नई दिल्ली: सरकार ने 2022 तक सभी गांवों को ब्रॉडबैंड तक पहुंच उपलब्ध कराने का वादा किया है. सरकार ने मंगलवार को महत्वाकांक्षीय राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन की शुरुआत की. इस मिशन में संबद्ध पक्ष आगामी वर्षों में सात लाख करोड़ रुपये का निवेश करेंगे.
इस मिशन के तहत देशभर, विशेषरूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में सार्वभौमिक और समानता के आधार पर ब्रॉडबैंड पहुंच उपलब्ध कराई जाएगी. इसके तहत 30 लाख किलोमीटर का अतिरिक्त आप्टिकल फाइबर केबल मार्ग बिछाया जाएगा. साथ ही 2024 तक टावर का घनत्व भी 0.42 से बढ़ाकर एक टावर प्रति हजार आबादी किया जाएगा.
केंद्रीय संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मंगलवार को इस मिशन का शुभारंभ किया. इसके तहत मोबाइल और इंटरनेट की सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने का भी लक्ष्य है.
प्रसाद ने कहा, "2022 तक हम देश के सभी गांवों तक ब्रॉडबैंड पहुंचा देंगे. देश में टावरों की संख्या बढ़कर 10 लाख हो जाएगी, जो अभी 5.65 लाख है."
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उन्होंने कहा कि इस मिशन के तहत टावरों का 'फाइबराइजेशन' बढ़कर 70 प्रतिशत तक हो जाएगा, जो अभी 30 प्रतिशत है. प्रसाद ने कहा कि इस मिशन के जरिये शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्यमिता और विकास के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी ढांचे को मजबूत किया जा सकेगा.
प्रसाद ने वादा किया, "हम चरणबद्ध तरीके से गति को भी बढ़ाकर 50 एमबीपीएस तक पहुंचाएंगे."
उन्होंने राज्यों से इस मिशन में पूरा सहयोग देने को कहा जिससे प्रौद्योगिकी के लाभ को लोगों तक पहुंचाया जा सके. इस मिशन के तहत संबद्ध पक्ष आगामी वर्षों में 100 अरब डॉलर या सात लाख करोड़ रुपये का निवेश करेंगे. इसमें 70,000 करोड़ रुपये यूनिवर्सल सर्विस आब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ) से उपलब्ध कराया जाएगा.