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डेटा स्थानीयकरण नियमों को लेकर कंपनियों की चिंताओं की जांच-पड़ताल करेगा रिजर्व बैंक: सरकार - वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय

आरबीआई ने पिछले साल अप्रैल में भुगतान कंपनियों को ग्राहकों के आंकड़ों को स्थानीय सर्वर में रखने के लिए कहा था और इसके लिए छह महीने का समय दिया गया था. हालांकि, दिग्गज क्रेडिट कार्ड कंपनी वीजा और मास्टरकार्ड जैसी कुछ कंपनियां निर्धारित समयसीमा के भीतर काम पूरा नहीं कर सकी है.

डेटा स्थानीयकरण नियमों को लेकर कंपनियों की चिंताओं की जांच-पड़ताल करेगा रिजर्व बैंक: सरकार
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Published : Jun 18, 2019, 11:49 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) आंकड़ों को स्थानीय स्तर पर संग्रहीत करने (डेटा स्थानीयकरण) को लेकर दिए दिशानिर्देशों पर कंपनियों की चिंताओं की जांच-पड़ताल करेगा. इन नियमों के तहत कंपनियों को अपने ग्राहकों से जुड़ी जानकारी और आंकड़े विशेष तौर पर भारत में ही रखने होते हैं. सरकार ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

आरबीआई ने पिछले साल अप्रैल में भुगतान कंपनियों को ग्राहकों के आंकड़ों को स्थानीय सर्वर में रखने के लिए कहा था और इसके लिए छह महीने का समय दिया गया था. हालांकि, दिग्गज क्रेडिट कार्ड कंपनी वीजा और मास्टरकार्ड जैसी कुछ कंपनियां निर्धारित समयसीमा के भीतर काम पूरा नहीं कर सकी है.

ये भी पढ़ें: पानी की कमी के चलते बाथरूम उपयोग घटाएगी आईटी कंपनियां, घर से काम करने पर दे रही जोर

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बयान में कहा कि वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने ई-कॉमर्स एवं प्रौद्योगिकी उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ सोमवार को इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया. बैठक में मौजूद कंपनियों ने रिजर्व बैंक की ओर से जारी डेटा भंडारण जरूरतों और प्रसंस्करण से जुड़े दिशानिर्देशों को लेकर अपनी चिंताएं जताई हैं. रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर बी पी कानूनगो ने उद्योग प्रतिनिधियों को इन मुद्दों पर गौर करने का भरोसा दिया है.

दिग्गज अंतरराष्ट्रीय कंपनियां आमतौर पर विदेशी सर्वरों में ग्राहकों के आंकड़े संग्रहीत रखती हैं. स्थानीय स्तर पर आंकड़े रखने की अनिवार्यता से उन्हें अतिरिक्त निवेश करना होगा. हालांकि, नीति निर्माताओं का मानना है कि डेटा को स्थानीय स्तर पर रखने से उनकी निगरानी और जांच-पड़ताल करने में मदद मिलेगी.

बयान में कहा गया है कि मास्टरकार्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भंगा वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक में शामिल हुए. रिलायंस जियो जैसी घरेलू कंपनियों ने जहां सरकार के डेटा स्थानीयकरण प्रयासों का समर्थन किया, वहीं फेसबुक, अमेजान, माइक्रोसाफ्ट और मास्टरकार्ड ने इसका विरोध किया। आरबीआई के नियम के अलावा, कंपनियों ने ई-कॉमर्स नीति के मसौदे पर भी चिंता व्यक्त की है.

बयान में कहा गया है, "वाणिज्य मंत्री ने ई-कॉमर्स उद्योग के प्रतिनिधियों को भरोसा दिलाया है कि उद्योग की हर चिंता को दूर किया जाएगा. उन्होंने इसके लिए प्रतिनिधियों से अपनी चिंता के मुद्दों के बारे में 10 दिन के भीतर उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) को बताने को कहा गया है."

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अजय प्रकाश साहनी ने ई-कॉमर्स कंपनियों को आश्वासन दिया है कि डेटा संरक्षण विधेयक को तैयार करने के समय उद्योग के साथ हुए सभी परामर्श विधेयक में नजर आएंगे. बैठक में वाणिज्य मंत्रालय, रिजर्व बैंक, विदेश मंत्रालय के अधिकारियों समेत ई-कॉमर्स और आईटी कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए.

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) आंकड़ों को स्थानीय स्तर पर संग्रहीत करने (डेटा स्थानीयकरण) को लेकर दिए दिशानिर्देशों पर कंपनियों की चिंताओं की जांच-पड़ताल करेगा. इन नियमों के तहत कंपनियों को अपने ग्राहकों से जुड़ी जानकारी और आंकड़े विशेष तौर पर भारत में ही रखने होते हैं. सरकार ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

आरबीआई ने पिछले साल अप्रैल में भुगतान कंपनियों को ग्राहकों के आंकड़ों को स्थानीय सर्वर में रखने के लिए कहा था और इसके लिए छह महीने का समय दिया गया था. हालांकि, दिग्गज क्रेडिट कार्ड कंपनी वीजा और मास्टरकार्ड जैसी कुछ कंपनियां निर्धारित समयसीमा के भीतर काम पूरा नहीं कर सकी है.

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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बयान में कहा कि वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने ई-कॉमर्स एवं प्रौद्योगिकी उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ सोमवार को इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया. बैठक में मौजूद कंपनियों ने रिजर्व बैंक की ओर से जारी डेटा भंडारण जरूरतों और प्रसंस्करण से जुड़े दिशानिर्देशों को लेकर अपनी चिंताएं जताई हैं. रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर बी पी कानूनगो ने उद्योग प्रतिनिधियों को इन मुद्दों पर गौर करने का भरोसा दिया है.

दिग्गज अंतरराष्ट्रीय कंपनियां आमतौर पर विदेशी सर्वरों में ग्राहकों के आंकड़े संग्रहीत रखती हैं. स्थानीय स्तर पर आंकड़े रखने की अनिवार्यता से उन्हें अतिरिक्त निवेश करना होगा. हालांकि, नीति निर्माताओं का मानना है कि डेटा को स्थानीय स्तर पर रखने से उनकी निगरानी और जांच-पड़ताल करने में मदद मिलेगी.

बयान में कहा गया है कि मास्टरकार्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भंगा वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक में शामिल हुए. रिलायंस जियो जैसी घरेलू कंपनियों ने जहां सरकार के डेटा स्थानीयकरण प्रयासों का समर्थन किया, वहीं फेसबुक, अमेजान, माइक्रोसाफ्ट और मास्टरकार्ड ने इसका विरोध किया। आरबीआई के नियम के अलावा, कंपनियों ने ई-कॉमर्स नीति के मसौदे पर भी चिंता व्यक्त की है.

बयान में कहा गया है, "वाणिज्य मंत्री ने ई-कॉमर्स उद्योग के प्रतिनिधियों को भरोसा दिलाया है कि उद्योग की हर चिंता को दूर किया जाएगा. उन्होंने इसके लिए प्रतिनिधियों से अपनी चिंता के मुद्दों के बारे में 10 दिन के भीतर उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) को बताने को कहा गया है."

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अजय प्रकाश साहनी ने ई-कॉमर्स कंपनियों को आश्वासन दिया है कि डेटा संरक्षण विधेयक को तैयार करने के समय उद्योग के साथ हुए सभी परामर्श विधेयक में नजर आएंगे. बैठक में वाणिज्य मंत्रालय, रिजर्व बैंक, विदेश मंत्रालय के अधिकारियों समेत ई-कॉमर्स और आईटी कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए.

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नई दिल्ली भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) आंकड़ों को स्थानीय स्तर पर संग्रहीत करने (डेटा स्थानीयकरण) को लेकर दिए दिशानिर्देशों पर कंपनियों की चिंताओं की जांच-पड़ताल करेगा. इन नियमों के तहत कंपनियों को अपने ग्राहकों से जुड़ी जानकारी और आंकड़े विशेष तौर पर भारत में ही रखने होते हैं. सरकार ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

आरबीआई ने पिछले साल अप्रैल में भुगतान कंपनियों को ग्राहकों के आंकड़ों को स्थानीय सर्वर में रखने के लिए कहा था और इसके लिए छह महीने का समय दिया गया था. हालांकि, दिग्गज क्रेडिट कार्ड कंपनी वीजा और मास्टरकार्ड जैसी कुछ कंपनियां निर्धारित समयसीमा के भीतर काम पूरा नहीं कर सकी है.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बयान में कहा कि वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने ई-कॉमर्स एवं प्रौद्योगिकी उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ सोमवार को इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया. बैठक में मौजूद कंपनियों ने रिजर्व बैंक की ओर से जारी डेटा भंडारण जरूरतों और प्रसंस्करण से जुड़े दिशानिर्देशों को लेकर अपनी चिंताएं जताई हैं. रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर बी पी कानूनगो ने उद्योग प्रतिनिधियों को इन मुद्दों पर गौर करने का भरोसा दिया है.

दिग्गज अंतरराष्ट्रीय कंपनियां आमतौर पर विदेशी सर्वरों में ग्राहकों के आंकड़े संग्रहीत रखती हैं. स्थानीय स्तर पर आंकड़े रखने की अनिवार्यता से उन्हें अतिरिक्त निवेश करना होगा. हालांकि, नीति निर्माताओं का मानना है कि डेटा को स्थानीय स्तर पर रखने से उनकी निगरानी और जांच-पड़ताल करने में मदद मिलेगी.

बयान में कहा गया है कि मास्टरकार्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भंगा वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक में शामिल हुए. रिलायंस जियो जैसी घरेलू कंपनियों ने जहां सरकार के डेटा स्थानीयकरण प्रयासों का समर्थन किया, वहीं फेसबुक, अमेजान, माइक्रोसाफ्ट और मास्टरकार्ड ने इसका विरोध किया। आरबीआई के नियम के अलावा, कंपनियों ने ई-कॉमर्स नीति के मसौदे पर भी चिंता व्यक्त की है.

बयान में कहा गया है, "वाणिज्य मंत्री ने ई-कॉमर्स उद्योग के प्रतिनिधियों को भरोसा दिलाया है कि उद्योग की हर चिंता को दूर किया जाएगा. उन्होंने इसके लिए प्रतिनिधियों से अपनी चिंता के मुद्दों के बारे में 10 दिन के भीतर उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) को बताने को कहा गया है."

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अजय प्रकाश साहनी ने ई-कॉमर्स कंपनियों को आश्वासन दिया है कि डेटा संरक्षण विधेयक को तैयार करने के समय उद्योग के साथ हुए सभी परामर्श विधेयक में नजर आएंगे. बैठक में वाणिज्य मंत्रालय, रिजर्व बैंक, विदेश मंत्रालय के अधिकारियों समेत ई-कॉमर्स और आईटी कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए.

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