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भारत को हर साल बहुराष्ट्रीय कंपनियों, व्यक्तियों के कर चोरी से 10.3 अरब डॉलर के कर का नुकसान - जीडीपी

स्टेट ऑफ टैक्स जस्टिस की शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक स्तर पर देश हर साल कुल 427 अरब डॉलर से अधिक के कर का नुकसान उठा रहे हैं. इसकी बड़ी वजह अंतरराष्ट्रीय कॉरपोरेट कर और व्यक्तिगत कर में चोरी करना है.

भारत को हर साल बहुराष्ट्रीय कंपनियों, व्यक्तियों के कर चोरी से 10.3 अरब डॉलर के कर का नुकसान
भारत को हर साल बहुराष्ट्रीय कंपनियों, व्यक्तियों के कर चोरी से 10.3 अरब डॉलर के कर का नुकसान
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Published : Nov 21, 2020, 12:50 PM IST

नई दिल्ली: भारत को बहुराष्ट्रीय कंपनियों की ओर से कर नियमों के दुरूपयोग और व्यक्तिगत स्तर पर लोगों के कर चोरी करने से हर साल 10.3 अरब डॉलर (लगभग 75,000 करोड़ रुपये) के कर का नुकसान हो रहा है.

स्टेट ऑफ टैक्स जस्टिस की शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक स्तर पर देश हर साल कुल 427 अरब डॉलर से अधिक के कर का नुकसान उठा रहे हैं. इसकी बड़ी वजह अंतरराष्ट्रीय कॉरपोरेट कर और व्यक्तिगत कर में चोरी करना है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इतनी राशि से दुनियाभर में हर साल करीब 3.4 करोड़ नर्स का वार्षिक वेतन दिया जा सकता है.

भारत के संदर्भ में रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कर चोरी से देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 0.41 प्रतिशत यानी 10.3 अरब डॉलर की कर का नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसकी वजह वैश्विक स्तर पर हर साल की जाने वाली कर चोरी है.

ये भी पढ़ें: लक्ष्मी विलास बैंक: आरबीआई ने अंतिम विलय योजना को अगले सप्ताह टाला

रिपोर्ट के मुताबिक इसमें 10 अरब डॉलर का कर नुकसान बहुराष्ट्रीय कंपनियों से जबकि 20 करोड़ डॉलर का नुकसान व्यक्तियों के कर चोरी से हो रहा है.

इसके सामाजिक प्रभाव की बात की जाए तो यह सरकार के कुल स्वास्थ्य बजट के 44.70 प्रतिशत के बराबर और शिक्षा बजट के 10.68 प्रतिशत के बराबर की राशि है. इससे 42.30 लाख नर्सों को सालभर का वेतन दिया जा सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: भारत को बहुराष्ट्रीय कंपनियों की ओर से कर नियमों के दुरूपयोग और व्यक्तिगत स्तर पर लोगों के कर चोरी करने से हर साल 10.3 अरब डॉलर (लगभग 75,000 करोड़ रुपये) के कर का नुकसान हो रहा है.

स्टेट ऑफ टैक्स जस्टिस की शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक स्तर पर देश हर साल कुल 427 अरब डॉलर से अधिक के कर का नुकसान उठा रहे हैं. इसकी बड़ी वजह अंतरराष्ट्रीय कॉरपोरेट कर और व्यक्तिगत कर में चोरी करना है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इतनी राशि से दुनियाभर में हर साल करीब 3.4 करोड़ नर्स का वार्षिक वेतन दिया जा सकता है.

भारत के संदर्भ में रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कर चोरी से देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 0.41 प्रतिशत यानी 10.3 अरब डॉलर की कर का नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसकी वजह वैश्विक स्तर पर हर साल की जाने वाली कर चोरी है.

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रिपोर्ट के मुताबिक इसमें 10 अरब डॉलर का कर नुकसान बहुराष्ट्रीय कंपनियों से जबकि 20 करोड़ डॉलर का नुकसान व्यक्तियों के कर चोरी से हो रहा है.

इसके सामाजिक प्रभाव की बात की जाए तो यह सरकार के कुल स्वास्थ्य बजट के 44.70 प्रतिशत के बराबर और शिक्षा बजट के 10.68 प्रतिशत के बराबर की राशि है. इससे 42.30 लाख नर्सों को सालभर का वेतन दिया जा सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

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