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हर 10 में से 7 लोग प्रलोभन में आकर कर देते हैं निजी जानकारियां साझा

रिपोर्ट के अनुसार इन जानकारियों में आमदनी, निवास स्थान और रहन-सहन से जुड़ी बातें शामिल हैं. कंपनी ने कहा कि लोग जल्दी से ऋण की मंजूरी, जिम की सदस्यता राशि में छूट तथा अपने निवास स्थान के आस-पास विशेष सहूलियत आदि के लिये संवेदनशील जानकारियां साझा कर देते हैं.

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Published : Apr 11, 2019, 5:56 PM IST

मुंबई : देश में अधिकांश लोग वित्तीय छूट या अन्य सेवाओं के प्रलोभन में बैंकों तथा बीमा कंपनियों के साथ निजी जानकारियां साझा कर देते हैं. एक सर्वेक्षण में यह खुलासा किया गया है. आईटी कंपनी एसेंचर की एक रिपोर्ट के अनुसार दस में से सात लोग कम कीमत के लालच में संवेदनशील जानकारियां साझा कर देते हैं. यह स्थिति डेटा की गोपनीयता को लेकर व्याप्त व्यापक आशंकाओं के बावजूद बनी हुई है.

रिपोर्ट के अनुसार इन जानकारियों में आमदनी, निवास स्थान और रहन-सहन से जुड़ी बातें शामिल हैं. कंपनी ने कहा कि लोग जल्दी से ऋण की मंजूरी, जिम की सदस्यता राशि में छूट तथा अपने निवास स्थान के आस-पास विशेष सहूलियत आदि के लिये संवेदनशील जानकारियां साझा कर देते हैं.

हालांकि, मजेदार बात यह रही कि सर्वेक्षण में शामिल 81 प्रतिशत लोगों ने गोपनीयता को सर्वोच्च बताया और दावा किया कि वे निजी जानकारियों के प्रति बेहद सावधान रहते हैं.

वैश्विक स्तर पर लालच में आकर निजी जानकारियां साझा करने में चीन और भारत अग्रणी पाये गये. चीन में 67 प्रतिशत और भारत में 69 प्रतिशत लोगों ने निजी जानकारियां साझा करने की बात स्वीकार की. हालांकि, यूरोपीय लोग इस मुद्दे पर सजग दिखे.
ये भी पढ़ें : जेट एयरवेज में हिस्सेदारी लेने के लिये बोली लगा सकते हैं नरेश गोयल

मुंबई : देश में अधिकांश लोग वित्तीय छूट या अन्य सेवाओं के प्रलोभन में बैंकों तथा बीमा कंपनियों के साथ निजी जानकारियां साझा कर देते हैं. एक सर्वेक्षण में यह खुलासा किया गया है. आईटी कंपनी एसेंचर की एक रिपोर्ट के अनुसार दस में से सात लोग कम कीमत के लालच में संवेदनशील जानकारियां साझा कर देते हैं. यह स्थिति डेटा की गोपनीयता को लेकर व्याप्त व्यापक आशंकाओं के बावजूद बनी हुई है.

रिपोर्ट के अनुसार इन जानकारियों में आमदनी, निवास स्थान और रहन-सहन से जुड़ी बातें शामिल हैं. कंपनी ने कहा कि लोग जल्दी से ऋण की मंजूरी, जिम की सदस्यता राशि में छूट तथा अपने निवास स्थान के आस-पास विशेष सहूलियत आदि के लिये संवेदनशील जानकारियां साझा कर देते हैं.

हालांकि, मजेदार बात यह रही कि सर्वेक्षण में शामिल 81 प्रतिशत लोगों ने गोपनीयता को सर्वोच्च बताया और दावा किया कि वे निजी जानकारियों के प्रति बेहद सावधान रहते हैं.

वैश्विक स्तर पर लालच में आकर निजी जानकारियां साझा करने में चीन और भारत अग्रणी पाये गये. चीन में 67 प्रतिशत और भारत में 69 प्रतिशत लोगों ने निजी जानकारियां साझा करने की बात स्वीकार की. हालांकि, यूरोपीय लोग इस मुद्दे पर सजग दिखे.
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मुंबई : देश में अधिकांश लोग वित्तीय छूट या अन्य सेवाओं के प्रलोभन में बैंकों तथा बीमा कंपनियों के साथ निजी जानकारियां साझा कर देते हैं. एक सर्वेक्षण में यह खुलासा किया गया है. आईटी कंपनी एसेंचर की एक रिपोर्ट के अनुसार दस में से सात लोग कम कीमत के लालच में संवेदनशील जानकारियां साझा कर देते हैं. यह स्थिति डेटा की गोपनीयता को लेकर व्याप्त व्यापक आशंकाओं के बावजूद बनी हुई है.

रिपोर्ट के अनुसार इन जानकारियों में आमदनी, निवास स्थान और रहन-सहन से जुड़ी बातें शामिल हैं. कंपनी ने कहा कि लोग जल्दी से ऋण की मंजूरी, जिम की सदस्यता राशि में छूट तथा अपने निवास स्थान के आस-पास विशेष सहूलियत आदि के लिये संवेदनशील जानकारियां साझा कर देते हैं.

हालांकि, मजेदार बात यह रही कि सर्वेक्षण में शामिल 81 प्रतिशत लोगों ने गोपनीयता को सर्वोच्च बताया और दावा किया कि वे निजी जानकारियों के प्रति बेहद सावधान रहते हैं.

वैश्विक स्तर पर लालच में आकर निजी जानकारियां साझा करने में चीन और भारत अग्रणी पाये गये. चीन में 67 प्रतिशत और भारत में 69 प्रतिशत लोगों ने निजी जानकारियां साझा करने की बात स्वीकार की. हालांकि, यूरोपीय लोग इस मुद्दे पर सजग दिखे.

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