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लंबे अवधि के एलएनजी आयात अनुबंधों की समीक्षा को लेकर होगी बातचीत: प्रधान - Business News,

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने एक कार्यक्रम के अवसर पर कहा, "हम इस पर उचित समय पर गौर करेंगे." प्रधान से पूछा गया था कि गैस के हाजिर अथवा मौजूदा बाजार मूल्य के दाम घटने की स्थिति को देखते हुये क्या सरकार तरल प्राकृतिक गैस के अपने दीर्घकालिक अनुबंधों पर फिर से बातचीत करेगा.

लंबे अवधि के एलएनजी आयात अनुबंधों की समीक्षा को लेकर होगी बातचीत: प्रधान
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Published : Aug 26, 2019, 7:46 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 9:03 AM IST

नई दिल्ली: भारत ने कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस के गिरते दाम को देखते हुये अपने दीर्घकालिक एलएनजी आयात अनुबंधों के दाम को नये सिरे से तय करने को लेकर उचित समय पर बात करेगा.

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यहां एक कार्यक्रम के अवसर पर संवाददाताओं के पूछने पर कहा, "हम इस पर उचित समय पर गौर करेंगे." प्रधान से पूछा गया था कि गैस के हाजिर अथवा मौजूदा बाजार मूल्य के दाम घटने की स्थिति को देखते हुये क्या सरकार तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के अपने दीर्घकालिक अनुबंधों पर फिर से बातचीत करेगा.

भारत दो दीर्घकालिक अनुबंधों के तहत कतर से सालाना 85 लाख टन एलएनजी का आयात करता है. अमेरिका के साथ भी भारत ने 58 लाख टन सालाना आपूर्ति के लिये अनुबंध किया हुआ है.

ये भी पढ़ें - सरकार की राहत के बाद चमका शेयर बाजार, सेंसेक्स 793 अंक चढ़ा

इसके अलावा रूस की गैज़प्रॉम के साथ 25 लाख टन और आस्ट्रेलिया के गोर्गोन प्रोजैक्ट के साथ 14.40 लाख टन प्राकृतिक गैस खरीद का समझौता किया हुआ है. कतर से जहां एलएनजी की खरीद 8.5 से लेकर 9 डालर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) पर पड़ती है वहीं खुले बाजार में यह इसके आधे से भी कम दाम पर उपलब्ध है.

प्रधान ने हालांकि, यह भी कहा कि दीर्घकालिक समझौतों का सम्मान किया जाना चाहिये. भारत ने इससे पहले भी एशिया के तीसरे सबसे बड़े एलएनजी खरीदार होने के नाते कतर, आस्ट्रेलिया और रूस के साथ अपने दीर्घकालिक समझौतों में तय दाम पर नये सिरे से बातचीत की थी.

इससे भारत को 8,000 करोड़ रुपये बचाने में मदद मिली. वर्ष 2017 में एक्सॉन मोबिल कार्प ने गोर्गोन एलएनजी का दाम कम किया और पिछले साल गैज़प्रोम को भी दाम कम करने के लिये मना लिया गया.

पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक प्रभात सिंह ने सात अगस्त को कहा कि ग्राहकों के मामले में मूल्य संवेदनशीलता का सम्मान होना चाहिये. कंपनी के कतर और आस्ट्रेलिया के साथ एलएनजी के दीर्घकालिक आयात अनुबंध हैं.

प्रधान ने इससे पहले कार्यक्रम में कहा कि देश में प्राकृतिक गैस क्षेत्र में पांच लाख करोड़ रुपये का निवेश होने की संभावना है.
पर्यावरण के अनुकूल इस ईंधन का इस्तेमाल बढ़ाने के लिये यह निवेश किया जायेगा। यह निवेश शहरी गैस वितरण नेटवर्क के विस्तार में होगा.

नई दिल्ली: भारत ने कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस के गिरते दाम को देखते हुये अपने दीर्घकालिक एलएनजी आयात अनुबंधों के दाम को नये सिरे से तय करने को लेकर उचित समय पर बात करेगा.

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यहां एक कार्यक्रम के अवसर पर संवाददाताओं के पूछने पर कहा, "हम इस पर उचित समय पर गौर करेंगे." प्रधान से पूछा गया था कि गैस के हाजिर अथवा मौजूदा बाजार मूल्य के दाम घटने की स्थिति को देखते हुये क्या सरकार तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के अपने दीर्घकालिक अनुबंधों पर फिर से बातचीत करेगा.

भारत दो दीर्घकालिक अनुबंधों के तहत कतर से सालाना 85 लाख टन एलएनजी का आयात करता है. अमेरिका के साथ भी भारत ने 58 लाख टन सालाना आपूर्ति के लिये अनुबंध किया हुआ है.

ये भी पढ़ें - सरकार की राहत के बाद चमका शेयर बाजार, सेंसेक्स 793 अंक चढ़ा

इसके अलावा रूस की गैज़प्रॉम के साथ 25 लाख टन और आस्ट्रेलिया के गोर्गोन प्रोजैक्ट के साथ 14.40 लाख टन प्राकृतिक गैस खरीद का समझौता किया हुआ है. कतर से जहां एलएनजी की खरीद 8.5 से लेकर 9 डालर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) पर पड़ती है वहीं खुले बाजार में यह इसके आधे से भी कम दाम पर उपलब्ध है.

प्रधान ने हालांकि, यह भी कहा कि दीर्घकालिक समझौतों का सम्मान किया जाना चाहिये. भारत ने इससे पहले भी एशिया के तीसरे सबसे बड़े एलएनजी खरीदार होने के नाते कतर, आस्ट्रेलिया और रूस के साथ अपने दीर्घकालिक समझौतों में तय दाम पर नये सिरे से बातचीत की थी.

इससे भारत को 8,000 करोड़ रुपये बचाने में मदद मिली. वर्ष 2017 में एक्सॉन मोबिल कार्प ने गोर्गोन एलएनजी का दाम कम किया और पिछले साल गैज़प्रोम को भी दाम कम करने के लिये मना लिया गया.

पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक प्रभात सिंह ने सात अगस्त को कहा कि ग्राहकों के मामले में मूल्य संवेदनशीलता का सम्मान होना चाहिये. कंपनी के कतर और आस्ट्रेलिया के साथ एलएनजी के दीर्घकालिक आयात अनुबंध हैं.

प्रधान ने इससे पहले कार्यक्रम में कहा कि देश में प्राकृतिक गैस क्षेत्र में पांच लाख करोड़ रुपये का निवेश होने की संभावना है.
पर्यावरण के अनुकूल इस ईंधन का इस्तेमाल बढ़ाने के लिये यह निवेश किया जायेगा। यह निवेश शहरी गैस वितरण नेटवर्क के विस्तार में होगा.

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Last Updated : Sep 28, 2019, 9:03 AM IST
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