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खजुराहो में विदेशी पर्यटकों की संख्या घटी, स्थानीय आजीविका प्रभावित

अकेले अथवा समूह में आने के इच्छुक विदेशी पर्यटक ज्यादातर उड़ानों का सहारा लेते हैं, क्योंकि वे सड़क अथवा रेल मार्ग के जरिए यात्रा में ज्यादा समय खराब नहीं करना चाहते. पहले उड़ान कम हुई और अब बंद है, जिससे विदेशी पर्यटक कम हुए हैं. इसका सीधा असर दुकानदारों, होटल संचालकों, गाईड, रिक्शा चलाने वालों से लेकर सड़क किनारे चाय-नाश्ते की दुकान चलाने वालों की जिंदगी पर पड़ा है.

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Published : Jun 19, 2019, 11:45 PM IST

खजुराहो में विदेशी पर्यटकों की संख्या घटी, स्थानीय आजीविका प्रभावित

खजुराहो: मध्य प्रदेश की विश्व प्रसिद्घ पर्यटन नगरी खजुराहो में विदेशी पर्यटकों की संख्या में आ रही गिरावट ने यहां के एक बड़े वर्ग की जिंदगी पर असर डाला है, क्योंकि कई परिवारों की जिंदगी पर्यटन से होने वाली आमदनी से चलती है.

देश दुनिया में वक्त बदलने के साथ आवागमन के साधन में बढ़ रहे हैं, सुविधाएं बढ़ रही हैं, मगर खजुराहो एक ऐसा पयर्टन स्थल है, जहां सुविधाओं में कटौती हो रही है. पर्यटन कारोबार से जुड़े सचिन द्विवेदी बताते हैं, "पहले जेट और एयर इंडिया की उड़ानें खजुराहो आती थीं, लेकिन पहले जेट (अब कंपनी बंद) की उड़ान बंद हुई और फिर एयर इंडिया की उड़ान सप्ताह में तीन दिन की गई. इन दिनों तो एयर इंडिया की तीन दिन आने वाली उड़ान भी बंद है. इसके एक पखवाड़े बाद चालू होने की बात कही जा रही है."

ये भी पढ़ें: वर्ष 2020 तक लग्जरी श्रेणी में भारतीय पर्यटकों की संख्या हो जाएगी 20 लाख के पार: रिपोर्ट

द्विवेदी बताते हैं, "अकेले अथवा समूह में आने के इच्छुक विदेशी पर्यटक ज्यादातर उड़ानों का सहारा लेते हैं, क्योंकि वे सड़क अथवा रेल मार्ग के जरिए यात्रा में ज्यादा समय खराब नहीं करना चाहते. पहले उड़ान कम हुई और अब बंद है, जिससे विदेशी पर्यटक कम हुए हैं. इसका सीधा असर दुकानदारों, होटल संचालकों, गाईड, रिक्शा चलाने वालों से लेकर सड़क किनारे चाय-नाश्ते की दुकान चलाने वालों की जिंदगी पर पड़ा है. विदेशी पर्यटक आएगा नहीं तो उनका कारोबार कैसे चलेगा."

सामाजिक कार्यकर्ता राजीव कुमार खरे ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी में पाया है, "वर्ष 2013-14 में जहां खजुराहो में 71,898 विदेशी पर्यटक आए, वहीं वर्ष 2015-16 में यह संख्या घटकर 64,451 रह गई. खरे का दावा है कि यह आंकड़ा बीते वर्षो में और भी कम हुआ है. अब तो हवाई उड़ानें पूरी तरह बंद हैं, जिससे इस संख्या में और गिरावट आने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता."

पर्यटकों को सुविधा मुहैया करने वाले ट्रैवेल ब्यूरो के अजय कश्यप का कहना है, "आने वाले दिन खजुराहो पर्यटन के लिए अच्छे नहीं हैं, क्योंकि अगर उड़ानों को पूरी तरह बंद कर दिया गया तो दुनिया के पर्यटन के नक्शे से खजुराहो गायब हो जाएगा. उसके बाद यहां दुनिया के देशों के पर्यटकों का आना बंद हो जाएगा. खजुराहो के लोगों की आमदनी का बड़ा जरिया पर्यटक हैं और पर्यटक ही नहीं आएंगे तो आम आदमी की जिंदगी मुश्किल भरी हो जाएगी."

वह आगे कहते हैं, "फिलहाल तो एयर इंडिया की दिल्ली-खजुराहो-बनारस उड़ान को 12 जून से 30 जून तक के लिए बंद किया गया है. अगर इसे आगे बढ़ाया गया तो यहां का पर्यटन कारोबार पूरी तरह खत्म हो जाएगा. खजुराहो से बनारस जाने का सबसे सुविधाजनक साधन हवाई मार्ग है. जब हवाई जहाज ही नहीं होगा तो पर्यटक यहां क्यों आएगा. वह तो सीधे बनारस जाएंगे."

एक होटल के प्रबंधक अमित झा का कहना है, "विदेशी पर्यटकों के लिए सबसे पहली प्राथमिकता कनेक्टिविटी होती है. खजुराहो उस मामले में पिछड़ रहा है, लिहाजा विदेशी पर्यटक दूसरे मार्गो से आकर समय ज्यादा खराब नहीं करना चाहते. हवाई सेवा कम होने से विदेशी पर्यटकों की संख्या पर असर पड़ा है."

खजुराहो: मध्य प्रदेश की विश्व प्रसिद्घ पर्यटन नगरी खजुराहो में विदेशी पर्यटकों की संख्या में आ रही गिरावट ने यहां के एक बड़े वर्ग की जिंदगी पर असर डाला है, क्योंकि कई परिवारों की जिंदगी पर्यटन से होने वाली आमदनी से चलती है.

देश दुनिया में वक्त बदलने के साथ आवागमन के साधन में बढ़ रहे हैं, सुविधाएं बढ़ रही हैं, मगर खजुराहो एक ऐसा पयर्टन स्थल है, जहां सुविधाओं में कटौती हो रही है. पर्यटन कारोबार से जुड़े सचिन द्विवेदी बताते हैं, "पहले जेट और एयर इंडिया की उड़ानें खजुराहो आती थीं, लेकिन पहले जेट (अब कंपनी बंद) की उड़ान बंद हुई और फिर एयर इंडिया की उड़ान सप्ताह में तीन दिन की गई. इन दिनों तो एयर इंडिया की तीन दिन आने वाली उड़ान भी बंद है. इसके एक पखवाड़े बाद चालू होने की बात कही जा रही है."

ये भी पढ़ें: वर्ष 2020 तक लग्जरी श्रेणी में भारतीय पर्यटकों की संख्या हो जाएगी 20 लाख के पार: रिपोर्ट

द्विवेदी बताते हैं, "अकेले अथवा समूह में आने के इच्छुक विदेशी पर्यटक ज्यादातर उड़ानों का सहारा लेते हैं, क्योंकि वे सड़क अथवा रेल मार्ग के जरिए यात्रा में ज्यादा समय खराब नहीं करना चाहते. पहले उड़ान कम हुई और अब बंद है, जिससे विदेशी पर्यटक कम हुए हैं. इसका सीधा असर दुकानदारों, होटल संचालकों, गाईड, रिक्शा चलाने वालों से लेकर सड़क किनारे चाय-नाश्ते की दुकान चलाने वालों की जिंदगी पर पड़ा है. विदेशी पर्यटक आएगा नहीं तो उनका कारोबार कैसे चलेगा."

सामाजिक कार्यकर्ता राजीव कुमार खरे ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी में पाया है, "वर्ष 2013-14 में जहां खजुराहो में 71,898 विदेशी पर्यटक आए, वहीं वर्ष 2015-16 में यह संख्या घटकर 64,451 रह गई. खरे का दावा है कि यह आंकड़ा बीते वर्षो में और भी कम हुआ है. अब तो हवाई उड़ानें पूरी तरह बंद हैं, जिससे इस संख्या में और गिरावट आने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता."

पर्यटकों को सुविधा मुहैया करने वाले ट्रैवेल ब्यूरो के अजय कश्यप का कहना है, "आने वाले दिन खजुराहो पर्यटन के लिए अच्छे नहीं हैं, क्योंकि अगर उड़ानों को पूरी तरह बंद कर दिया गया तो दुनिया के पर्यटन के नक्शे से खजुराहो गायब हो जाएगा. उसके बाद यहां दुनिया के देशों के पर्यटकों का आना बंद हो जाएगा. खजुराहो के लोगों की आमदनी का बड़ा जरिया पर्यटक हैं और पर्यटक ही नहीं आएंगे तो आम आदमी की जिंदगी मुश्किल भरी हो जाएगी."

वह आगे कहते हैं, "फिलहाल तो एयर इंडिया की दिल्ली-खजुराहो-बनारस उड़ान को 12 जून से 30 जून तक के लिए बंद किया गया है. अगर इसे आगे बढ़ाया गया तो यहां का पर्यटन कारोबार पूरी तरह खत्म हो जाएगा. खजुराहो से बनारस जाने का सबसे सुविधाजनक साधन हवाई मार्ग है. जब हवाई जहाज ही नहीं होगा तो पर्यटक यहां क्यों आएगा. वह तो सीधे बनारस जाएंगे."

एक होटल के प्रबंधक अमित झा का कहना है, "विदेशी पर्यटकों के लिए सबसे पहली प्राथमिकता कनेक्टिविटी होती है. खजुराहो उस मामले में पिछड़ रहा है, लिहाजा विदेशी पर्यटक दूसरे मार्गो से आकर समय ज्यादा खराब नहीं करना चाहते. हवाई सेवा कम होने से विदेशी पर्यटकों की संख्या पर असर पड़ा है."

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खजुराहो: मध्य प्रदेश की विश्व प्रसिद्घ पर्यटन नगरी खजुराहो में विदेशी पर्यटकों की संख्या में आ रही गिरावट ने यहां के एक बड़े वर्ग की जिंदगी पर असर डाला है, क्योंकि कई परिवारों की जिंदगी पर्यटन से होने वाली आमदनी से चलती है.



देश दुनिया में वक्त बदलने के साथ आवागमन के साधन में बढ़ रहे हैं, सुविधाएं बढ़ रही हैं, मगर खजुराहो एक ऐसा पयर्टन स्थल है, जहां सुविधाओं में कटौती हो रही है. पर्यटन कारोबार से जुड़े सचिन द्विवेदी बताते हैं, "पहले जेट और एयर इंडिया की उड़ानें खजुराहो आती थीं, लेकिन पहले जेट (अब कंपनी बंद) की उड़ान बंद हुई और फिर एयर इंडिया की उड़ान सप्ताह में तीन दिन की गई. इन दिनों तो एयर इंडिया की तीन दिन आने वाली उड़ान भी बंद है. इसके एक पखवाड़े बाद चालू होने की बात कही जा रही है."



द्विवेदी बताते हैं, "अकेले अथवा समूह में आने के इच्छुक विदेशी पर्यटक ज्यादातर उड़ानों का सहारा लेते हैं, क्योंकि वे सड़क अथवा रेल मार्ग के जरिए यात्रा में ज्यादा समय खराब नहीं करना चाहते. पहले उड़ान कम हुई और अब बंद है, जिससे विदेशी पर्यटक कम हुए हैं. इसका सीधा असर दुकानदारों, होटल संचालकों, गाईड, रिक्शा चलाने वालों से लेकर सड़क किनारे चाय-नाश्ते की दुकान चलाने वालों की जिंदगी पर पड़ा है. विदेशी पर्यटक आएगा नहीं तो उनका कारोबार कैसे चलेगा."



सामाजिक कार्यकर्ता राजीव कुमार खरे ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी में पाया है, "वर्ष 2013-14 में जहां खजुराहो में 71,898 विदेशी पर्यटक आए, वहीं वर्ष 2015-16 में यह संख्या घटकर 64,451 रह गई. खरे का दावा है कि यह आंकड़ा बीते वर्षो में और भी कम हुआ है. अब तो हवाई उड़ानें पूरी तरह बंद हैं, जिससे इस संख्या में और गिरावट आने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता."



पर्यटकों को सुविधा मुहैया करने वाले ट्रैवेल ब्यूरो के अजय कश्यप का कहना है, "आने वाले दिन खजुराहो पर्यटन के लिए अच्छे नहीं हैं, क्योंकि अगर उड़ानों को पूरी तरह बंद कर दिया गया तो दुनिया के पर्यटन के नक्शे से खजुराहो गायब हो जाएगा. उसके बाद यहां दुनिया के देशों के पर्यटकों का आना बंद हो जाएगा. खजुराहो के लोगों की आमदनी का बड़ा जरिया पर्यटक हैं और पर्यटक ही नहीं आएंगे तो आम आदमी की जिंदगी मुश्किल भरी हो जाएगी."



वह आगे कहते हैं, "फिलहाल तो एयर इंडिया की दिल्ली-खजुराहो-बनारस उड़ान को 12 जून से 30 जून तक के लिए बंद किया गया है. अगर इसे आगे बढ़ाया गया तो यहां का पर्यटन कारोबार पूरी तरह खत्म हो जाएगा. खजुराहो से बनारस जाने का सबसे सुविधाजनक साधन हवाई मार्ग है. जब हवाई जहाज ही नहीं होगा तो पर्यटक यहां क्यों आएगा. वह तो सीधे बनारस जाएंगे."



एक होटल के प्रबंधक अमित झा का कहना है, "विदेशी पर्यटकों के लिए सबसे पहली प्राथमिकता कनेक्टिविटी होती है. खजुराहो उस मामले में पिछड़ रहा है, लिहाजा विदेशी पर्यटक दूसरे मार्गो से आकर समय ज्यादा खराब नहीं करना चाहते. हवाई सेवा कम होने से विदेशी पर्यटकों की संख्या पर असर पड़ा है."


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