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कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आगे आए होटल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर

होटल और रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ ईस्टर्न इंडिया के एक शीर्ष निकाय ने पश्चिम बंगाल सरकार को कोलकाता और अन्य जिलों में क्वारंटीन सुविधाओं के रूप में इस्तेमाल किए जाने के लिए 645 होटल के कमरों की पेशकश की है.

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आगे आए होटल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आगे आए होटल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर
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Published : Apr 2, 2020, 3:54 PM IST

कोलकाता: कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में कई होटल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर सामने आए हैं. किसी ने डॉक्टरों और मेडिकल स्टॉफ के रहने की व्यवस्था की तो किसी ने अपने होटल को क्वारंटीन करने के लिए दे दिया.

इसकी शुरुआत पश्चिम बंगाल से हुई है और बहुत जल्द यह पूरे पूर्व और उत्तर पूर्व भारत के लिए शुरु हो गया.

होटल और रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ ईस्टर्न इंडिया के एक शीर्ष निकाय ने पश्चिम बंगाल सरकार को कोलकाता और अन्य जिलों में क्वारंटीन सुविधाओं के रूप में इस्तेमाल किए जाने के लिए 645 होटल के कमरों की पेशकश की है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन: हेल्थ या मोटर की इन्श्योरेंस का प्रीमियम नहीं जमा कर पाने वाले लोगों को राहत

एसोसिएशन के सचिव सुरेश पोद्दार ने ईटीवी भारत को बताया कि कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर एचआरएईआई ने अपने होटल मालिक सदस्यों से कमरे आवंटित करने और अन्य राज्यों और देशों से लौटने वाले लोगों की बड़ी संख्या में आवास की सुविधा का आग्रह किया. फिर हमने राज्य के पर्यटन और स्वास्थ्य विभागों के साथ इस विषय पर चर्चा की जिसके बाद उन्होंने हमारे प्रस्तावों को स्वीकार कर लिया.

पश्चिम बंगाल में एचआरएईआई ने अगले कुछ दिनों में आवंटित कमरों को 1,000 तक बढ़ाने की योजना बनाई है. पोद्दार ने कहा कि बहुत जल्द ही अन्य पूर्वी और उत्तर पूर्वी राज्यों के होटल मालिकों को इस प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि लगभग 600 से अधिक कमरे अब साल्टलेक, राजारहाट, न्यूटाउन और महानगर के अन्य स्थानों में फैले विभिन्न होटलों में उपलब्ध हैं. कोलकाता की सीमाओं से परे एसोसिएशन ने सिलीगुड़ी पर जोर दिया है. जहां एसोसिएशन ने 25 कमरों को या तो क्वारंटीन करने के लिए या फिर डॉक्टरों, नर्सों और चिकित्सा कर्मचारियों के लिए रहने के लिए दे दिया है.

घातक कोरोनावायरस के कारण रोगियों की वृद्धि से निपटने के लिए कमरों के आवंटन की चुनौतियों का हिस्सा समाप्त नहीं हुआ है. जैसा कि ज्यादातर होटल मालिक अब सिर्फ कुछ कर्मचारियों के भरोसे काम कर रहें हैं. पोद्दार ने कहा कि प्रत्येक 20-25 कमरों के लिए केवल चार से पांच होटल कर्मचारी उपलब्ध हैं और उनमें से ज्यादातर भीड़ और जरूरत से निपटने के लिए अतिरिक्त घंटे काम कर रहे हैं.

पोद्दार ने कहा कि कोई भी शिकायत नहीं कर रहा है और सभी समझते हैं कि यह एक बड़े कारण के लिए है. हम केवल यह आशा करते हैं कि सरकार उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों के प्रति अधिक सहानुभूतिपूर्ण है.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 से लड़ने के लिए लगे मेडिकल, पैरा मेडिकल, पुलिस और अन्य सहायक कर्मचारियों के लिए 10 लाख रुपये का बीमा पैकेज पहले ही स्वीकृत किया जा चुका है. अगर हमें वही दिया जाता है तो हम निश्चित रूप से अन्य मालिकों और कर्मचारियों के सदस्यों को प्रेरित करने की स्थिति में होंगे.

कोलकाता: कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में कई होटल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर सामने आए हैं. किसी ने डॉक्टरों और मेडिकल स्टॉफ के रहने की व्यवस्था की तो किसी ने अपने होटल को क्वारंटीन करने के लिए दे दिया.

इसकी शुरुआत पश्चिम बंगाल से हुई है और बहुत जल्द यह पूरे पूर्व और उत्तर पूर्व भारत के लिए शुरु हो गया.

होटल और रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ ईस्टर्न इंडिया के एक शीर्ष निकाय ने पश्चिम बंगाल सरकार को कोलकाता और अन्य जिलों में क्वारंटीन सुविधाओं के रूप में इस्तेमाल किए जाने के लिए 645 होटल के कमरों की पेशकश की है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन: हेल्थ या मोटर की इन्श्योरेंस का प्रीमियम नहीं जमा कर पाने वाले लोगों को राहत

एसोसिएशन के सचिव सुरेश पोद्दार ने ईटीवी भारत को बताया कि कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर एचआरएईआई ने अपने होटल मालिक सदस्यों से कमरे आवंटित करने और अन्य राज्यों और देशों से लौटने वाले लोगों की बड़ी संख्या में आवास की सुविधा का आग्रह किया. फिर हमने राज्य के पर्यटन और स्वास्थ्य विभागों के साथ इस विषय पर चर्चा की जिसके बाद उन्होंने हमारे प्रस्तावों को स्वीकार कर लिया.

पश्चिम बंगाल में एचआरएईआई ने अगले कुछ दिनों में आवंटित कमरों को 1,000 तक बढ़ाने की योजना बनाई है. पोद्दार ने कहा कि बहुत जल्द ही अन्य पूर्वी और उत्तर पूर्वी राज्यों के होटल मालिकों को इस प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि लगभग 600 से अधिक कमरे अब साल्टलेक, राजारहाट, न्यूटाउन और महानगर के अन्य स्थानों में फैले विभिन्न होटलों में उपलब्ध हैं. कोलकाता की सीमाओं से परे एसोसिएशन ने सिलीगुड़ी पर जोर दिया है. जहां एसोसिएशन ने 25 कमरों को या तो क्वारंटीन करने के लिए या फिर डॉक्टरों, नर्सों और चिकित्सा कर्मचारियों के लिए रहने के लिए दे दिया है.

घातक कोरोनावायरस के कारण रोगियों की वृद्धि से निपटने के लिए कमरों के आवंटन की चुनौतियों का हिस्सा समाप्त नहीं हुआ है. जैसा कि ज्यादातर होटल मालिक अब सिर्फ कुछ कर्मचारियों के भरोसे काम कर रहें हैं. पोद्दार ने कहा कि प्रत्येक 20-25 कमरों के लिए केवल चार से पांच होटल कर्मचारी उपलब्ध हैं और उनमें से ज्यादातर भीड़ और जरूरत से निपटने के लिए अतिरिक्त घंटे काम कर रहे हैं.

पोद्दार ने कहा कि कोई भी शिकायत नहीं कर रहा है और सभी समझते हैं कि यह एक बड़े कारण के लिए है. हम केवल यह आशा करते हैं कि सरकार उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों के प्रति अधिक सहानुभूतिपूर्ण है.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 से लड़ने के लिए लगे मेडिकल, पैरा मेडिकल, पुलिस और अन्य सहायक कर्मचारियों के लिए 10 लाख रुपये का बीमा पैकेज पहले ही स्वीकृत किया जा चुका है. अगर हमें वही दिया जाता है तो हम निश्चित रूप से अन्य मालिकों और कर्मचारियों के सदस्यों को प्रेरित करने की स्थिति में होंगे.

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