मुंबई: पंजाब महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) के पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस को शुक्रवार को मुंबई पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा द्वारा बैंक में कथित रूप से 4,355 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया. ये गिरफ्तारी एचडीआईएल के दो निदेशकों की गिरफ्तारी के एक दिन बाद हुई है.
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गुरुवार को हाउसिंग डेवलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) के निदेशकों सारंग वधावन और राकेश वाधवान को गिरफ्तार किया. उन पर पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक मामले में ऋण चूक का आरोप है.
44 में से दस खाते जिनके कारण पीएमसी बैंक कर्ज में डूबा था, एचडीआईएल से जुड़े थे. सारंग और वाधवान के व्यक्तिगत खाते इन दस खातों में से थे.
30 सितंबर को मुंबई पुलिस के ईओडब्ल्यू ने 4,355 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के संबंध में एचडीआईएल और पीएमसी बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.
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रिजर्व बैंक ने गुरुवार को घोटाला प्रभावित पीएमसी के खाताधारकों के लिये नकद निकासी सीमा को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दी. बैंक के खाताधारक छह माह के दौरान 25,000 रुपये तक की निकासी कर सकेंगे.
पीएमसी बैंक रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त प्रशासक के अंतर्गत काम कर रहा है. बैंक के पूर्व प्रबंधकों की पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा जांच कर रही है. पीएमसी 11,600 करोड़ रुपये से अधिक जमा के साथ देश के शीर्ष 10 सहकारी बैंकों में से एक है.
बैंक ने एचडीआईएल को अपने कुल कर्ज 8,880 करोड़ रुपये में से 6,500 करोड़ रुपये का ऋण दिया था. यह उसके कुल कर्ज का करीब 73 प्रतिशत है. पूरा कर्ज पिछले दो-तीन साल से एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) बनी हुई है.
बैंक पर लगायी गयी पाबंदियों में कर्ज देना और नया जमा स्वीकार करने पर प्रतिबंध शामिल हैं. साथ ही बैंक प्रबंधन को हटाकर उसकी जगह आरबीआई के पूर्व अधिकारी को बैंक का प्रशासक बनाया गया.