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भारत की जीडीपी वित्त वर्ष 22 में 11 प्रतिशत तक बढ़ सकती है : एडीबी - जीडीपी

एडीबी ने यह भी कहा कि कोविड 19 मामलों में हालिया उछाल इस किरवरी को खतरे में डाल सकता है. भारत की अर्थव्यवस्था, इस बीच, वित्त वर्ष 2021 में एक मजबूत वैक्सीन ड्राइव के बीच 11 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है, जो कि 31 मार्च 2022 को समाप्त होगी है.

भारत की जीडीपी वित्त वर्ष 22 में 11 प्रतिशत तक बढ सकती है : एडीबी
भारत की जीडीपी वित्त वर्ष 22 में 11 प्रतिशत तक बढ सकती है : एडीबी
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Published : Apr 28, 2021, 5:24 PM IST

नई दिल्ली : एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 11 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है.

अपनी रिपोर्ट 'एशियन डेवलपमेंट आउटलुक (एडीओ) 2021' में, एडीबी ने यह भी कहा कि कोविड 19 मामलों में हालिया उछाल इस किरवरी को खतरे में डाल सकता है.

साथ ही यह भी कहा गया कि भारत की अर्थव्यवस्था, इस बीच, वित्त वर्ष 2021 में एक मजबूत वैक्सीन ड्राइव के बीच 11 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है, जो कि 31 मार्च 2022 को समाप्त होगी है. हालांकि, सीओवीआईडी कोविड 19 के मामलों में हालिया उछाल इस रिकवरी को जोखिम में डाल सकता है.

अगले वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी में 7.0 फीसदी का विस्तार होने की उम्मीद है. इस वर्ष, दक्षिण एशिया की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 2020 में घटकर 9.5 प्रतिशत रही है, जो कि अगले वर्ष में घटकर 6.6 प्रतिशत पर हो जाएगी.

एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री यासुयुकी सवादा ने कहा, 'एशिया के विकास में विकास हो रहा है, लेकिन कोविड 19 के बढ़ते प्रकोप से इस रिकवरी को खतरा हो सकता है.'

ये भी पढ़ें : कोरोना की दूसरी लहर से एक बार फिर भंवर में भारतीय अर्थव्यवस्था

मुख्य अर्थशास्त्री का कहा है कि, 'इस क्षेत्र में अर्थव्यवस्थाएं मार्ग परिवर्तन पर हैं. यह देखना होगा कि उनके प्रक्षेपवक्र घरेलू प्रकोपों की सीमा, उनके वैक्सीन रोलआउट की गति और वैश्विक रिकवरी से उन्हें कितना फायदा हो रहा है.'

रिपोर्ट के अनुसार, विकासशील एशिया में मुद्रास्फीति पिछले साल के 2.8 प्रतिशत से 2.3 प्रतिशत तक गिरने का अनुमान है, क्योंकि भारत और चीन के पीपुल्स रिपब्लिक में खाद्य मूल्यों पर प्रेशर है. 2022 में इस क्षेत्र की मुद्रास्फीति दर बढ़कर 2.7 प्रतिशत होने का अनुमान है.

नई दिल्ली : एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 11 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है.

अपनी रिपोर्ट 'एशियन डेवलपमेंट आउटलुक (एडीओ) 2021' में, एडीबी ने यह भी कहा कि कोविड 19 मामलों में हालिया उछाल इस किरवरी को खतरे में डाल सकता है.

साथ ही यह भी कहा गया कि भारत की अर्थव्यवस्था, इस बीच, वित्त वर्ष 2021 में एक मजबूत वैक्सीन ड्राइव के बीच 11 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है, जो कि 31 मार्च 2022 को समाप्त होगी है. हालांकि, सीओवीआईडी कोविड 19 के मामलों में हालिया उछाल इस रिकवरी को जोखिम में डाल सकता है.

अगले वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी में 7.0 फीसदी का विस्तार होने की उम्मीद है. इस वर्ष, दक्षिण एशिया की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 2020 में घटकर 9.5 प्रतिशत रही है, जो कि अगले वर्ष में घटकर 6.6 प्रतिशत पर हो जाएगी.

एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री यासुयुकी सवादा ने कहा, 'एशिया के विकास में विकास हो रहा है, लेकिन कोविड 19 के बढ़ते प्रकोप से इस रिकवरी को खतरा हो सकता है.'

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मुख्य अर्थशास्त्री का कहा है कि, 'इस क्षेत्र में अर्थव्यवस्थाएं मार्ग परिवर्तन पर हैं. यह देखना होगा कि उनके प्रक्षेपवक्र घरेलू प्रकोपों की सीमा, उनके वैक्सीन रोलआउट की गति और वैश्विक रिकवरी से उन्हें कितना फायदा हो रहा है.'

रिपोर्ट के अनुसार, विकासशील एशिया में मुद्रास्फीति पिछले साल के 2.8 प्रतिशत से 2.3 प्रतिशत तक गिरने का अनुमान है, क्योंकि भारत और चीन के पीपुल्स रिपब्लिक में खाद्य मूल्यों पर प्रेशर है. 2022 में इस क्षेत्र की मुद्रास्फीति दर बढ़कर 2.7 प्रतिशत होने का अनुमान है.

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