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उबर के लिए आसान नही रहा साल 2020 का सफर

वैश्विक महामारी कोरोना के बीच अमेरिकी कैब सेवा प्रदाता उबर ने इस साल काफी बाधाओं को झेला, जिनमें व्यापार में भारी नुकसान, बाजार हिस्सेदारी में कमी, हजारों नौकरियों की छंटनी और साल के अंत में अपनी महत्वकांक्षी योजना सेल्फ ड्राइविंग कारों का कारोबार बेचना तक शामिल था.

उबर के लिए आसान नही रहा साल 2020 का सफर
उबर के लिए आसान नही रहा साल 2020 का सफर
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Published : Dec 26, 2020, 7:51 PM IST

बिजनेस डेस्क, ईटीवी भारत: 2009 में स्थापन और 2011 में सैन फ्रांसिस्को में अपने अधिकारिक लॉन्च के बाद अमेरिका की ऐप बेस्ड कैब सेवा प्रदाता उबर ने शुरुआती सालों में विकास की जो गति देखी, उसका सपना हर स्टार्ट अप देखता है.

उबर एक क्लासिक उदाहरण है कि कैसे तकनीक विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों पर प्रभाव डाल सकती है. उबर के स्मार्टफोन पर बस कुछ टैप की मदद से निजी या साझा कैब को किराए पर लेने का विचार, वह भी कम कीमतों पर, कई देशों में परिवहन का एक विकल्प बन गया.

इसके बाद, उबर ने फूड डिलीवरी (उबर ईट्स), पैकेज डिलीवरी, माल परिवहन और किराये पर इलेक्ट्रिक साइकिल और मोटराइज्ड स्कूटर आदि क्षेत्रों में प्रवेश किया. इसके साथ ही उबर को सेल्फ-ड्राइविंग कारों के विकास में अग्रणी कहा जाता था, हालांकि बाद में इसने अपनी योजनाओं को बदल दिया.

लेकिन इसके बीच नकदी की हानि भी चिंताजनक दर पर हो रहा था. 2019 में उबर को 8.5 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ और जब 2020 में स्थिति संभलने की उम्मीद की जा रही थी, तो महामारी आ धमकी.

नतीजतन, वर्ष 2020 उबर के लिए और मुश्किल भरा रहा, जिसमें कंपनी को कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ा.

आइए एक नजर डालते हैं कि कैसे उबर ने साल 2020 में अपने उद्देश्यों को पूरा करने में संघर्ष किया.

कड़ी प्रतिस्पर्धा

उबर के दो प्रमुख डिवीजन, राइड-हेलिंग व्यवसाय और खाद्य वितरण व्यवसाय उबर ईट्स, के लिए सभी बड़े देशों में तेजी से प्रतिद्वंद्वियों की संख्या बढ़ रही है, जहां यह संचालित होता है.

बाजार हिस्सेदारी बनाए रखना उबर की मूल्य निर्धारण शक्ति को सीमित कर रहा है, जिससे लाभ का मार्जिन हाशिए पर चला जाता है.

ईमार्केटर के अनुसार, अमेरिकी परिवहन-शेयरिंग बाजार में उबर की बाजार हिस्सेदारी 2019 में 75% से घटकर 2023 में 71.7% रह सकती है, क्योंकि प्रतिद्वंद्वी कंपनी लिफ्ट का शेयर 48.2% से बढ़कर 59% हो सकता है.

उपभोक्ता डेटा का विश्लेषण करने वाले प्रौद्योगिकी फर्म, सेकेंड मीज के अनुसार मई 2018 के मध्य में अमेरिकी खाद्य वितरण बाजार में उबर ईट्स की हिस्सेदारी 28% से गिरकर मई 2020 में 22% रह गई.

बढ़ती हानियां

2020 की पहली तिमाही में उबर को 2.9 बिलियन डॉलर की हानि हुई, जो कि तीन तिमाहियों में इसका सबसे बड़ा नुकसान रहा. कंपनी ने इस अवधि के दौरान 3.54 बिलियन डॉलर का राजस्व दर्ज किया.

हालांकि 2020 की तीसरी तिमाही में, कंपनी ने अपने घाटे को 1.09 बिलियन डॉलर तक सीमित कर दिया, इसके पिछले साल समान अवधि में कंपनी का घाटा 1.16 बिलियन डॉलर था.

राहत का कुछ संकेत दिखाते हुए कंपनी ने बताया कि इसकी मुख्य कैब सेवा अब कोविड 19 के प्रभाव से पूरी तरह उबर चुकी है.

कर्मचारियों की छंटनी

दुनिया भर में कोरोना महामारी प्रेरित लॉकडाउन के परिणामस्वरूप उबर की कैब सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई. जिसके परिणामस्वरूप कंपनी ने वैश्विक स्तर पर 6,700 कर्मचारियों की छंटनी की.

वैश्विक स्तर पर छंटनी की घोषणा के एक महीने बाद भारत में उबर का मुंबई कार्यालय बंद कर दिया गया. जिसके चलते ग्राहक और ड्राइवर सहायता, व्यवसाय विकास, कानूनी, वित्त, नीति और विपणन कार्यक्षेत्र सहित भारत के छंटनी से पूरे खंड में 600 कर्मचारी प्रभावित हुए.

सेल्फ ड्राइविंग कारों से तौबा

उबर ने पिछले सप्ताह अपनी सेल्फ ड्राइविंग कार को विकसित करने के प्रयासों को बंद कर दिया क्योंकि उसने अपनी स्वायत्त वाहन अनुसंधान प्रभाग को सिलिकॉन वैली स्टार्ट-अप को बेच दिया था. कंपनी ने यह फैसला यह महसूस करने के बाद लिया कि वह अब तकनीक पर अरबों डॉलर खर्च नहीं कर सकता है.

उबर ने एडवांस्ड टेक्नॉलजीज ग्रुप के रूप में जाना जाने वाला अपना व्यवसाय औरोरा को 4 बिलियन डॉलर में बेचा. औरोरा एक स्टार्ट-अप है, जो स्वायत्त वाहनों के लिए सेंसर और सॉफ्टवेयर बनाता है और यह अमेजन और सिकोइया कैपिटल द्वारा समर्थित है.

हालांकि, इस सौदे के हिस्से के रूप में, उबर औरोरा में 26% की अल्पसंख्यक हिस्सेदारी के बदले 400 मिलियन डॉलर का निवेश कर रहा है.

उबर की सबसे बड़ी महत्वकांक्षाओं में से एक स्वायत्त प्रौद्योगिकी विकसित कर लागत को कम करने के मिशन को निवेशकों के दबाव के चलते बंद करना पड़ा, क्योंकि कंपनी को मुनाफे पर भी ध्यान केंद्रित करने का दबाव था.

ये भी पढ़ें : कोयला खनन में निजी क्षेत्र का प्रवेश, कोल इंडिया की नए क्षेत्रों में कदम रखने की तैयारी

बिजनेस डेस्क, ईटीवी भारत: 2009 में स्थापन और 2011 में सैन फ्रांसिस्को में अपने अधिकारिक लॉन्च के बाद अमेरिका की ऐप बेस्ड कैब सेवा प्रदाता उबर ने शुरुआती सालों में विकास की जो गति देखी, उसका सपना हर स्टार्ट अप देखता है.

उबर एक क्लासिक उदाहरण है कि कैसे तकनीक विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों पर प्रभाव डाल सकती है. उबर के स्मार्टफोन पर बस कुछ टैप की मदद से निजी या साझा कैब को किराए पर लेने का विचार, वह भी कम कीमतों पर, कई देशों में परिवहन का एक विकल्प बन गया.

इसके बाद, उबर ने फूड डिलीवरी (उबर ईट्स), पैकेज डिलीवरी, माल परिवहन और किराये पर इलेक्ट्रिक साइकिल और मोटराइज्ड स्कूटर आदि क्षेत्रों में प्रवेश किया. इसके साथ ही उबर को सेल्फ-ड्राइविंग कारों के विकास में अग्रणी कहा जाता था, हालांकि बाद में इसने अपनी योजनाओं को बदल दिया.

लेकिन इसके बीच नकदी की हानि भी चिंताजनक दर पर हो रहा था. 2019 में उबर को 8.5 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ और जब 2020 में स्थिति संभलने की उम्मीद की जा रही थी, तो महामारी आ धमकी.

नतीजतन, वर्ष 2020 उबर के लिए और मुश्किल भरा रहा, जिसमें कंपनी को कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ा.

आइए एक नजर डालते हैं कि कैसे उबर ने साल 2020 में अपने उद्देश्यों को पूरा करने में संघर्ष किया.

कड़ी प्रतिस्पर्धा

उबर के दो प्रमुख डिवीजन, राइड-हेलिंग व्यवसाय और खाद्य वितरण व्यवसाय उबर ईट्स, के लिए सभी बड़े देशों में तेजी से प्रतिद्वंद्वियों की संख्या बढ़ रही है, जहां यह संचालित होता है.

बाजार हिस्सेदारी बनाए रखना उबर की मूल्य निर्धारण शक्ति को सीमित कर रहा है, जिससे लाभ का मार्जिन हाशिए पर चला जाता है.

ईमार्केटर के अनुसार, अमेरिकी परिवहन-शेयरिंग बाजार में उबर की बाजार हिस्सेदारी 2019 में 75% से घटकर 2023 में 71.7% रह सकती है, क्योंकि प्रतिद्वंद्वी कंपनी लिफ्ट का शेयर 48.2% से बढ़कर 59% हो सकता है.

उपभोक्ता डेटा का विश्लेषण करने वाले प्रौद्योगिकी फर्म, सेकेंड मीज के अनुसार मई 2018 के मध्य में अमेरिकी खाद्य वितरण बाजार में उबर ईट्स की हिस्सेदारी 28% से गिरकर मई 2020 में 22% रह गई.

बढ़ती हानियां

2020 की पहली तिमाही में उबर को 2.9 बिलियन डॉलर की हानि हुई, जो कि तीन तिमाहियों में इसका सबसे बड़ा नुकसान रहा. कंपनी ने इस अवधि के दौरान 3.54 बिलियन डॉलर का राजस्व दर्ज किया.

हालांकि 2020 की तीसरी तिमाही में, कंपनी ने अपने घाटे को 1.09 बिलियन डॉलर तक सीमित कर दिया, इसके पिछले साल समान अवधि में कंपनी का घाटा 1.16 बिलियन डॉलर था.

राहत का कुछ संकेत दिखाते हुए कंपनी ने बताया कि इसकी मुख्य कैब सेवा अब कोविड 19 के प्रभाव से पूरी तरह उबर चुकी है.

कर्मचारियों की छंटनी

दुनिया भर में कोरोना महामारी प्रेरित लॉकडाउन के परिणामस्वरूप उबर की कैब सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई. जिसके परिणामस्वरूप कंपनी ने वैश्विक स्तर पर 6,700 कर्मचारियों की छंटनी की.

वैश्विक स्तर पर छंटनी की घोषणा के एक महीने बाद भारत में उबर का मुंबई कार्यालय बंद कर दिया गया. जिसके चलते ग्राहक और ड्राइवर सहायता, व्यवसाय विकास, कानूनी, वित्त, नीति और विपणन कार्यक्षेत्र सहित भारत के छंटनी से पूरे खंड में 600 कर्मचारी प्रभावित हुए.

सेल्फ ड्राइविंग कारों से तौबा

उबर ने पिछले सप्ताह अपनी सेल्फ ड्राइविंग कार को विकसित करने के प्रयासों को बंद कर दिया क्योंकि उसने अपनी स्वायत्त वाहन अनुसंधान प्रभाग को सिलिकॉन वैली स्टार्ट-अप को बेच दिया था. कंपनी ने यह फैसला यह महसूस करने के बाद लिया कि वह अब तकनीक पर अरबों डॉलर खर्च नहीं कर सकता है.

उबर ने एडवांस्ड टेक्नॉलजीज ग्रुप के रूप में जाना जाने वाला अपना व्यवसाय औरोरा को 4 बिलियन डॉलर में बेचा. औरोरा एक स्टार्ट-अप है, जो स्वायत्त वाहनों के लिए सेंसर और सॉफ्टवेयर बनाता है और यह अमेजन और सिकोइया कैपिटल द्वारा समर्थित है.

हालांकि, इस सौदे के हिस्से के रूप में, उबर औरोरा में 26% की अल्पसंख्यक हिस्सेदारी के बदले 400 मिलियन डॉलर का निवेश कर रहा है.

उबर की सबसे बड़ी महत्वकांक्षाओं में से एक स्वायत्त प्रौद्योगिकी विकसित कर लागत को कम करने के मिशन को निवेशकों के दबाव के चलते बंद करना पड़ा, क्योंकि कंपनी को मुनाफे पर भी ध्यान केंद्रित करने का दबाव था.

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