नई दिल्ली: बीमा नियामक इरडा ने पॉलिसीधारकों को राहत देते हुए बृहस्पतिवार को साधारण और स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं से कोविड-19 संक्रमित मरीजों के लिये बने अस्थायी अस्पतालों में इलाज से जुड़े दावों का भी निपटान करने को कहा.
कोरोना वायरस मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कई राज्य सरकारों ने अस्थायी अस्पताल बनाये हैं.
बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने एक परिपत्र में कहा, "यह सुनिश्चित करने के लिए कि पॉलिसी अनुबंध के नियम एवं शर्तों के तहत कोविड-19 के इलाज का खर्च 'कवर' हो, केंद्र/राज्य सरकारों की मंजूरी वाले अस्थायी अस्पतालों को अस्पताल माना जाएगा, तथा बीमा कंपनियां नियमों के तहत दावों का निपटान करेंगी."
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नियामक ने कहा कि जब कोविड-19 संक्रमित होने के बाद पॉलिसीधारक को चिकित्सक की सलाह पर ऐसे अस्थायी अस्पताल में भर्ती किया जाता है, भले ही पॉलिसी अनुबंध के नियम एवं शर्तों में अस्पताल की परिभाषा कुछ भी हो, इलाज पर होने वाले खर्च का निपटान बीमा कंपनियां करेंगी.
इरडा ने यह भी कहा कि जहां किसी नेटवर्क प्रदाता ने ऐसे अस्थायी अस्पताल बनाये हैं, तो ऐसे अस्पतालों को नेटवर्क प्रदाता का विस्तार माना जाएगा और नकद रहित इलाज (कैशलेस) सुविधा उपलब्ध करानी होगी.
नियामक ने साधारण और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों से नियामकीय रूपरेखा के तहत ऐसे दावों के निपटान में तेजी लाने को भी कहा.
(पीटीआई-भाषा)