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भारत ने चीन, जापान, तीन अन्य देशों से आयातित डिजिटल प्रिंन्टिंग प्लेट पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाया - डीजीटीआर

वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने मामले की जांच के बाद शुल्क लगाने की सिफारिश की. जांच में पाया गया कि इन देशों से डिजिटल प्रिन्टिंग प्लेट के आयात में निरपेक्ष रूप से उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.

भारत ने चीन, जापान, तीन अन्य देशों से आयातित डिजिटल प्रिंन्टिंग प्लेट पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाया
भारत ने चीन, जापान, तीन अन्य देशों से आयातित डिजिटल प्रिंन्टिंग प्लेट पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाया
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Published : Aug 3, 2020, 10:48 PM IST

नई दिल्ली: भारत ने चीन, जापान, कोरिया, ताइवान और वियतनाम से आयातित डिजिटल प्रिन्टिंग प्लेट पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाया है. घरेलू विनिर्माताओं को इन देशों से होने वाले सस्ते आयात से बचाने के लिये यह कदम उठाया गया है.

वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने मामले की जांच के बाद शुल्क लगाने की सिफारिश की. जांच में पाया गया कि इन देशों से डिजिटल प्रिन्टिंग प्लेट के आयात में निरपेक्ष रूप से उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.

राजस्व विभाग ने एक अधिसूचना में कहा, "अधिसूचना के तहत डंपिंग रोधी शुल्क पांच साल के लिये प्रभावी होगा."

शुल्क 0.13 डॉलर प्रति वर्ग मीटर (एसक्यूएम) से 0.77 डॉलर प्रति वर्ग मीटर की दर से लगाया गया है. डीजीटीआर ने कहा कि इन देशों से भारत को प्लेट का निर्यात सामान्य मूल्य से नीचे पर किया जाता रहा है जिससे डंपिंग की स्थिति पैदा हुई और घरेलू उद्योग को नुकसान हुआ.

ये भी पढ़ें: डीजीसीए का स्पाइसजेट को टिकट सेल रोकने का निर्देश

इन प्लेटों का आयात जांच अवधि (जुलाई 2018 से मार्च 2019) के दौरान बढ़कर 1.632 करोड़ एसक्यूएम रहा जो 2015-16 में 80 लाख एसक्यूएम था. इस उत्पाद का उपयोग छपाई उद्योग में आंकड़े को कागज या 'पॉली फिल्म' पर छवि के रूप में स्थानांतरित करने में किया जाता है.

एक अलग अधिसूचना में राजस्व विभाग ने कहा कि उसने चीन ने आयातित एनिलाइन पर छह महीने के लिये अस्थायी तौर पर 150.80 प्रति टन तक की दर से डंपिंग रोधी शुल्क लगाया है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: भारत ने चीन, जापान, कोरिया, ताइवान और वियतनाम से आयातित डिजिटल प्रिन्टिंग प्लेट पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाया है. घरेलू विनिर्माताओं को इन देशों से होने वाले सस्ते आयात से बचाने के लिये यह कदम उठाया गया है.

वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने मामले की जांच के बाद शुल्क लगाने की सिफारिश की. जांच में पाया गया कि इन देशों से डिजिटल प्रिन्टिंग प्लेट के आयात में निरपेक्ष रूप से उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.

राजस्व विभाग ने एक अधिसूचना में कहा, "अधिसूचना के तहत डंपिंग रोधी शुल्क पांच साल के लिये प्रभावी होगा."

शुल्क 0.13 डॉलर प्रति वर्ग मीटर (एसक्यूएम) से 0.77 डॉलर प्रति वर्ग मीटर की दर से लगाया गया है. डीजीटीआर ने कहा कि इन देशों से भारत को प्लेट का निर्यात सामान्य मूल्य से नीचे पर किया जाता रहा है जिससे डंपिंग की स्थिति पैदा हुई और घरेलू उद्योग को नुकसान हुआ.

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इन प्लेटों का आयात जांच अवधि (जुलाई 2018 से मार्च 2019) के दौरान बढ़कर 1.632 करोड़ एसक्यूएम रहा जो 2015-16 में 80 लाख एसक्यूएम था. इस उत्पाद का उपयोग छपाई उद्योग में आंकड़े को कागज या 'पॉली फिल्म' पर छवि के रूप में स्थानांतरित करने में किया जाता है.

एक अलग अधिसूचना में राजस्व विभाग ने कहा कि उसने चीन ने आयातित एनिलाइन पर छह महीने के लिये अस्थायी तौर पर 150.80 प्रति टन तक की दर से डंपिंग रोधी शुल्क लगाया है.

(पीटीआई-भाषा)

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