नई दिल्ली : 2020, भारतीय अर्थव्यवस्था के किसी भी अन्य क्षेत्र की तरह, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के लिए चुनौतीभरा साल था क्योंकि इसे दुनिया में दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश की भारी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करना था. यह वर्ष उल्लेखनीय रहा है क्योंकि देश भर में लॉकडाउन के बीच भारत स्टेज VI (बीएस-6) के रूप में एक स्वच्छ ऑटो ईंधन को लागू किया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अत्याधिक संक्रामक कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लगाए जाने के पांच दिन बाद 1 अप्रैल से पूरे देश में बीएस-6 मानक ऑटो ईंधन उपलब्ध कराया गया.
मार्च के महीने में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 1.75 लाख करोड़ रुपये की पीएम गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) का अनावरण किया, जिसमें देश के गरीब लोगों के विशाल बहुमत के हाथों में बुनियादी भोजन, ईंधन और कुछ डिस्पोजेबल नकदी प्रदान करने की मांग की गई थी. इस योजना में लगभग 80 करोड़ लोग शामिल थे.
पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत, सरकार ने 7.5 करोड़ से अधिक उज्जवला योजना के लाभार्थियों को लॉकडाउन के दौरान स्वच्छ ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए 14 करोड़ से अधिक एलपीजी सिलेंडर को मुफ्त में प्रदान किया.
तेल और गैस कंपनियों ने वायरस के कारण होने वाली कठिनाइयों के बावजूद चालू वित्त वर्ष में गैर-विमुद्रीकृत खोजों का विकास शुरू किया. इस वर्ष ओएनजीसी के 3, ऑयल इंडिया लिमिटेड के 1 और पीएससी के1 समेत कुल पांच नई खोजों का मुद्रीकरण किया गया है.
गैस ग्रिड और भारत गैस एक्सचेंज
महामारी के प्रकोप से होने वाली रसद कठिनाइयों के बावजूद, देश ने एक मजबूत गैस ग्रिड का विकास जारी रखा. राष्ट्रीय गैस ग्रिड के तहत, देश में 2020 के दौरान 1544 किलोमीटर लंबी पाइपलाइनें बिछाई गईं.
इस साल जून में देश में गैस के व्यापार के लिए एक समर्पित गैस एक्सचेंज भी शुरू किया गया. इंडियन गैस एक्सचेंज (आईजीएक्स) प्राकृतिक गैस की डिलीवरी के लिए एक डिलीवरी-आधारित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म होगा.
अंतरराष्ट्रीय सहयोग
ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के हिस्से के रूप में, भारत ने अपने दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदार और सहयोगी रूस को एक आधार पर कच्चे तेल के आयात के नए स्रोत के रूप में जोड़ा. इसी तरह, अंगोला को भी इस वर्ष कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए एक नए स्रोत के रूप में जोड़ा गया.
सरकारों ने अमेरिका, रूस, सऊदी अरब और यूएई के साथ रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी को मजबूत करके देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में भी काम किया और पड़ोसी देशों के साथ ऊर्जा गलियारों को भी मजबूत किया.
ऊर्जा सुरक्षा
कच्चे तेल की कम कीमतों का फायदा उठाते हुए, सरकार ने विशाखापत्तनम, मैंगलोर और पादुर में स्थित सभी तीन रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार (एसपीआर) को पूरी क्षमता से भरा, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 5000 करोड़ रुपये की बचत हुई.
इथेनॉल सम्मिश्रण
इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2019-20 के दौरान इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत, तेल विपणन कंपनियों ने 30 नवंबर, 2020 तक उद्देश्य के लिए 172.43 करोड़ लीटर इथेनॉल की खरीद की.
सरकार ने किसानों को पारिश्रमिक मूल्य सुनिश्चित करने के लिए इथेनॉल की कीमतों में भी संशोधन किया. जबकि चीनी आधारित इथेनॉल की कीमत में 3.17 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है, बी हैवी गुड़ की कीमत में 3.34 रुपये प्रति लीटर और सी-हैवी गुड़ की कीमत में 1.94 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई.
इस वर्ष, सरकार ने भारतीय खाद्य निगम के पास उपलब्ध मक्का और अधिशेष चावल से इथेनॉल के उत्पादन की भी अनुमति दी.
(वरिष्ठ संवाददाता कृष्णानन्द त्रिपाठी का लेख)
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