नई दिल्ली: प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर सार्वजनिक रूप से वाई-फाई की सुविधा प्रदान करने और रेलवे स्टेशनों को डिजिटल हब में परिवर्तित करने वाले निकाय, रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की 19वीं वार्षिक आम बैठक शुक्रवार को हुई. बैठक में बताया गया कि वर्तमान में 4900+ स्टेशन रेलटेल के रेलवायर वाई-फाई सुविधा से जुड़े हैं.
रेलटेल ने अपने बलबूते पर 2018-19 के दौरान, 1017 करोड़ रुपए का कारोबार किया और कर से पूर्व 179 करोड़ रुपये और 110 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया है.
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वित्त वर्ष 2018-19 के लिए कुल लाभांशों का भुगतान 64.20 करोड़ रुपए (18 करोड़ रुपए के अंतरिम लाभांश सहित) होगा जो एजीएम में शेयरधारकों द्वारा अनुमोदित पीएटी के रूप में 58.36 प्रतिशत है.
अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक पुनीत चावला ने हितधारकों को संबोधित करते हुए इन विवरणों की जानकारी दी और उन्हें कंपनी के नवीनतम विकास और भविष्य की योजनाओं से अवगत कराया.
रेलटेल कॉर्पोरेशन एक "मिनी रत्न (श्रेणी- I)" सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई है. यह देश के सबसे बड़े तटस्थ दूरसंचार सेवा प्रदाताओं में से एक है, जो देश के सभी महत्वपूर्ण कस्बों, शहरों और कई ग्रामीण क्षेत्रों को कवर करते हुए पैन-इंडिया ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क के माध्यम से दूरसंचार सुविधाएं प्रदान कर रही है.
ऑप्टिक फाइबर के 52000+आरकेएम के एक मजबूत नेटवर्क के साथ रेलटेल के टियर-III श्रेणी के दो डेटा सेंटर हैं, इसके अलावा रेलटेल भारतीय रेलवे के लिए नेटवर्क सिस्टम के प्रशासन और ट्रेन परिचालन के आधुनिकीकरण के साथ-साथ देशव्यापी ब्रॉडबैंड और मल्टीमीडिया नेटवर्क प्रदान करने में सबसे आगे है.
अपने पैन इंडिया उच्च क्षमता वाले नेटवर्क के साथ, रेलटेल विभिन्न स्तरों पर ज्ञानपूर्ण समाज बनाने की दिशा में भी कार्य कर रहा है और इसे दूरसंचार क्षेत्र में भारत सरकार की विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए चुना गया है. रेलटेल, एमपीएलएस-वीपीएन, टेलीप्रेज़ेन्स, लीज्ड लाइन, टॉवर को-लोकेशन, डेटा सेंटर जैसी विभिन्न सेवाएं प्रदान करता है.