नई दिल्ली: कर्ज के बोझ तले दबे होने की वजह से अस्थाई रूप से बंद हुई जेट एयरवेज के लिए रोशनी की किरण दिखाई पड़ी है. दरअसल जेट एयरवेज कर्मचारियों के संघ और एडीआई ग्रुप ने बंद पड़ी एयरलाइनंस की 75 फीसदी हिस्सेदारी की बोली लगाने के लिए साझेदारी की घोषणा की है. जेट एयरवेज के बंद होने से हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं. एयरलाइन का दोबारा संचालन शुरू होने से कर्मचारियों को राहत मिलेगी.
वहीं गुरुवार को नागरिक विमानन राज्यमंत्री हरदीप पुरी ने संसद में कहा था कि जेट एयरवेज का जीर्णोद्धार केवल 'दिवाला एवं शोधन अक्षमता कोड' (आईबीसी) से ही संभव है. उनका कहना था कि प्रमोटरों ने जेट के लिए पूरी राशि उपलब्ध नहीं कराई इसीलिए सरकारी बैंक भी एयरलाइन की मदद नहीं कर सके. बता दें कि जेट एयरवेज का संचालन 17 अप्रैल से ही बंद है.
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नरेश गोयल ने कारोबारी समुदायों से मदद की गुजारिश की थी लेकिन उन्हें सहायता नहीं मिल सकी. टाटा ग्रुप ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाई लेकिन बाद में कदम पीछे खींच लिए. चर्चा यह भी थी कि हिंदुजा ग्रुप जेट एयरवेज को खरीदना चाहता है.
इस वक्त जेट की सेवाएं न सिर्फ बंद हैं, बल्कि इसके विदेशी रूट्स पर प्रतिद्वंद्वी एयरलाइंस कंपनियां निगाहें गड़ाए हुए है. विमानन नियामक ने इसके कुछ घरेलू मार्गों को अस्थायी तौर पर प्रतिद्वंद्वी विमानन कंपनियों को दे दिया. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, जेट के आधे अति व्यस्ततम विदेशी रूट्स को एयर इंडिया को दे दिया गया है और बाकी घरेलू कंपनियों को दिए जाएंगे.