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हाईकोर्ट ने खारिज की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी राणा कपूर की जमानत याचिका

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Published : Jan 25, 2021, 4:13 PM IST

ईडी राणा कूपर, उनकी पत्नी और तीन बेटियों के खिलाफ 600 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की जांच कर रही है. जो उन्हें कथित तौर पर एक फर्म द्वारा दिया गया, जिसे घोटाले से प्रभावित दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) द्वारा नियंत्रित किया जाता है.

हाईकोर्ट ने खारिज की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी राणा कपूर की जमानत याचिका
हाईकोर्ट ने खारिज की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी राणा कपूर की जमानत याचिका

मुंबई: मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में आरोपी येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को जमानत देने से इंकार कर दिया.

कपूर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साल मार्च में गिरफ्तार किया था.

केंद्रीय एजेंसी राणा कूपर, उनकी पत्नी और तीन बेटियों के खिलाफ 600 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की जांच कर रही है. जो उन्हें कथित तौर पर एक फर्म द्वारा दिया गया, जिसे घोटाले से प्रभावित दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) द्वारा नियंत्रित किया जाता है.

पिछले साल जुलाई में, मुंबई की एक विशेष अदालत ने कपूर की जमानत याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रूख किया.

कपूर के वकील हरीश साल्वे ने सोमवार को न्यायमूर्ति पी डी नाइक की अध्यक्षता वाली एकल पीठ को बताया कि 600 करोड़ रुपये उनकी कंपनी द्वारा प्राप्त किया गया ऋण था.

हालांकि, ईडी के वकील, हितेन वेनेगावकर ने जमानत याचिका का विरोध किया और अदालत को बताया कि उक्त कंपनी में कपूर की बेटियों की सह-स्वामित्व थी.

ये भी पढ़ें : व्हॉट्सएप का भारतीय व यूरोपीय उपयोगकर्ताओं के साथ अलग बर्ताव चिंताजनक : केंद्र

कपूर को ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया था.

ईडी के अनुसार, कपूर, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों ने कथित तौर पर भारी कर्ज को मंजूरी देने के लिए उनके द्वारा नियंत्रित कंपनियों के माध्यम से 4,300 करोड़ रुपये का लाभ प्राप्त किया.

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) भी संबंधित मामले की जांच कर रहा है.

मुंबई: मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में आरोपी येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को जमानत देने से इंकार कर दिया.

कपूर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साल मार्च में गिरफ्तार किया था.

केंद्रीय एजेंसी राणा कूपर, उनकी पत्नी और तीन बेटियों के खिलाफ 600 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की जांच कर रही है. जो उन्हें कथित तौर पर एक फर्म द्वारा दिया गया, जिसे घोटाले से प्रभावित दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) द्वारा नियंत्रित किया जाता है.

पिछले साल जुलाई में, मुंबई की एक विशेष अदालत ने कपूर की जमानत याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रूख किया.

कपूर के वकील हरीश साल्वे ने सोमवार को न्यायमूर्ति पी डी नाइक की अध्यक्षता वाली एकल पीठ को बताया कि 600 करोड़ रुपये उनकी कंपनी द्वारा प्राप्त किया गया ऋण था.

हालांकि, ईडी के वकील, हितेन वेनेगावकर ने जमानत याचिका का विरोध किया और अदालत को बताया कि उक्त कंपनी में कपूर की बेटियों की सह-स्वामित्व थी.

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कपूर को ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया था.

ईडी के अनुसार, कपूर, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों ने कथित तौर पर भारी कर्ज को मंजूरी देने के लिए उनके द्वारा नियंत्रित कंपनियों के माध्यम से 4,300 करोड़ रुपये का लाभ प्राप्त किया.

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) भी संबंधित मामले की जांच कर रहा है.

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