नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी आम बजट से पहले बृहस्पतिवार को यहां अर्थशास्त्रियों, विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और सफल युवा उद्यमियों के साथ विचार विमर्श किया और भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में मिलकर प्रयास करने को कहा.
विशेषज्ञों के सुझावों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह नीति निर्माताओं और विभिन्न हितधारकों के बीच तालमेल बढ़ाने का प्रयास करेंगे। बैठक ढाई घंटे तक चली. वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट से पहले आयोजित इस बैठक के दौरान विशेषज्ञों ने आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए कई सुझाव दिए. चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर के गिरकर पिछले 11 साल के निम्नस्तर पांच प्रतिशत रह जाने का अनुमान है.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का विचार अचानक से नहीं आया है. यह देश की ताकत की गहरी समझ पर आधारित है. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के उतार-चढ़ाव झेलने की ताकत अर्थव्यवस्था के बुनियादी कारकों की मजबूती और उसके फिर से पटरी पर लौटने की क्षमता को दर्शाती है.
बयान के मुताबिक, मोदी ने कहा कि पर्यटन, शहरी विकास, बुनियादी ढांचा और कृषि आधारित उद्योग जैसे क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने और रोजगार सृजित करने की क्षमता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत असीमित संभावनाओं की धरती है. उन्होंने जोर दिया कि सभी हितधारकों को हकीकत और विचार के बीच की खाई पाटने के लिए काम करना है.
उन्होंने कहा, "हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए और एक राष्ट्र की तरह सोचना शुरू करना चाहिए."
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में शामिल विशेषज्ञों ने सरकार से कर्ज वृद्धि , निर्यात वृद्धि , सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के संचालन, उपभोग और रोजगार बढ़ाने पर ध्यान देने का आग्रह किया. बैठक में करीब 40 विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों ने भाग लिया.
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प्रधानमंत्री ने उन्हें भरोसा दिया कि वह उन सुझावों पर काम करेंगे, जिन्हें जल्द लागू किए जाने की जरूरत है. साथ ही दीर्घकालिक अवधि में लागू होने वाले सुझावों पर भी विचार किया जाएगा क्योंकि यह बुनियादी सुधारों के लिए जरूरी है.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने अपने ट्वीट में कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थशास्त्रियों और उद्योग विशेषज्ञों के साथ आज नीति आयोग में चर्चा की. इसमें आर्थिक वृद्धि , स्टार्टअप और नवाचार से जुड़े कई मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ."
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PM @narendramodi chaired a productive interaction with economists and experts to discuss topics ranging across economy, social sector and startups in #NITIAayog today. pic.twitter.com/DoT6rf6NQ1
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इस उच्चस्तरीय बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन विवेक देवरॉय भी बैठक में मौजूद रहे. सरकार 2020-21 के लिए बजट प्रस्ताव तैयार करने में जुटी है. ऐसे में यह बैठक अहम है. सरकार का ध्यान आर्थिक वृद्धि को फिर से रफ्तार देने पर है.
अनुमान लगाया है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 11 साल के निचले स्तर पांच प्रतिशत रह सकती है. इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के शीर्ष उद्योगपतियों के साथ अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की. समझा जाता है कि बैठक में अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने तथा रोजगार सृजन बढ़ाने के उपायों पर विचार विमर्श किया गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अपना दूसरा आम बजट पेश करेंगी.