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सरकारी पोर्टल पर मिलेगी जीएसटी ई-चालान निकालने की सुविधा

शुरुआत में एक निश्चित सीमा से अधिक के कारोबार वाली इकाइयों को प्रत्येक इलेक्ट्रॉनिक या ई- चालान पर एक विशिष्ट संख्या मिलेगी.

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Published : Apr 28, 2019, 4:39 PM IST

नई दिल्ली : माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारी एक ऐसी प्रणाली पर काम कर रहे हैं जिसमें एक निश्चित सीमा से अधिक कारोबार करने वाली कंपनियों को सरकारी या जीएसटी पोर्टल पर प्रत्येक बिक्री के लिए 'ई- चालान' निकालना होगा. इससे कर चोरी की गुंजाइश काफी हद तक कम हो सकेगी.

शुरुआत में एक निश्चित सीमा से अधिक के कारोबार वाली इकाइयों को प्रत्येक इलेक्ट्रॉनिक या ई- चालान पर एक विशिष्ट संख्या मिलेगी. एक अधिकारी ने बताया कि इन नंबर का मिलान बिक्री रिटर्न और चुकाये गए कर के इनवॉइस से किया जा सकेगा. आगे चलकर कंपनियों को बिक्री के पूरे मूल्य पर पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक कर चालान या ई-इनवॉइस निकालना होगा.

अधिकारी ने बताया कि एक निश्चित सीमा से अधिक के कारोबार वाली इकाइयों को एक सॉफ्टवेयर दिया जाएगा जो जीएसटी या सरकारी पोर्टल से जुड़ा होगा. इससे ई-चालान निकाला जा सकेगा। सीमा का निर्धारण चालान के मूल्य के आधार पर तय किया जा सकेगा.

एक अधिकारी ने पीटीआई भाषा से कहा, "ई-चालान निकालने की अनिवार्यता पंजीकृत व्यक्ति के कारोबार या चालान मूल्य के आधार पर तय होगी. वैसे विचार यह है कि यह कारोबार की सीमा पर आधारित हो, ताकि वह बिक्री बिलों को अलग अलग बांट नहीं सकें."

उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यदि न्यूनतम मूल्य 1,000 रुपये तय किया जाता है तो इस बात की संभावना रहेगी कि कंपनियां इसे कई बिलों में बांट दें, जिससे चालान आधारित सीमा से बचा जा सके.
ये भी पढ़ें : नया फॉर्म 16: वेतनभोगी कर्मचारियों के जानने योग्य जरूरी बातें

नई दिल्ली : माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारी एक ऐसी प्रणाली पर काम कर रहे हैं जिसमें एक निश्चित सीमा से अधिक कारोबार करने वाली कंपनियों को सरकारी या जीएसटी पोर्टल पर प्रत्येक बिक्री के लिए 'ई- चालान' निकालना होगा. इससे कर चोरी की गुंजाइश काफी हद तक कम हो सकेगी.

शुरुआत में एक निश्चित सीमा से अधिक के कारोबार वाली इकाइयों को प्रत्येक इलेक्ट्रॉनिक या ई- चालान पर एक विशिष्ट संख्या मिलेगी. एक अधिकारी ने बताया कि इन नंबर का मिलान बिक्री रिटर्न और चुकाये गए कर के इनवॉइस से किया जा सकेगा. आगे चलकर कंपनियों को बिक्री के पूरे मूल्य पर पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक कर चालान या ई-इनवॉइस निकालना होगा.

अधिकारी ने बताया कि एक निश्चित सीमा से अधिक के कारोबार वाली इकाइयों को एक सॉफ्टवेयर दिया जाएगा जो जीएसटी या सरकारी पोर्टल से जुड़ा होगा. इससे ई-चालान निकाला जा सकेगा। सीमा का निर्धारण चालान के मूल्य के आधार पर तय किया जा सकेगा.

एक अधिकारी ने पीटीआई भाषा से कहा, "ई-चालान निकालने की अनिवार्यता पंजीकृत व्यक्ति के कारोबार या चालान मूल्य के आधार पर तय होगी. वैसे विचार यह है कि यह कारोबार की सीमा पर आधारित हो, ताकि वह बिक्री बिलों को अलग अलग बांट नहीं सकें."

उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यदि न्यूनतम मूल्य 1,000 रुपये तय किया जाता है तो इस बात की संभावना रहेगी कि कंपनियां इसे कई बिलों में बांट दें, जिससे चालान आधारित सीमा से बचा जा सके.
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नई दिल्ली : माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारी एक ऐसी प्रणाली पर काम कर रहे हैं जिसमें एक निश्चित सीमा से अधिक कारोबार करने वाली कंपनियों को सरकारी या जीएसटी पोर्टल पर प्रत्येक बिक्री के लिए 'ई- चालान' निकालना होगा. इससे कर चोरी की गुंजाइश काफी हद तक कम हो सकेगी.

शुरुआत में एक निश्चित सीमा से अधिक के कारोबार वाली इकाइयों को प्रत्येक इलेक्ट्रॉनिक या ई- चालान पर एक विशिष्ट संख्या मिलेगी. एक अधिकारी ने बताया कि इन नंबर का मिलान बिक्री रिटर्न और चुकाये गए कर के इनवॉइस से किया जा सकेगा. आगे चलकर कंपनियों को बिक्री के पूरे मूल्य पर पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक कर चालान या ई-इनवॉइस निकालना होगा.

अधिकारी ने बताया कि एक निश्चित सीमा से अधिक के कारोबार वाली इकाइयों को एक सॉफ्टवेयर दिया जाएगा जो जीएसटी या सरकारी पोर्टल से जुड़ा होगा. इससे ई-चालान निकाला जा सकेगा। सीमा का निर्धारण चालान के मूल्य के आधार पर तय किया जा सकेगा.

एक अधिकारी ने पीटीआई भाषा से कहा, "ई-चालान निकालने की अनिवार्यता पंजीकृत व्यक्ति के कारोबार या चालान मूल्य के आधार पर तय होगी. वैसे विचार यह है कि यह कारोबार की सीमा पर आधारित हो, ताकि वह बिक्री बिलों को अलग अलग बांट नहीं सकें."

उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यदि न्यूनतम मूल्य 1,000 रुपये तय किया जाता है तो इस बात की संभावना रहेगी कि कंपनियां इसे कई बिलों में बांट दें, जिससे चालान आधारित सीमा से बचा जा सके.

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