नई दिल्ली : इंडियन रेलवे 30,000 करोड़ रुपये की निजी यात्री गाड़ियों के लिए जारी बोली प्रक्रिया का पुनर्मूल्यांकन कर रहा है. रेलवे ने पिछले वर्ष 12 क्लस्टरों में इस प्रकार की ट्रेनों के संचालन के लिए निविदाएं आमंत्रित की थीं, लेकिन निजी क्षेत्र की किसी भी कंपनी ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिसके बाद रेलवे यह कदम उठा रहा है.
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष जुलाई में रेल मंत्रालय ने देशभर में 12 क्लस्टरों में यात्री ट्रेन संचालन में निजी भागीदारी के लिए बोलियां शुरू की थीं. योजना में 109 मूल-गंतव्य जोड़े शामिल थे. विजेता बोली दाताओं को राजस्व आधार मॉडल पर 35 वर्ष की रियायत अवधि प्रदान की जानी थी.
पिछले साल रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन (आरएफक्यू) के दौरान, निजी क्षेत्र की 16 कंपनियों ने परियोजना में रुचि दिखाई थी. जीएमआर हाईवे लिमिटेड, इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी), आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेव्लपर्स लिमिटेड, क्यूब हाईवे और इंफ्रास्ट्रक्चर 3 पीटीई लिमिटेड, और सीएएफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड दिलचस्पी दिखाने वाली कुछ प्रमुख कंपनियां थी.
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सूत्रों ने बताया कि हाल ही में आयोजित आरएफपी चरण (वित्तीय बोली) में यह संख्या काफी घट गई और केवल दो बोली लगाने वाले आगे आए. आईआरसीटीसी और मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने तीन क्लस्टरों के लिए निविदाएं जमा कीं, जबकि अन्य सभी पीछे हट गए.