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वाहनों की बढ़ती मांगों के चलते व्हीकल फायनेंस क्षेत्र में सुधार: रिपोर्ट

रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वाहनों के लिए फाइनेंस (वीएफ) करने वाली कंपनियों पर क्रेडिट लागत चालू वित्त वर्ष में 1.7-4.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद है.

वाहनों की बढ़ती मांगों के चलते व्हीकल फायनेंस क्षेत्र में सुधार: रिपोर्ट
वाहनों की बढ़ती मांगों के चलते व्हीकल फायनेंस क्षेत्र में सुधार: रिपोर्ट
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Published : Nov 30, 2020, 4:33 PM IST

नई दिल्ली: इक्विटी रिसर्च फर्म मोतीलाल ओसवाल फायनेंशियल सर्विसेज ने एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि दोपहिया, ट्रैक्टर और यात्री वाहनों की बढ़ी मांग के चलते पिछले छह महीनों में व्हीकल फायनेंस (वीएफ) क्षेत्र में तेजी से सुधार हुआ है.

रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वाहनों के लिए फाइनेंस (वीएफ) करने वाली कंपनियों पर क्रेडिट लागत चालू वित्त वर्ष में 1.7-4.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद है.

रिपोर्ट में कहा गया, अगस्त-सितंबर 2020 तक, अधिकांश उत्पाद श्रेणियों में बिक्री पिछले साल के स्तर तक पहुंच गई थी. निजी वाहनों की बिक्री वित्त वर्ष 2021 में पिछले साल की बिक्री के स्तर से लगभग बराबर रही.

इसी तरह, दोपहिया वाहन और ट्रैक्टरों की बिक्री अगस्त और सितंबर महीने में पहले के स्तर से आगे निकल गई.

ये भी पढ़ें: पेंशन प्राप्तकर्ताओं को सरकार का तोहफा, 28 फरवरी तक जमा कर सकते हैं जीवन प्रमाण पत्र

रिपोर्ट में कहा गया है, दोपहिया वाहन और निजी वाहनों के सेगमेंट को इसलिए फायदा हुआ क्योंकि लोग अपना निजी वाहन चाहते हैं. 2019 में रबी की फसल के बंपर पैदावार के चलते ट्रैक्टरों की बिक्री में वृद्धि हुई थी.

हालांकि, मध्यम और भारी वाहनों की बिक्री कम रही. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी से पहले भी यह सेगमेंट दबाव में था. हालांकि इस्तेमाल किए गए कमर्शियल वाहनों में मूल्य वृद्धि को देखते हुए मजबूत मांग देखी जा रही है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: इक्विटी रिसर्च फर्म मोतीलाल ओसवाल फायनेंशियल सर्विसेज ने एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि दोपहिया, ट्रैक्टर और यात्री वाहनों की बढ़ी मांग के चलते पिछले छह महीनों में व्हीकल फायनेंस (वीएफ) क्षेत्र में तेजी से सुधार हुआ है.

रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वाहनों के लिए फाइनेंस (वीएफ) करने वाली कंपनियों पर क्रेडिट लागत चालू वित्त वर्ष में 1.7-4.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद है.

रिपोर्ट में कहा गया, अगस्त-सितंबर 2020 तक, अधिकांश उत्पाद श्रेणियों में बिक्री पिछले साल के स्तर तक पहुंच गई थी. निजी वाहनों की बिक्री वित्त वर्ष 2021 में पिछले साल की बिक्री के स्तर से लगभग बराबर रही.

इसी तरह, दोपहिया वाहन और ट्रैक्टरों की बिक्री अगस्त और सितंबर महीने में पहले के स्तर से आगे निकल गई.

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रिपोर्ट में कहा गया है, दोपहिया वाहन और निजी वाहनों के सेगमेंट को इसलिए फायदा हुआ क्योंकि लोग अपना निजी वाहन चाहते हैं. 2019 में रबी की फसल के बंपर पैदावार के चलते ट्रैक्टरों की बिक्री में वृद्धि हुई थी.

हालांकि, मध्यम और भारी वाहनों की बिक्री कम रही. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी से पहले भी यह सेगमेंट दबाव में था. हालांकि इस्तेमाल किए गए कमर्शियल वाहनों में मूल्य वृद्धि को देखते हुए मजबूत मांग देखी जा रही है.

(पीटीआई-भाषा)

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