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सरकार अब प्याज निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने पर कर रही विचार

पिछले महीने एक समय प्याज की कीमत 160 रुपये किलो तक पहुंच गई थी लेकिन अब यह किस्म और अलग अलग स्थानों की प्याज के मुताबिक 60 से 70 रुपये किलो रह गई है. नई प्याज की आवक जनवरी से मई तक होगी.

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सरकार अब प्याज निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने पर कर रही विचार
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Published : Jan 21, 2020, 8:39 PM IST

Updated : Feb 17, 2020, 10:00 PM IST

नई दिल्ली: उत्पादक क्षेत्रों से नई प्याज की आवक शुरू होने के बाद सरकार अब प्याज निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने पर विचार कर रही है. मंडियों में नई प्याज की आवक शुरू होने के साथ अब प्याज के दाम नीचे आने लगे हैं.

एक अधिकारी ने बताया, "नये प्याज की आवक से कीमतों में नरमी आएगी, इसलिए निर्यात प्रतिबंध हटाने की आवश्यकता है."

पिछले महीने एक समय प्याज की कीमत 160 रुपये किलो तक पहुंच गई थी लेकिन अब यह किस्म और अलग अलग स्थानों की प्याज के मुताबिक 60 से 70 रुपये किलो रह गई है. नई प्याज की आवक जनवरी से मई तक होगी.

सितंबर 2019 में सरकार ने घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ाने और बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. व्यापारियों पर भी स्टॉक रखने की सीमा तय कर दी गई थी.

ये भी पढ़ें: आईसीआईसीआई बैंक ने दी बिना कार्ड एटीएम से कैश निकासी की सुविधा

महाराष्ट्र में प्याज की काफी पैदावार होती है लेकिन वर्षा के मौसम में यहां भारी बारिश होने और राज्य में आने से नुकसान होने की वजह से दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में खुदरा प्याज की कीमतें आसमान पर पहुंच गईं.

प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में अधिक बारिश से फसल वर्ष 2019-20 के खरीफ और खरीफ की देर से हुये प्याज उत्पादन में लगभग 25 प्रतिशत की गिरावट रही.

नई दिल्ली: उत्पादक क्षेत्रों से नई प्याज की आवक शुरू होने के बाद सरकार अब प्याज निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने पर विचार कर रही है. मंडियों में नई प्याज की आवक शुरू होने के साथ अब प्याज के दाम नीचे आने लगे हैं.

एक अधिकारी ने बताया, "नये प्याज की आवक से कीमतों में नरमी आएगी, इसलिए निर्यात प्रतिबंध हटाने की आवश्यकता है."

पिछले महीने एक समय प्याज की कीमत 160 रुपये किलो तक पहुंच गई थी लेकिन अब यह किस्म और अलग अलग स्थानों की प्याज के मुताबिक 60 से 70 रुपये किलो रह गई है. नई प्याज की आवक जनवरी से मई तक होगी.

सितंबर 2019 में सरकार ने घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ाने और बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. व्यापारियों पर भी स्टॉक रखने की सीमा तय कर दी गई थी.

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महाराष्ट्र में प्याज की काफी पैदावार होती है लेकिन वर्षा के मौसम में यहां भारी बारिश होने और राज्य में आने से नुकसान होने की वजह से दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में खुदरा प्याज की कीमतें आसमान पर पहुंच गईं.

प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में अधिक बारिश से फसल वर्ष 2019-20 के खरीफ और खरीफ की देर से हुये प्याज उत्पादन में लगभग 25 प्रतिशत की गिरावट रही.

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नई दिल्ली: उत्पादक क्षेत्रों से नई प्याज की आवक शुरू होने के बाद सरकार अब प्याज निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने पर विचार कर रही है. मंडियों में नई प्याज की आवक शुरू होने के साथ अब प्याज के दाम नीचे आने लगे हैं.

एक अधिकारी ने बताया, "नये प्याज की आवक से कीमतों में नरमी आएगी, इसलिए निर्यात प्रतिबंध हटाने की आवश्यकता है."

पिछले महीने एक समय प्याज की कीमत 160 रुपये किलो तक पहुंच गई थी लेकिन अब यह किस्म और अलग अलग स्थानों की प्याज के मुताबिक 60 से 70 रुपये किलो रह गई है. नई प्याज की आवक जनवरी से मई तक होगी.

सितंबर 2019 में सरकार ने घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ाने और बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. व्यापारियों पर भी स्टॉक रखने की सीमा तय कर दी गई थी.

महाराष्ट्र में प्याज की काफी पैदावार होती है लेकिन वर्षा के मौसम में यहां भारी बारिश होने और राज्य में आने से नुकसान होने की वजह से दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में खुदरा प्याज की कीमतें आसमान पर पहुंच गईं.

प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में अधिक बारिश से फसल वर्ष 2019-20 के खरीफ और खरीफ की देर से हुये प्याज उत्पादन में लगभग 25 प्रतिशत की गिरावट रही.

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Last Updated : Feb 17, 2020, 10:00 PM IST
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