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आरबीआई ने केवाईसी अनुपालन मानदंडों को छह महीने तक बढ़ाया - पेटीएम

केवाईसी के लिए पहले की तय समय सीमा 285 फरवरी को देखते हुए कंई कंपनियों ने रिजर्व बैंक से अनुरोध करते हुए कुछ और मोहलत मांगी थी.

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Published : Feb 26, 2019, 12:25 PM IST

नई दिल्ली : ई-वॉलेट कंपनियों को राहत देने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को प्रीपेड भुगतान साधन (पीपीआई) जारीकर्ताओं के लिए नो योर कस्टमर (केवाईसी) मानदंडों के अनुपालन की समय सीमा छह महीने बढ़ा दी. पहले की समय सीमा 28 फरवरी थी.

आरबीआई ने एक बयान में कहा कि "केवाईसी प्रक्रिया पूरा करने के लिए विभिन्न हितधारकों द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था में लगने वाले अतिरिक्त समय के अनुरोधों के आधार पर पीपीपआई जारीकर्ताओं को छह महीने के अतिरिक्त समय देने का निर्णय लिया गया है.

पीपीआई ऐसे उपकरण हैं, जो सामान और सेवाओं की खरीद की सुविधा प्रदान करते हैं, जिसमें ऐसे उपकरणों में संग्रहीत मूल्य के खिलाफ वित्तीय सेवाएं और प्रेषण सुविधाएं शामिल हैं.

ई-वॉलेट कंपनियां आशंकित थीं कि वे फरवरी-अंत तक सभी ग्राहकों के केवाईसी को पूरा करने के लिए केंद्रीय बैंक की समय सीमा को पूरा नहीं कर पाएंगे.

फिलहाल पेटीएम, मोबीक्विक, फ्लिपकर, फोनपे और अमेजन पे को भेजी गई क्वेरीज़ ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
(पीटीआई से इनपुट)
पढ़ें : आरबीआई के तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई रूपरेखा से बाहर आ सकते हैं कुछ और बैंक

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नई दिल्ली : ई-वॉलेट कंपनियों को राहत देने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को प्रीपेड भुगतान साधन (पीपीआई) जारीकर्ताओं के लिए नो योर कस्टमर (केवाईसी) मानदंडों के अनुपालन की समय सीमा छह महीने बढ़ा दी. पहले की समय सीमा 28 फरवरी थी.

आरबीआई ने एक बयान में कहा कि "केवाईसी प्रक्रिया पूरा करने के लिए विभिन्न हितधारकों द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था में लगने वाले अतिरिक्त समय के अनुरोधों के आधार पर पीपीपआई जारीकर्ताओं को छह महीने के अतिरिक्त समय देने का निर्णय लिया गया है.

पीपीआई ऐसे उपकरण हैं, जो सामान और सेवाओं की खरीद की सुविधा प्रदान करते हैं, जिसमें ऐसे उपकरणों में संग्रहीत मूल्य के खिलाफ वित्तीय सेवाएं और प्रेषण सुविधाएं शामिल हैं.

ई-वॉलेट कंपनियां आशंकित थीं कि वे फरवरी-अंत तक सभी ग्राहकों के केवाईसी को पूरा करने के लिए केंद्रीय बैंक की समय सीमा को पूरा नहीं कर पाएंगे.

फिलहाल पेटीएम, मोबीक्विक, फ्लिपकर, फोनपे और अमेजन पे को भेजी गई क्वेरीज़ ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
(पीटीआई से इनपुट)
पढ़ें : आरबीआई के तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई रूपरेखा से बाहर आ सकते हैं कुछ और बैंक

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केवाईसी के लिए पहले की तय समय सीमा 285 फरवरी को देखते हुए कंई कंपनियों ने रिजर्व बैंक से अनुरोध करते हुए कुछ और मोहलत मांगी थी.e wallet

नई दिल्ली : ई-वॉलेट कंपनियों को राहत देने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को प्रीपेड भुगतान साधन (पीपीआई) जारीकर्ताओं के लिए नो योर कस्टमर (केवाईसी) मानदंडों के अनुपालन की समय सीमा छह महीने बढ़ा दी. पहले की समय सीमा 28 फरवरी थी.

आरबीआई ने एक बयान में कहा कि "केवाईसी प्रक्रिया पूरा करने के लिए विभिन्न हितधारकों द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था में लगने वाले अतिरिक्त समय के अनुरोधों के आधार पर पीपीपआई जारीकर्ताओं को छह महीने के अतिरिक्त समय देने का निर्णय लिया गया है.

पीपीआई ऐसे उपकरण हैं, जो सामान और सेवाओं की खरीद की सुविधा प्रदान करते हैं, जिसमें ऐसे उपकरणों में संग्रहीत मूल्य के खिलाफ वित्तीय सेवाएं और प्रेषण सुविधाएं शामिल हैं.

ई-वॉलेट कंपनियां आशंकित थीं कि वे फरवरी-अंत तक सभी ग्राहकों के केवाईसी को पूरा करने के लिए केंद्रीय बैंक की समय सीमा को पूरा नहीं कर पाएंगे.

फिलहाल पेटीएम, मोबीक्विक, फ्लिपकर, फोनपे और अमेजन पे को भेजी गई क्वेरीज़ ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.


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