ETV Bharat / business

वैश्विक बाजार से सस्ता भारत में प्याज, आयात की गुंजाइश नहीं

कारोबारियों की मानें तो आयात की अब कोई जरूरत नहीं है क्योंकि विदेशों में प्याज भारतीय बाजार के मुकाबले काफी महंगा है जिससे आयात की कोई गुंजाइश नहीं बची है.

वैश्विक बाजार से सस्ता भारत में प्याज, आयात की गुंजाइश नहीं
वैश्विक बाजार से सस्ता भारत में प्याज, आयात की गुंजाइश नहीं
author img

By

Published : Dec 18, 2020, 3:14 PM IST

नई दिल्ली: कुछ सप्ताह पहले तक बेकाबू प्याज की महंगाई ने देश के उपभोक्ताओं के खूब आंसू निकाले, मगर अब दुनिया के बाजारों के मुकाबले भारत में प्याज काफी सस्ता हो गया है. इसलिए फिलहाल आयात की गुंजाइश नहीं दिखती है. जबकि भारत सरकार ने प्याज आयात के नियमों में दी गई ढील को अगले साल 31 जनवरी तक बढ़ा दिया है.

कारोबारियों की मानें तो आयात की अब कोई जरूरत नहीं है क्योंकि विदेशों में प्याज भारतीय बाजार के मुकाबले काफी महंगा है जिससे आयात की कोई गुंजाइश नहीं बची है.

रूका हुआ है प्याज का आयात

हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजित शाह ने आईएएनएस को बताया कि विदेशों से इस समय प्याज का आयात रूक गया है क्योंकि आयातित प्याज का लैंडिंग कॉस्ट 45 रुपये प्रति किलो पड़ेगा जबकि देश के बाजारों में इस समय प्याज का थोक भाव 15 रुपये से 25 रुपये के बीच है.

उन्होंने कहा कि ऐसे में प्याज आयात की कोई गुंजाइश नहीं है. साथ ही, भाव काफी घट गया है और घरेलू आवक लगातार बढ़ रही है इसलिए आयात की जरूरत भी नहीं है.

प्याज का औसत भाव चल रहा 18.50 रुपये प्रति किलो

एशिया में फलों और सब्जियों की सबसे बड़ी दिल्ली की आजादपुर मंडी में बीते तीन दिनों से प्याज का थोक भाव 7.50 रुपये से 27.50 रुपये प्रति किलो है जबकि औसत भाव 18.50 रुपये प्रति किलो है.

आजादपुर मंडी के एक कारोबारी ने बताया कि आयातित प्याज अब मंडी में नहीं आ रहा है क्योंकि घेरलू आवक ही काफी बढ़ गई है.

ग्रेटर नोएडा के खुदरा सब्जी विक्रेता पप्पू कुमार ने बताया कि विदेशी प्याज जब आया था तो भी लोग देसी प्याज की ही मांग कर रहे थे क्योंकि देसी प्याज में जो जायका है वह विदेशी प्याज में नहीं मिलता.

ये भी पढ़ें: विस्तारा एयरलाइन ने यात्रियों को सीधे गूगल पर टिकट बुक करने की सुविधा दी

अजित शाह ने भी बताया कि जायका भी एक कारण है जिसके कारण भारत में विदेशी प्याज लोग कम पसंद करते हैं. हालांकि कारोबारी बताते हैं कि अक्टूबर-नवंबर में जब प्याज का दाम आसमान चढ़ गया था तब प्याज का आयात होने से ही दाम पर लगाम लगी.

बता दें कि प्याज के दाम को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकार ने प्याज निर्यात पर रोक लगाने के साथ-साथ प्याज के आयात के लिए 31 अक्टूबर को वनस्पति संगरोध आदेश (पीक्यू) 2003 के तहत फाइटोसैनिटरी प्रमाणन के संबंध में अतिरिक्त घोषणा से 15 दिसंबर तक के लिए छूट दे दी थी जिसे अब बढ़ाकर 31 जनवरी तक कर दिया है.

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि बाजार में प्याज की ऊंची कीमतों को देखते हुए प्याज आयात नियमों में दी गई ढील को 31 जनवरी, 2021 तक बढ़ा दिया गया है.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली: कुछ सप्ताह पहले तक बेकाबू प्याज की महंगाई ने देश के उपभोक्ताओं के खूब आंसू निकाले, मगर अब दुनिया के बाजारों के मुकाबले भारत में प्याज काफी सस्ता हो गया है. इसलिए फिलहाल आयात की गुंजाइश नहीं दिखती है. जबकि भारत सरकार ने प्याज आयात के नियमों में दी गई ढील को अगले साल 31 जनवरी तक बढ़ा दिया है.

कारोबारियों की मानें तो आयात की अब कोई जरूरत नहीं है क्योंकि विदेशों में प्याज भारतीय बाजार के मुकाबले काफी महंगा है जिससे आयात की कोई गुंजाइश नहीं बची है.

रूका हुआ है प्याज का आयात

हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजित शाह ने आईएएनएस को बताया कि विदेशों से इस समय प्याज का आयात रूक गया है क्योंकि आयातित प्याज का लैंडिंग कॉस्ट 45 रुपये प्रति किलो पड़ेगा जबकि देश के बाजारों में इस समय प्याज का थोक भाव 15 रुपये से 25 रुपये के बीच है.

उन्होंने कहा कि ऐसे में प्याज आयात की कोई गुंजाइश नहीं है. साथ ही, भाव काफी घट गया है और घरेलू आवक लगातार बढ़ रही है इसलिए आयात की जरूरत भी नहीं है.

प्याज का औसत भाव चल रहा 18.50 रुपये प्रति किलो

एशिया में फलों और सब्जियों की सबसे बड़ी दिल्ली की आजादपुर मंडी में बीते तीन दिनों से प्याज का थोक भाव 7.50 रुपये से 27.50 रुपये प्रति किलो है जबकि औसत भाव 18.50 रुपये प्रति किलो है.

आजादपुर मंडी के एक कारोबारी ने बताया कि आयातित प्याज अब मंडी में नहीं आ रहा है क्योंकि घेरलू आवक ही काफी बढ़ गई है.

ग्रेटर नोएडा के खुदरा सब्जी विक्रेता पप्पू कुमार ने बताया कि विदेशी प्याज जब आया था तो भी लोग देसी प्याज की ही मांग कर रहे थे क्योंकि देसी प्याज में जो जायका है वह विदेशी प्याज में नहीं मिलता.

ये भी पढ़ें: विस्तारा एयरलाइन ने यात्रियों को सीधे गूगल पर टिकट बुक करने की सुविधा दी

अजित शाह ने भी बताया कि जायका भी एक कारण है जिसके कारण भारत में विदेशी प्याज लोग कम पसंद करते हैं. हालांकि कारोबारी बताते हैं कि अक्टूबर-नवंबर में जब प्याज का दाम आसमान चढ़ गया था तब प्याज का आयात होने से ही दाम पर लगाम लगी.

बता दें कि प्याज के दाम को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकार ने प्याज निर्यात पर रोक लगाने के साथ-साथ प्याज के आयात के लिए 31 अक्टूबर को वनस्पति संगरोध आदेश (पीक्यू) 2003 के तहत फाइटोसैनिटरी प्रमाणन के संबंध में अतिरिक्त घोषणा से 15 दिसंबर तक के लिए छूट दे दी थी जिसे अब बढ़ाकर 31 जनवरी तक कर दिया है.

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि बाजार में प्याज की ऊंची कीमतों को देखते हुए प्याज आयात नियमों में दी गई ढील को 31 जनवरी, 2021 तक बढ़ा दिया गया है.

(आईएएनएस)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.