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'टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी में निवेश करना पंसद कर रहें हैं लोग'

मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशांत त्रिपाठी ने ईनाडु से बात करते हुए कहा है कि डेटा बताता है कि उपभोक्ता अब इन अनिश्चित समय में अपने प्रियजनों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कर बचत उत्पादों पर टर्म पॉलिसी में निवेश करना पसंद कर रहे हैं.

'टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी में निवेश करना पंसद कर रहें हैं लोग'
'टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी में निवेश करना पंसद कर रहें हैं लोग'
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Published : May 10, 2020, 7:58 PM IST

हैदराबाद: कोरोना महामारी ने उपभोक्ताओं की पसंद को प्रभावित करना शुरू कर दिया है और बीमा क्षेत्र इसका अपवाद नहीं है.

मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशांत त्रिपाठी ने ईनाडु से बात करते हुए कहा है कि डेटा बताता है कि उपभोक्ता इस अनिश्चित समय में अपने प्रियजनों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कर बचत उत्पादों पर टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी में निवेश करना पसंद कर रहे हैं.

मोटे तौर पर बीमा पॉलिसियों को शुद्ध सुरक्षा उत्पादों में वर्गीकृत किया गया है और वे कर लाभ का लाभ उठाने के लिए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रवृत्ति निकट भविष्य में उद्योग के विकास के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगी.

ये भी पढ़ें- राहत: इरडा ने जीवन बीमा पॉलिसी के नवीनीकरण के लिये छूट अवधि बढ़ाकर 31 मई की

उद्योगों के विकास के दृष्टिकोण पर टिप्पणी करते हुए प्रशांत ने कहा, "हालांकि उद्योग के विकास के मार्ग पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी, हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय जीवन बीमा उद्योग दीर्घावधि में 12-15 प्रतिशत की स्वस्थ दर से बढ़ेगा."

डिजिटलाइजेशन पर ध्यान दें

प्रशांत ने यह भी कहा कि बीमा उद्योग ने अब अपने परिचालन को डिजिटल बनाना शुरू कर दिया है और आगे डिजिटलाइजेशन में अधिक निवेश करने की उम्मीद कर रहा है.

उन्होंने कहा, "अगले कदम के रूप में उद्योग को डिजिटल बिक्री और कार्यबल प्रबंधन में अधिक निवेश करने की उम्मीद है. कंपनी वर्तमान स्थिति को अपनी डिजिटल क्षमताओं को मजबूत करने के अवसर के रूप में देख रहा है.

जीएसटी कटौती की आवश्यकता

घरेलू बीमा उद्योग में विकास को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदमों पर बोलते हुए प्रशांत ने माल और सेवा कर (जीएसटी) में कमी के लिए आग्रह किया.

उन्होंने बताया कि नियामक निकाय ने ई-केवाईसी की घोषणा की है ताकि बीमाकर्ताओं को सहज ग्राहक तक पहुंचने में सक्षम बनाया जा सके. सरकार को व्यापार आगे बढ़ाने के लिए घरेलू बीमा कंपनियों को कुछ और प्रोत्साहन दिए जाने की आवश्यकता है.

हैदराबाद: कोरोना महामारी ने उपभोक्ताओं की पसंद को प्रभावित करना शुरू कर दिया है और बीमा क्षेत्र इसका अपवाद नहीं है.

मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशांत त्रिपाठी ने ईनाडु से बात करते हुए कहा है कि डेटा बताता है कि उपभोक्ता इस अनिश्चित समय में अपने प्रियजनों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कर बचत उत्पादों पर टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी में निवेश करना पसंद कर रहे हैं.

मोटे तौर पर बीमा पॉलिसियों को शुद्ध सुरक्षा उत्पादों में वर्गीकृत किया गया है और वे कर लाभ का लाभ उठाने के लिए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रवृत्ति निकट भविष्य में उद्योग के विकास के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगी.

ये भी पढ़ें- राहत: इरडा ने जीवन बीमा पॉलिसी के नवीनीकरण के लिये छूट अवधि बढ़ाकर 31 मई की

उद्योगों के विकास के दृष्टिकोण पर टिप्पणी करते हुए प्रशांत ने कहा, "हालांकि उद्योग के विकास के मार्ग पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी, हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय जीवन बीमा उद्योग दीर्घावधि में 12-15 प्रतिशत की स्वस्थ दर से बढ़ेगा."

डिजिटलाइजेशन पर ध्यान दें

प्रशांत ने यह भी कहा कि बीमा उद्योग ने अब अपने परिचालन को डिजिटल बनाना शुरू कर दिया है और आगे डिजिटलाइजेशन में अधिक निवेश करने की उम्मीद कर रहा है.

उन्होंने कहा, "अगले कदम के रूप में उद्योग को डिजिटल बिक्री और कार्यबल प्रबंधन में अधिक निवेश करने की उम्मीद है. कंपनी वर्तमान स्थिति को अपनी डिजिटल क्षमताओं को मजबूत करने के अवसर के रूप में देख रहा है.

जीएसटी कटौती की आवश्यकता

घरेलू बीमा उद्योग में विकास को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदमों पर बोलते हुए प्रशांत ने माल और सेवा कर (जीएसटी) में कमी के लिए आग्रह किया.

उन्होंने बताया कि नियामक निकाय ने ई-केवाईसी की घोषणा की है ताकि बीमाकर्ताओं को सहज ग्राहक तक पहुंचने में सक्षम बनाया जा सके. सरकार को व्यापार आगे बढ़ाने के लिए घरेलू बीमा कंपनियों को कुछ और प्रोत्साहन दिए जाने की आवश्यकता है.

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