आरबीआई ने 2017-18 में सरकार को लाभांश के रूप में 30,663 करोड़ रुपये दिए थे.



बोर्ड को दिए अपने संबोधन में, जेटली ने पिछले चार वर्षों में सरकार द्वारा किए गए विभिन्न सुधारों और नीतिगत उपायों और उसके प्रभावों को रेखांकित किया.



आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 47 के तहत केंद्रीय बैंक अपनी अधिशेष राशि सरकार को हस्तांतरित करता है.



अधिनियम की धारा 47 कहती है: "बुरे और संदिग्ध ऋणों के लिए प्रावधान करने के बाद, परिसंपत्तियों में मूल्यह्रास, कर्मचारियों और सुपरनेशन फंड में योगदान और उन सभी मामलों के लिए जिनके लिए प्रावधान अधिनियम के तहत या आमतौर पर बैंकरों द्वारा प्रदान किया जाना है, के बाद शेष लाभ का भुगतान केंद्र सरकार को किया जाएगा."



बजट दस्तावेज के अनुसार, सरकार को 2019-20 के दौरान आरबीआई, राष्ट्रीयकृत बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लाभांश/अधिशेष के रूप में 82,911.56 करोड़ रुपये की उम्मीद है.



बयान में आगे बताया गया कि केंद्रीय बोर्ड ने आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी हमले में मारे गए सुरक्षाकर्मियों के सम्मान के निशान के रूप में दो मिनट का मौन भी रखा.



2018-19 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.4 प्रतिशत पर थोड़ा अधिक होने की उम्मीद है, जो किसानों को आय सहायता के लिए 20,000 करोड़ रुपये के बजट के कारण है. 2019-20 के लिए भी, सरकार ने राजकोषीय घाटे को 3.4 प्रतिशत पर बनाए रखा है.

(पीटीआई से इनपुट)

पढ़ें :


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.