नई दिल्ली: कोविड-19 संकट के बीच रीयल एस्टेट क्षेत्र के राहत के लिए सरकार जल्द दिशानिर्देश और नियामकीय उपाय जारी करेगी. आवास एवं शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने बुधवार को यह जानकारी दी. मिश्रा ने कहा कि राष्ट्रव्यापी बंदी की वजह से रीयल एस्टेट क्षेत्र में निर्माण कार्य बंद है. ऐसे में बिल्डरों से कहा गया है कि इस संकट के समय वे अपनी साइटों पर काम करने वाले मजदूरों की मदद करें.
मिश्रा ने कई ट्वीट में कहा कि उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये 2,600 प्रमुख रीयल एस्टेट डेवलपरों से बात की है. ये डेवलपर रीयल्टी कंपनियों के संगठन नारेडको के सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सामने आए मुद्दों और उनके हल के उपायों पर चर्चा हुई.
मिश्रा ने कहा कि एक ऐसी आपात स्थिति आ गई है जिसने पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया है. ऐसे संकट के समय हमें ऐसे उपाय करने की जरूरत है ताकि अपनी अर्थव्यवस्था और सभी उद्योग और कारोबार क्षेत्रों को उबारा जा सके.
सचिव ने कहा कि ऐसे समय जबकि सभी परियोजनाएं अस्थायी रूप से रुकी हुई हैं, बिल्डरों से कहा गया है कि वे श्रमबल की मदद करने पर ध्यान दें. उन्होंने कहा कि इस संकट की स्थिति से निकलने के लिए सभी रीयल एस्टेट क्षेत्रों के लिए विशेष दिशानिर्देश और नियामकीय उपाय जल्द जारी किए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि हमें इस स्थिति में ऐसे उपाय करने होंगे जिससे हमारे कामगारों के साथ देश को भी दीर्घावधि में लाभ हो सके. नारेडको के चेयरमैन राजीव तलवार, अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी और वाइस चेयरमैन प्रवीन जैन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में शामिल हुए.
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नारेडको उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष ने भी बैठक में हिस्सा लिया. रीयल एस्टेट कंपनियों ने इस संकट से निपटने के लिए सरकार से मदद मांगी है. सूत्रों ने बताया कि रीयल एस्टेट कंपनियों ने एकबारगी ऋण पुनर्गठन और परियोजनाओं को पूरा करने के समय को बढ़ाने को रेरा के तहत राहत मांगी है.
(पीटीआई-भाषा)