ETV Bharat / business

लॉकडाउन: देश की प्रमुख अनाज मंडियों में कामकाज ठप, राशन की हो सकती है किल्लत - लॉकडाउन

ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बताया कि देश की अनाज मंडियां बंद होने की वजह से सप्लाई चेन बाधित हो गई है जिससे आने वाले दिनों में आटा, चावल और दाल समेत तमाम खाद्य पदार्थों की किल्लत हो सकती है.

लॉकडाउन: देश की प्रमुख अनाज मंडियों में कामकाज ठप, राशन की हो सकती है किल्लत
लॉकडाउन: देश की प्रमुख अनाज मंडियों में कामकाज ठप, राशन की हो सकती है किल्लत
author img

By

Published : Mar 30, 2020, 2:48 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के मददेनजर देशभर में मंगलवार की रात से जारी लॉकडाउन के चलते आवागमन व परिवहन की कठिनाइयों और मजदूरों की कमी के कारण उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान समेत देश के विभिन्न राज्यों की प्रमुख अनाज मंडियों में कामकाज ठप है.

ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने आईएएनएस को बताया कि देश की अनाज मंडियां बंद होने की वजह से सप्लाई चेन बाधित हो गई है जिससे आने वाले दिनों में आटा, चावल और दाल समेत तमाम खाद्य पदार्थों की किल्लत हो सकती है.

उन्होंने बताया कि देश की करीब 80 फीसदी दाल मिलें इस समय बंद है, लिहाजा सरकार को इस दिशा में प्रमुख से पहल करनी चाहिए. बाजार सूत्रों ने बताया कि मध्यप्रदेश, रास्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र समेत सभी राज्यों की उत्पादक मंडियां बंद हैं.

हालांकि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को लेकर जारी दिशानिर्देश में साफ कर दिया है कि कृषि उत्पादों की खरीद व खेती-किसानी से जुड़े कार्यों और आश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर कोई रोक नहीं होगी.

ये भी पढ़ें- सरकार ने मदद नहीं की तो 6 माह में 30 प्रतिशत खुदरा दुकानें बंद हो जाएंगी

मध्यप्रदेश के जींस कारोबारी संदीप सारडा ने बताया कि परिवहन और मजदूर की समस्या के कारण उज्जैन, इंदौर, मंदसौर समेत तकरीबन पदेष की सभी मंडियां बंद हैं.

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर अनाज मंडी के काराबारी ने भी बताया कि मंडी खोलने को लेकर स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई स्पष्टता नहीं है. उन्होंने कहा कि अनाज मंडियों में तभी कामकाज षुरू होगा जब स्थानीय प्रशासन इस दिशा में पहल करेगा.

राजस्थान की बूंदी अनाज मंडी के जींस कारोबारी उत्तम जेठवानी ने बताया कि बहरहाल प्रदेश की अनाज मंडियां तीन अप्रैल तक बंद है, लेकिन इसके बाद भी खुलने पर बिना पास के मंडी आने-जाने की इजाजत नहीं होगी.

एक अन्य व्यापारी ने बताया कि राजस्थान में मंडी प्रशासन ने ही सुरक्षा को ध्यान में रखकर अनाज मंडी तीन अप्रैल तक बंद रखने का फैसला लिया था क्योंकि मंडियों में मजद्रूों में सोशल डिस्टेंसिंग अर्थात आपस में दूरी बनाए रखना मुश्किल काम है.

मजदूर एवं परिवहन की समस्या को लेकर दिल्ली की लॉरेंस रोड अनाज मंडी में भी कामकाज काम काज तकरीबन ठप पड़ा हुआ है. जींस कारोबारियों ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम यानी एफसीआई के गोदामों में गेहूं की कमी नहीं है, लेकिन वहां से भी आटा मिल तक पहुंचाने के लिए ट्रक एवं मजदूर की जरूरत होगी.

सुरेश अग्रवाल ने बताया कि दलहन मंडियां बंद होने से पैदा होने वाली समस्याओं के संबंध में उन्होंने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर अवगत कराया है.

गेहूं, चना और सरसों समेत रबी सीजन की सभी फसलों की कटाई का सीजन चल रहा और मध्यप्रदेश में काफी पहले ही गेहूं, चना व सरसों की आवक शुरू हो गई है. अनाज मंडियां बंद होने से एक तरफ जहां किसानों को फसल बेचने में परेशानी आ रही है वहीं आगे खादय पदार्थों की सप्लाई चेन भी प्रभावित होगी.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के मददेनजर देशभर में मंगलवार की रात से जारी लॉकडाउन के चलते आवागमन व परिवहन की कठिनाइयों और मजदूरों की कमी के कारण उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान समेत देश के विभिन्न राज्यों की प्रमुख अनाज मंडियों में कामकाज ठप है.

ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने आईएएनएस को बताया कि देश की अनाज मंडियां बंद होने की वजह से सप्लाई चेन बाधित हो गई है जिससे आने वाले दिनों में आटा, चावल और दाल समेत तमाम खाद्य पदार्थों की किल्लत हो सकती है.

उन्होंने बताया कि देश की करीब 80 फीसदी दाल मिलें इस समय बंद है, लिहाजा सरकार को इस दिशा में प्रमुख से पहल करनी चाहिए. बाजार सूत्रों ने बताया कि मध्यप्रदेश, रास्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र समेत सभी राज्यों की उत्पादक मंडियां बंद हैं.

हालांकि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को लेकर जारी दिशानिर्देश में साफ कर दिया है कि कृषि उत्पादों की खरीद व खेती-किसानी से जुड़े कार्यों और आश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर कोई रोक नहीं होगी.

ये भी पढ़ें- सरकार ने मदद नहीं की तो 6 माह में 30 प्रतिशत खुदरा दुकानें बंद हो जाएंगी

मध्यप्रदेश के जींस कारोबारी संदीप सारडा ने बताया कि परिवहन और मजदूर की समस्या के कारण उज्जैन, इंदौर, मंदसौर समेत तकरीबन पदेष की सभी मंडियां बंद हैं.

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर अनाज मंडी के काराबारी ने भी बताया कि मंडी खोलने को लेकर स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई स्पष्टता नहीं है. उन्होंने कहा कि अनाज मंडियों में तभी कामकाज षुरू होगा जब स्थानीय प्रशासन इस दिशा में पहल करेगा.

राजस्थान की बूंदी अनाज मंडी के जींस कारोबारी उत्तम जेठवानी ने बताया कि बहरहाल प्रदेश की अनाज मंडियां तीन अप्रैल तक बंद है, लेकिन इसके बाद भी खुलने पर बिना पास के मंडी आने-जाने की इजाजत नहीं होगी.

एक अन्य व्यापारी ने बताया कि राजस्थान में मंडी प्रशासन ने ही सुरक्षा को ध्यान में रखकर अनाज मंडी तीन अप्रैल तक बंद रखने का फैसला लिया था क्योंकि मंडियों में मजद्रूों में सोशल डिस्टेंसिंग अर्थात आपस में दूरी बनाए रखना मुश्किल काम है.

मजदूर एवं परिवहन की समस्या को लेकर दिल्ली की लॉरेंस रोड अनाज मंडी में भी कामकाज काम काज तकरीबन ठप पड़ा हुआ है. जींस कारोबारियों ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम यानी एफसीआई के गोदामों में गेहूं की कमी नहीं है, लेकिन वहां से भी आटा मिल तक पहुंचाने के लिए ट्रक एवं मजदूर की जरूरत होगी.

सुरेश अग्रवाल ने बताया कि दलहन मंडियां बंद होने से पैदा होने वाली समस्याओं के संबंध में उन्होंने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर अवगत कराया है.

गेहूं, चना और सरसों समेत रबी सीजन की सभी फसलों की कटाई का सीजन चल रहा और मध्यप्रदेश में काफी पहले ही गेहूं, चना व सरसों की आवक शुरू हो गई है. अनाज मंडियां बंद होने से एक तरफ जहां किसानों को फसल बेचने में परेशानी आ रही है वहीं आगे खादय पदार्थों की सप्लाई चेन भी प्रभावित होगी.

(आईएएनएस)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.