नई दिल्ली : कार्यस्थलों को किराये पर देने की रफ्तार इस साल थोड़ा सुधरने की उम्मीद है, लेकिन इसके कोविड-पूर्व स्तर पर पहुंचने में अभी दो साल लग सकते हैं. यह बात प्रॉपर्टी सलाहकार फर्म कोलियर्स इंडिया (Property Consulting Firm Colliers India) ने कही है.
कोलियर्स इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश नायर (Chief Executive Officer Ramesh Nair) ने एक साक्षात्कार में कहा कि भारत का कार्यस्थल बाजार किरायेदारों के अधिक अनुकूल हो गया है. उन्होंने 2021 के कैलेंडर वर्ष में इसकी स्थिति के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह साल पिछले साल की तुलना में थोड़ा बेहतर रहेगा. अगले साल भी इसे मजबूती मिलेगी.
उन्होंने कहा कि किराये पर दफ्तर लेने वाली कंपनियों में महामारी की दूसरी लहर से इस साल जून-जुलाई तक कारोबारी माहौल को लेकर काफी अनिश्चितता देखी जा रही थी, लेकिन अब उनकी चिंता कम हुई है. नायर ने बताया कि वर्ष 2021 में देश के सात बड़े शहरों में शुद्ध कार्यस्थल पट्टा बढ़कर 2.7 करोड़ वर्ग फुट हो गया है, जो पिछले साल 2.6 करोड़ वर्ग फुट रहा था.
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हालांकि, इसकी वृद्धि के कोविड-पूर्व स्तर पर पहुंचने में अभी दो साल का इंतजार करना होगा. नायर ने कहा कि हमें 2019 के स्तर तक पहुंचने में कम से कम 2024 तक का समय लग जाएगा. कैलेंडर वर्ष 2019 में सात बड़े शहरों में करीब पांच करोड़ वर्ग फुट क्षेत्र कार्यस्थल किराये पर दिया गया था.
उन्होंने कहा कि घर से काम करने (वर्क फ्रॉम होम) की व्यवस्था किसी न किसी रूप में आगे भी बनी रहेगी.
(पीटीआई-भाषा)