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इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने अमेरिका से की जीएसपी दर्जा वापस लेने की समीक्षा करने की अपील

आईसीसी के अध्यक्ष रूद्र चटर्जी की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी सरकार के कई अधिकारियों से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल अमेरिकी यात्रा के पहले दिन अमेरिका-भारत व्यापार परिष्द द्वारा आयोजित एक कारोबारी सेमिनार में भी शामिल हुआ.

इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने अमेरिका से की जीएसपी दर्जा वापस लेने की समीक्षा करने की अपील
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Published : Apr 25, 2019, 11:33 PM IST

नई दिल्ली: इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) ने तरजीही (जीएसपी) दर्जा वापस लेने तथा ईरान से तेल खरीद पर छूट समाप्त करने जैसे निर्णयों का जिक्र करते हुए अमेरिका से भारत के साथ कारोबारी संबंधों पर दीर्घकालिक रुख अपनाने की बृहस्पतिवार को अपील की.

आईसीसी के अध्यक्ष रूद्र चटर्जी की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी सरकार के कई अधिकारियों से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल अमेरिकी यात्रा के पहले दिन अमेरिका-भारत व्यापार परिष्द द्वारा आयोजित एक कारोबारी सेमिनार में भी शामिल हुआ.

ये भी पढ़ें- एनपीए नियम: बकाया कर्ज निपटाने के लिए रिजर्व बैंक दे सकता है 60 दिन का अतिरिक्त समय

एक बयान के अनुसार, चटर्जी ने विभिन्न मुलाकातों और सेमिनार में इस बात पर जोर दिया कि जीएसपी से कुछ भारतीय उत्पादों को शुल्क के बिना अमेरिकी बाजार में प्रवेश मिलता है. अमेरिका के उद्यमी इन उत्पादों का मूल्यवर्धन कर विपणन करते हैं. उन्होंने कहा कि जीएसपी वापस लेने से भारतीय निर्यातकों पर प्रतिकूल असर होगा लेकिन इसके साथ ही यह अमेरिकी कंपनियों को भी बराबर प्रभावित करेगा.

नई दिल्ली: इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) ने तरजीही (जीएसपी) दर्जा वापस लेने तथा ईरान से तेल खरीद पर छूट समाप्त करने जैसे निर्णयों का जिक्र करते हुए अमेरिका से भारत के साथ कारोबारी संबंधों पर दीर्घकालिक रुख अपनाने की बृहस्पतिवार को अपील की.

आईसीसी के अध्यक्ष रूद्र चटर्जी की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी सरकार के कई अधिकारियों से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल अमेरिकी यात्रा के पहले दिन अमेरिका-भारत व्यापार परिष्द द्वारा आयोजित एक कारोबारी सेमिनार में भी शामिल हुआ.

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एक बयान के अनुसार, चटर्जी ने विभिन्न मुलाकातों और सेमिनार में इस बात पर जोर दिया कि जीएसपी से कुछ भारतीय उत्पादों को शुल्क के बिना अमेरिकी बाजार में प्रवेश मिलता है. अमेरिका के उद्यमी इन उत्पादों का मूल्यवर्धन कर विपणन करते हैं. उन्होंने कहा कि जीएसपी वापस लेने से भारतीय निर्यातकों पर प्रतिकूल असर होगा लेकिन इसके साथ ही यह अमेरिकी कंपनियों को भी बराबर प्रभावित करेगा.

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वर्ष 2023 तक 40 प्रतिशत बढ़ जाएगी भारत में इंटरनेट उपयोक्ताओं की संख्या: मैकेंजी

नई दिल्ली: देश में डेटा के लगातार सस्ते होने से वर्ष 2023 तक इंटरनेट के उपयोक्ताओं की संख्या करीब 40 प्रतिशत बढ़ जाएगी, वहीं स्मार्टफोन रखने वाले लोगों की संख्या दोगुनी हो जाएगी. 

मैकिन्से की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है. वर्ष 2013 से डेटा की लागत 95 प्रतिशत घट चुकी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्य डिजिटल क्षेत्र 2025 तक दो गुना बढ़कर 355 से 435 अरब डॉलर हो जाएगा. 

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मैकिन्से ग्लोबल इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट 'डिजिटल इंडिया-टेक्नोलॉजी टू ट्रांसफॉर्म ए कनेक्शन नेशन' में कहा कि भारत डिजिटल उपभोक्ताओं के लिये सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है. 

देश में 2018 तक इंटरनेट के 56 करोड़ उपयोक्ता थे जो कि सिर्फ चीन से कम है. रिपोर्ट के अनुसार देश में मोबाइल डेटा उपयोक्ता औसतन प्रति माह 8.30 जीबी डेटा का इस्तेमाल करते हैं. 

यह औसत चीन में 5.50 जीबी और दक्षिण कोरिया जैसे उन्नत डिजिटल बाजार में आठ से साढ़े आठ जीबी है. उसने कहा, "17 परिपक्व और उभरते बाजारों के हमारे विश्लेषण से पता चला है कि भारत किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक तेजी से डिजिटल हो रहा है." 

उसने कहा कि सरकार की मदद से अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने में मदद मिली है. रिलायंस जियो जैसी निजी कंपनी के कारण 2013 से डेटा की लागत 95 प्रतिशत से अधिक कम हुई है.


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