नई दिल्ली: सरकार ने बिजलीघरों को कोयले की बेहतर उपलब्धता को लेकर सभी संबद्ध पक्षों के बीच बेहतर तालमेल के लिये गुरुवार को एक पोर्टल जारी किया.
बिजली, कोयला और रेल मंत्रालयों के बीच बेहतर तालमेल के इरादे से बना यह पोर्टल खदानों से लेकर ढुलाई और बिजली घरों तक में कोयले की उपलब्धता के बारे में सटीक जानकारी देगा.
सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी द्वारा तैयार प्रकाश पोर्टल (आपूर्ति में तालमेल से बिजली, रेल, कोयला उपलब्धता) के जरिये यह पता लगाया जा सकता है कि खदानों पर कोयले की उपलब्धता की क्या स्थिति है, बिजली उतपादक कंपनियों के पास कितना कोयला है, ढुलाई के रास्ते में कितना कोयला है और बिजली संयंत्रों के पास कब तक कोयला पहुंचेगा?
इसके आधार पर बिजली उत्पादक कंपनियां बेहतर तरीके से योजना बना सकेंगी.
पोर्टल जारी करते हुए बिजली मंत्री आर के सिंह ने कहा, "यह पोर्टल कोयला मंत्रालय और रेल मंत्रालय की भागीदारी के बिना संभव नहीं था. हमें सभी को बिजली उपलब्ध करानी है और इसके लिये कोयले की जरूरत है. यह पोर्टल कोयले की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराएगा."
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कोयला, खान और संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि हम बिजली घरों को कोयला उपलब्ध कराने के लिये बिजली मंत्रालय के साथ मिलकर काम करेंगे. उन्होंने कहा, "यह प्राय: सुनने में आता है कि बिजली घरों को कोयला नहीं मिल रहा, रेल से रैक नहीं मिल रहे, इस पोर्टल के जरिये इन सवालों का समाधान होगा."
बिजली मंत्रालय के अनुसार इस मंच के जरिये कोयला कंपनियां बिजली घरों में ईंधन भंडार और कोयला जरूरतों पर नजर रख सकेंगी और उसके मुताबिक कोयला प्रभावी उत्पादन योजना बना सकेंगी. साथ ही रेलवे वास्तविक रूप से कोयले की उपलब्धता के अधार पर रैक उपलब्ध कराने की योजना बना सकेगी.