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जीएसटी दरों में बढ़ोतरी एजेंडे में नहीं, बैठक के पहले मंत्रियों ने दिए संकेत - जीएसटी

मंत्री ने मुआवजा भुगतान की आवधिकता को दो महीने से घटाकर एक महीने करने का भी प्रस्ताव किया. इसके अलावा महीने की 5 तारीख को ट्रान्सफर किया जाना चाहिए.

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जीएसटी दरों में बढ़ोतरी एजेंडे में नहीं, बैठक के पहले मंत्रियों ने दिए संकेत
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Published : Dec 18, 2019, 3:19 PM IST

नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ वाणिज्यिक कर मंत्री टी.एस. सिंह देओ ने बुधवार को यहां 38 वीं गुड्स एंड सर्विस टैक्स काउंसिल की बैठक से इतर संवाददाताओं से कहा कि सरकार को पहले जीएसटी व्यवस्था में खामियों को दूर करना चाहिए और उसके बाद दर वृद्धि पर विचार करना चाहिए, जिससे परिषद के एजेंडे में कोई बढ़ोतरी न हो.

देओ ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ क्षतिपूर्ति उपकर या जीएसटी दरों के माध्यम से किसी भी दर वृद्धि के पक्ष में नहीं है.

मंत्री ने मुआवजा भुगतान की आवधिकता को दो महीने से घटाकर एक महीने करने का भी प्रस्ताव किया. इसके अलावा महीने की 5 तारीख को ट्रान्सफर किया जाना चाहिए.

मध्य प्रदेश के वाणिज्यिक कर मंत्री ब्रजेंद्र सिंगन राठौर ने भी कहा कि वे दर वृद्धि का समर्थन नहीं करते हैं और सुझाव दिया है कि सरकार को अनुपालन के लिए ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: सरकार ने हर महीने 1.1 लाख करोड़ रुपये जीएसटी संग्रह का लक्ष्य रखा

सरकार ने वित्त वर्ष के शेष महीनों में 1.10 लाख करोड़ रुपये मासिक जीएसटी संग्रह का लक्ष्य रखा है, जिसमें से एक महीने में 1.25 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है.

चालू वित्त वर्ष के पिछले 8 महीनों में, केवल अप्रैल के महीने में, जिसे पीक कलेक्शन का महीना माना जाता है, मोप-अप 1.10 लाख करोड़ रुपये से ऊपर का टैड था. चार महीने में यह कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपये से कम रहा.

कर विशेषज्ञों को उम्मीद है कि नए लक्ष्य तक पहुंचने के लिए मासिक संग्रह आर्थिक विकास में सुधार करेगा.

नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ वाणिज्यिक कर मंत्री टी.एस. सिंह देओ ने बुधवार को यहां 38 वीं गुड्स एंड सर्विस टैक्स काउंसिल की बैठक से इतर संवाददाताओं से कहा कि सरकार को पहले जीएसटी व्यवस्था में खामियों को दूर करना चाहिए और उसके बाद दर वृद्धि पर विचार करना चाहिए, जिससे परिषद के एजेंडे में कोई बढ़ोतरी न हो.

देओ ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ क्षतिपूर्ति उपकर या जीएसटी दरों के माध्यम से किसी भी दर वृद्धि के पक्ष में नहीं है.

मंत्री ने मुआवजा भुगतान की आवधिकता को दो महीने से घटाकर एक महीने करने का भी प्रस्ताव किया. इसके अलावा महीने की 5 तारीख को ट्रान्सफर किया जाना चाहिए.

मध्य प्रदेश के वाणिज्यिक कर मंत्री ब्रजेंद्र सिंगन राठौर ने भी कहा कि वे दर वृद्धि का समर्थन नहीं करते हैं और सुझाव दिया है कि सरकार को अनुपालन के लिए ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: सरकार ने हर महीने 1.1 लाख करोड़ रुपये जीएसटी संग्रह का लक्ष्य रखा

सरकार ने वित्त वर्ष के शेष महीनों में 1.10 लाख करोड़ रुपये मासिक जीएसटी संग्रह का लक्ष्य रखा है, जिसमें से एक महीने में 1.25 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है.

चालू वित्त वर्ष के पिछले 8 महीनों में, केवल अप्रैल के महीने में, जिसे पीक कलेक्शन का महीना माना जाता है, मोप-अप 1.10 लाख करोड़ रुपये से ऊपर का टैड था. चार महीने में यह कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपये से कम रहा.

कर विशेषज्ञों को उम्मीद है कि नए लक्ष्य तक पहुंचने के लिए मासिक संग्रह आर्थिक विकास में सुधार करेगा.

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नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ वाणिज्यिक कर मंत्री टी.एस. सिंह देओ ने बुधवार को यहां 38 वीं गुड्स एंड सर्विस टैक्स काउंसिल की बैठक से इतर संवाददाताओं से कहा कि सरकार को पहले जीएसटी व्यवस्था में खामियों को दूर करना चाहिए और उसके बाद दर वृद्धि पर विचार करना चाहिए, जिससे परिषद के एजेंडे में कोई बढ़ोतरी न हो.

देओ ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ क्षतिपूर्ति उपकर या जीएसटी दरों के माध्यम से किसी भी दर वृद्धि के पक्ष में नहीं है.

मंत्री ने मुआवजा भुगतान की आवधिकता को दो महीने से घटाकर एक महीने करने का भी प्रस्ताव किया. इसके अलावा महीने की 5 तारीख को ट्रान्सफर किया जाना चाहिए.

मध्य प्रदेश के वाणिज्यिक कर मंत्री ब्रजेंद्र सिंगन राठौर ने भी कहा कि वे दर वृद्धि का समर्थन नहीं करते हैं और सुझाव दिया है कि सरकार को अनुपालन के लिए ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

सरकार ने वित्त वर्ष के शेष महीनों में 1.10 लाख करोड़ रुपये मासिक जीएसटी संग्रह का लक्ष्य रखा है, जिसमें से एक महीने में 1.25 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है.

चालू वित्त वर्ष के पिछले 8 महीनों में, केवल अप्रैल के महीने में, जिसे पीक कलेक्शन का महीना माना जाता है, मोप-अप 1.10 लाख करोड़ रुपये से ऊपर का टैड था. चार महीने में यह कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपये से कम रहा.

कर विशेषज्ञों को उम्मीद है कि नए लक्ष्य तक पहुंचने के लिए मासिक संग्रह आर्थिक विकास में सुधार करेगा.

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