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इन्वेस्को ने जी एंटरटेनमेंट को NCLT में घसीटा, EGM बुलाने की मांग

जी एंटरटेनमेंट में सबसे बड़े निवेशक इन्वेस्को ने कंपनी को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण में घसीटा है. इन्वेस्को की मांग है कि कंपनी असाधारण आम बैठक बुलाए और एमडी पुनीत गोयनका को बाहर निकाले. एनसीएलटी की मुंबई पीठ के समक्ष यह मामला सुनवाई के लिए लिस्ट किया गया है.

जी एंटरटेनमेंट
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Published : Sep 30, 2021, 3:52 AM IST

नई दिल्ली : ओएफआई ग्लोबल चाइना फंड और इन्वेस्को डेवलपिंग मार्केट्स फंड ने मीडिया कंपनी जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लि. (ZEEL) द्वारा असाधारण आम बैठक (EGM) नहीं बुलाने जाने को लेकर राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) का रुख किया है.

ओएफआई ग्लोबल चाइना फंड एलएलसी के साथ इन्वेस्को डेवलपिंग मार्केट्स फंड (पुराना नाम इन्वेस्को ओपेनहाइमर डेवलपिंग मार्केट्स फंड) की जी एंटरटेनमेंट में सयुंक्त रूप से 17.88 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

इन दोनों कंपनियों ने इससे पहले प्रबंध निदेशक पुनीत गोयनका को हटाने की मांग को लेकर शेयरधारकों की एक असाधारण आम बैठक बुलाने की मांग की थी. वहीं, जी एंटरटेनमेंट ने इन दोनों कंपनियों के कदमों को 'समयपूर्व' करार दिया है.

जी एंटरटेनमेंट ने पिछले सप्ताह देश में सबसे बड़ी मीडिया कंपनी बनाने के लिए अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनी सोनी पिक्चर नेटवर्क्स इंडिया के साथ विलय की घोषणा की थी.

उद्योग के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि यह मामला गुरुवार को सुनवाई के लिए एनसीएलटी की मुंबई पीठ के समक्ष सूचीबद्ध है.

जी एंटरटेनमेंट ने हालांकि इस मामले से संबंधित कोई टिप्पणी करने से इनकार कर करते हुए कहा कि वह कानून के ढांचे के तहत कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है. जी एंटरटेनमेंट के एक प्रवक्ता ने कहा, कंपनी का बोर्ड कानून के ढांचे के भीतर कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है और कंपनी के विकास और शेयरधारक मूल्य को बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है.

नियम के अनुसार, अगर किसी कंपनी की किसी अन्य कंपनी में 10% से ज्यादा की हिस्सेदारी है और वह EGM बुलाने के लिए नोटिस देती है, तो कंपनी को तीन हफ्ते के अंदर EGM बुलानी होती है.

यह भी पढ़ें- Sony-Zee विलय में आया ट्विस्ट, इन्वेस्को एमडी गोयनका को हटाने की मांग पर अडिग

बता दें, प्रमुख मीडिया फर्म जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स ने 22 सितंबर को घोषणा की थी कि उन्हें विलय के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है, जिसके तहत दोनों कंपनियों के लाइनर नेटवर्क, डिजिटल संपत्ति, निर्माण परिचालन और कार्यक्रम लाइब्रेरी एक साथ हो जायेंगी. इसके साथ ही जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी पुनीत गोयनका विलय के बाद बनी इकाई का नेतृत्व करेंगे.

विलय की घोषणा के बाद इन्वेस्को ने असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में नए पुनर्गठित बोर्ड बनाने और एमडी व सीईओ पुनीत गोयनका को हटाने की मांग की थी. ईजीएम में इन्वेस्को की मांग जी एंटरटेनमेंट और सोनी गैर-बाध्यकारी विलय घोषणा की शर्तों के विपरीत है, जिसमें गोयनका को एमडी व सीईओ के पद पर बरकरार रखा गया है.

जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के निदेशक मंडल को 23 सितंबर को लिखे एक पत्र में, इन्वेस्को ने गैर-बाध्यकारी विलय की घोषणा का उल्लेख किया था. इन्वेस्को ने कहा था कि 22 सितंबर की कंपनी की विलय की घोषणा अनिश्चित तरीके से उठाया गया कदम है, जिसमें कंपनी द्वारा महत्वपूर्ण और गंभीर निर्णय लिए गए हैं.

नई दिल्ली : ओएफआई ग्लोबल चाइना फंड और इन्वेस्को डेवलपिंग मार्केट्स फंड ने मीडिया कंपनी जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लि. (ZEEL) द्वारा असाधारण आम बैठक (EGM) नहीं बुलाने जाने को लेकर राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) का रुख किया है.

ओएफआई ग्लोबल चाइना फंड एलएलसी के साथ इन्वेस्को डेवलपिंग मार्केट्स फंड (पुराना नाम इन्वेस्को ओपेनहाइमर डेवलपिंग मार्केट्स फंड) की जी एंटरटेनमेंट में सयुंक्त रूप से 17.88 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

इन दोनों कंपनियों ने इससे पहले प्रबंध निदेशक पुनीत गोयनका को हटाने की मांग को लेकर शेयरधारकों की एक असाधारण आम बैठक बुलाने की मांग की थी. वहीं, जी एंटरटेनमेंट ने इन दोनों कंपनियों के कदमों को 'समयपूर्व' करार दिया है.

जी एंटरटेनमेंट ने पिछले सप्ताह देश में सबसे बड़ी मीडिया कंपनी बनाने के लिए अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनी सोनी पिक्चर नेटवर्क्स इंडिया के साथ विलय की घोषणा की थी.

उद्योग के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि यह मामला गुरुवार को सुनवाई के लिए एनसीएलटी की मुंबई पीठ के समक्ष सूचीबद्ध है.

जी एंटरटेनमेंट ने हालांकि इस मामले से संबंधित कोई टिप्पणी करने से इनकार कर करते हुए कहा कि वह कानून के ढांचे के तहत कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है. जी एंटरटेनमेंट के एक प्रवक्ता ने कहा, कंपनी का बोर्ड कानून के ढांचे के भीतर कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है और कंपनी के विकास और शेयरधारक मूल्य को बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है.

नियम के अनुसार, अगर किसी कंपनी की किसी अन्य कंपनी में 10% से ज्यादा की हिस्सेदारी है और वह EGM बुलाने के लिए नोटिस देती है, तो कंपनी को तीन हफ्ते के अंदर EGM बुलानी होती है.

यह भी पढ़ें- Sony-Zee विलय में आया ट्विस्ट, इन्वेस्को एमडी गोयनका को हटाने की मांग पर अडिग

बता दें, प्रमुख मीडिया फर्म जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स ने 22 सितंबर को घोषणा की थी कि उन्हें विलय के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है, जिसके तहत दोनों कंपनियों के लाइनर नेटवर्क, डिजिटल संपत्ति, निर्माण परिचालन और कार्यक्रम लाइब्रेरी एक साथ हो जायेंगी. इसके साथ ही जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी पुनीत गोयनका विलय के बाद बनी इकाई का नेतृत्व करेंगे.

विलय की घोषणा के बाद इन्वेस्को ने असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में नए पुनर्गठित बोर्ड बनाने और एमडी व सीईओ पुनीत गोयनका को हटाने की मांग की थी. ईजीएम में इन्वेस्को की मांग जी एंटरटेनमेंट और सोनी गैर-बाध्यकारी विलय घोषणा की शर्तों के विपरीत है, जिसमें गोयनका को एमडी व सीईओ के पद पर बरकरार रखा गया है.

जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के निदेशक मंडल को 23 सितंबर को लिखे एक पत्र में, इन्वेस्को ने गैर-बाध्यकारी विलय की घोषणा का उल्लेख किया था. इन्वेस्को ने कहा था कि 22 सितंबर की कंपनी की विलय की घोषणा अनिश्चित तरीके से उठाया गया कदम है, जिसमें कंपनी द्वारा महत्वपूर्ण और गंभीर निर्णय लिए गए हैं.

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