ETV Bharat / business

ई-सिगरेट, उससे जुड़ी चीजों के आयात पर रोक: वाणिज्य मंत्रालय

author img

By

Published : Sep 26, 2019, 9:35 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 3:45 AM IST

भारत ने 2018-19 में 9.12 करोड़ डॉलर का ई-सिगरेट उत्पाद का आयात किया था. चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई के दौरान 5.8 करोड़ डॉलर का आयात हुआ.

ई-सिगरेट, उससे जुड़ी चीजों के आयात पर रोक: वाणिज्य मंत्रालय

नई दिल्ली: वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उसने ई-सिगरेट और उससे जुड़े हिस्सों (जैसे-रिफिल पॉड और ई-हुक्का) के आयात पर रोक लगा दी है. यह अधिसूचना सरकार के इलेक्‍ट्रॉनिक सिगरेट (उत्‍पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) निषेध अध्‍यादेश 2019 के अनुपालन के लिए जारी की गई है.

विदेश व्यापार महानिदेशालय ने अधिसूचना में कहा, "इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट या उसके किसी भी हिस्से या घटक जैसे रिफिल पॉड्स, एटोमाइजर्स, कार्टेज समेत सभी इलेक्‍ट्रॉनिक निकोटिन डिलिवरी सिस्‍टम, जलाने नहीं, गर्म होने वाले (हिट नॉट बर्न) उत्‍पाद, ई-हुक्‍का और अन्य उपकरणों के आयात पर रोक लगाई गई है."

भारत ने 2018-19 में 9.12 करोड़ डॉलर का ई-सिगरेट उत्पाद का आयात किया था. चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई के दौरान 5.8 करोड़ डॉलर का आयात हुआ. सरकार ने पिछले हफ्ते अध्यादेश जारी किया था, जिसके तहत ई-सिगरेट का उत्पादन, आयात, निर्यात और बिक्री, वितरण अथवा विज्ञापन एक संज्ञेय अपराध माना जायेगा.

ये भी पढ़ें: जीएसटी नेटवर्क ने ऑनलाइन रिफंड प्रक्रिया शुरू की

पहली बार अपराध के मामले में एक वर्ष तक कैद और एक लाख रुपये तक जुर्माना. अगली बार अपराध के लिए तीन वर्ष तक कैद और पांच लाख रुपये तक जुर्माना अथवा दोनों लगाया जा सकता है.

इलेक्‍ट्रॉनिक सिगरेटों के भंडारण के लिए भी छह माह तक कैद अथवा 50 हजार रुपये तक जुर्माना अथवा दोनों दंड दिए जा सकते हैं.

नई दिल्ली: वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उसने ई-सिगरेट और उससे जुड़े हिस्सों (जैसे-रिफिल पॉड और ई-हुक्का) के आयात पर रोक लगा दी है. यह अधिसूचना सरकार के इलेक्‍ट्रॉनिक सिगरेट (उत्‍पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) निषेध अध्‍यादेश 2019 के अनुपालन के लिए जारी की गई है.

विदेश व्यापार महानिदेशालय ने अधिसूचना में कहा, "इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट या उसके किसी भी हिस्से या घटक जैसे रिफिल पॉड्स, एटोमाइजर्स, कार्टेज समेत सभी इलेक्‍ट्रॉनिक निकोटिन डिलिवरी सिस्‍टम, जलाने नहीं, गर्म होने वाले (हिट नॉट बर्न) उत्‍पाद, ई-हुक्‍का और अन्य उपकरणों के आयात पर रोक लगाई गई है."

भारत ने 2018-19 में 9.12 करोड़ डॉलर का ई-सिगरेट उत्पाद का आयात किया था. चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई के दौरान 5.8 करोड़ डॉलर का आयात हुआ. सरकार ने पिछले हफ्ते अध्यादेश जारी किया था, जिसके तहत ई-सिगरेट का उत्पादन, आयात, निर्यात और बिक्री, वितरण अथवा विज्ञापन एक संज्ञेय अपराध माना जायेगा.

ये भी पढ़ें: जीएसटी नेटवर्क ने ऑनलाइन रिफंड प्रक्रिया शुरू की

पहली बार अपराध के मामले में एक वर्ष तक कैद और एक लाख रुपये तक जुर्माना. अगली बार अपराध के लिए तीन वर्ष तक कैद और पांच लाख रुपये तक जुर्माना अथवा दोनों लगाया जा सकता है.

इलेक्‍ट्रॉनिक सिगरेटों के भंडारण के लिए भी छह माह तक कैद अथवा 50 हजार रुपये तक जुर्माना अथवा दोनों दंड दिए जा सकते हैं.

Intro:Body:

नई दिल्ली: वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उसने ई-सिगरेट और उससे जुड़े हिस्सों (जैसे-रिफिल पॉड और ई-हुक्का) के आयात पर रोक लगा दी है. यह अधिसूचना सरकार के इलेक्‍ट्रॉनिक सिगरेट (उत्‍पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) निषेध अध्‍यादेश 2019 के अनुपालन के लिए जारी की गई है.

विदेश व्यापार महानिदेशालय ने अधिसूचना में कहा, "इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट या उसके किसी भी हिस्से या घटक जैसे रिफिल पॉड्स, एटोमाइजर्स, कार्टेज समेत सभी इलेक्‍ट्रॉनिक निकोटिन डिलिवरी सिस्‍टम, जलाने नहीं, गर्म होने वाले (हिट नॉट बर्न) उत्‍पाद, ई-हुक्‍का और अन्य उपकरणों के आयात पर रोक लगाई गई है."

भारत ने 2018-19 में 9.12 करोड़ डॉलर का ई-सिगरेट उत्पाद का आयात किया था. चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई के दौरान 5.8 करोड़ डॉलर का आयात हुआ. सरकार ने पिछले हफ्ते अध्यादेश जारी किया था, जिसके तहत ई-सिगरेट का उत्पादन, आयात, निर्यात और बिक्री, वितरण अथवा विज्ञापन एक संज्ञेय अपराध माना जायेगा.

पहली बार अपराध के मामले में एक वर्ष तक कैद और एक लाख रुपये तक जुर्माना. अगली बार अपराध के लिए तीन वर्ष तक कैद और पांच लाख रुपये तक जुर्माना अथवा दोनों लगाया जा सकता है.

इलेक्‍ट्रॉनिक सिगरेटों के भंडारण के लिए भी छह माह तक कैद अथवा 50 हजार रुपये तक जुर्माना अथवा दोनों दंड दिए जा सकते हैं.

ये भी पढ़ें:


Conclusion:
Last Updated : Oct 2, 2019, 3:45 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.