ETV Bharat / business

पूर्वोत्‍तर में 13,000 करोड़ रूपये निवेश करेगा जापान

author img

By

Published : Jun 12, 2019, 5:17 PM IST

Updated : Jun 12, 2019, 7:56 PM IST

पूर्वोत्‍तर राज्‍य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह के साथ जापान के राजदूत श्री केन्‍जी हीरामात्‍सू के नेतृत्‍व में एक जापानी प्रतिनिधिमंडल की आज नई दिल्‍ली में हुई बैठक के बाद ये जानकारी दी गई.

पूर्वोत्‍तर में 13,000 करोड़ रूपये निवेश करेगा जापान

नई दिल्ली: जापान सरकार ने भारत के पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के विभिन्‍न राज्‍यों में वर्तमान में चल रही तथा कुछ नई परियोजनाओं में 205.784 अरब येन की धनराशि निवेश करने का फैसला किया है, जो लगभग 13,000 करोड़ रूपये के बराबर है.

पूर्वोत्‍तर राज्‍य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह के साथ जापान के राजदूत श्री केन्‍जी हीरामात्‍सू के नेतृत्‍व में एक जापानी प्रतिनिधिमंडल की आज नई दिल्‍ली में हुई बैठक के बाद ये जानकारी दी गई.

ये भी पढ़ें- इंडिगो 15 सितंबर से शुरू करेगी चीन के चेंगदू के लिए नयी उड़ान

इन परियोजनाओं सहयोग करेगा जापान
जिन महत्‍वपूर्ण परियोजनाओं में जापान सहयोग करेगा, उनमें असम में गुवाहाटी जलापूर्ति परियोजना और गुवाहाटी सीवेज़ परियोजना, असम और मेघालय में फैली पूर्वोत्‍तर सड़क नेटवर्क संपर्क सुधार परियोजना, मेघालय में पूर्वोत्‍तर नेटवर्क संपर्क सुधार परियोजना, सिक्किम में जैव-विविधता संरक्षण और वन-प्रबंधन परियोजना, त्रिपुरा में सतत वन प्रबंधन परियोजना, मिजोरम में निरंतर कृषि और सिंचाई के लिए तकनीकी सहयोग परियोजना, नगालैंड में वन प्रबंधन परियोजना आदि शामिल है.

जानकारी देते संवाददाता
डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने पिछले तीन से चार वर्ष में पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के विकास और बदलाव में जापान के योगदान की सराहना की. उन्‍होंने कहा कि आने वाले समय में सहयोग के कुछ नये क्षेत्रों का पता लगाया जायेगा, जिनमें बेंत से जुड़े क्षेत्र में सहयोग हो सकता है. प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में सरकार ने ब्रिटिश सरकार के 1919 के भारतीय वन कानून में संशोधन किया ताकि देश में उगाये गये बेंत को इसके दायरे से बाहर लाया जा सके.

नई दिल्ली: जापान सरकार ने भारत के पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के विभिन्‍न राज्‍यों में वर्तमान में चल रही तथा कुछ नई परियोजनाओं में 205.784 अरब येन की धनराशि निवेश करने का फैसला किया है, जो लगभग 13,000 करोड़ रूपये के बराबर है.

पूर्वोत्‍तर राज्‍य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह के साथ जापान के राजदूत श्री केन्‍जी हीरामात्‍सू के नेतृत्‍व में एक जापानी प्रतिनिधिमंडल की आज नई दिल्‍ली में हुई बैठक के बाद ये जानकारी दी गई.

ये भी पढ़ें- इंडिगो 15 सितंबर से शुरू करेगी चीन के चेंगदू के लिए नयी उड़ान

इन परियोजनाओं सहयोग करेगा जापान
जिन महत्‍वपूर्ण परियोजनाओं में जापान सहयोग करेगा, उनमें असम में गुवाहाटी जलापूर्ति परियोजना और गुवाहाटी सीवेज़ परियोजना, असम और मेघालय में फैली पूर्वोत्‍तर सड़क नेटवर्क संपर्क सुधार परियोजना, मेघालय में पूर्वोत्‍तर नेटवर्क संपर्क सुधार परियोजना, सिक्किम में जैव-विविधता संरक्षण और वन-प्रबंधन परियोजना, त्रिपुरा में सतत वन प्रबंधन परियोजना, मिजोरम में निरंतर कृषि और सिंचाई के लिए तकनीकी सहयोग परियोजना, नगालैंड में वन प्रबंधन परियोजना आदि शामिल है.

जानकारी देते संवाददाता
डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने पिछले तीन से चार वर्ष में पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के विकास और बदलाव में जापान के योगदान की सराहना की. उन्‍होंने कहा कि आने वाले समय में सहयोग के कुछ नये क्षेत्रों का पता लगाया जायेगा, जिनमें बेंत से जुड़े क्षेत्र में सहयोग हो सकता है. प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में सरकार ने ब्रिटिश सरकार के 1919 के भारतीय वन कानून में संशोधन किया ताकि देश में उगाये गये बेंत को इसके दायरे से बाहर लाया जा सके.
Intro:Body:

पूर्वोत्‍तर में 13,000 करोड़ रूपये निवेश करेगा जापान 

नई दिल्ली: जापान सरकार ने भारत के पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के विभिन्‍न राज्‍यों में वर्तमान में चल रही तथा कुछ नई परियोजनाओं में 205.784 अरब येन की धनराशि निवेश करने का फैसला किया है, जो लगभग 13,000 करोड़ रूपये के बराबर है. 

पूर्वोत्‍तर राज्‍य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह के साथ जापान के राजदूत श्री केन्‍जी हीरामात्‍सू के नेतृत्‍व में एक जापानी प्रतिनिधिमंडल की आज नई दिल्‍ली में हुई बैठक के बाद ये जानकारी दी गई.

ये भी पढ़ें- 

इन परियोजनाओं सहयोग करेगा जापान 

जिन महत्‍वपूर्ण परियोजनाओं में जापान सहयोग करेगा, उनमें असम में गुवाहाटी जलापूर्ति परियोजना और गुवाहाटी सीवेज़ परियोजना, असम और मेघालय में फैली पूर्वोत्‍तर सड़क नेटवर्क संपर्क सुधार परियोजना, मेघालय में पूर्वोत्‍तर नेटवर्क संपर्क सुधार परियोजना, सिक्किम में जैव-विविधता संरक्षण और वन-प्रबंधन परियोजना, त्रिपुरा में सतत वन प्रबंधन परियोजना, मिजोरम में निरंतर कृषि और सिंचाई के लिए तकनीकी सहयोग परियोजना, नगालैंड में वन प्रबंधन परियोजना आदि शामिल है.

डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने पिछले तीन से चार वर्ष में पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के विकास और बदलाव में जापान के योगदान की सराहना की. उन्‍होंने कहा कि आने वाले समय में सहयोग के कुछ नये क्षेत्रों का पता लगाया जायेगा, जिनमें बेंत से जुड़े क्षेत्र में सहयोग हो सकता है. 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में सरकार ने ब्रिटिश सरकार के 1919 के भारतीय वन कानून में संशोधन किया ताकि देश में उगाये गये बेंत को इसके दायरे से बाहर लाया जा सके.


Conclusion:
Last Updated : Jun 12, 2019, 7:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.