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प्रधानमंत्री ने 41 कोल ब्लॉक्स की नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत की, कहा- ये आयात पर अपनी निर्भरता कम करेगा

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Published : Jun 18, 2020, 10:57 AM IST

Updated : Jun 18, 2020, 4:58 PM IST

प्रधानमंत्री ने कहा, "कमर्शियल कोल माइनिंग के लिए आज जो ये निलामी की शुरुआत हो रही है वो हर स्टेक होल्डर के लिए बेहतरीन समय है. इंडस्ट्रीज को अपने बिजनेस, अपने इन्वेस्टमेंट के लिए अब नए रिसोर्स मिलेंगे, नया मार्केट मिलेगा."

सरकार आज शुरू करेगी 41 कोयला खदानों की वाणिज्यिक नीलामी प्रक्रिया
सरकार आज शुरू करेगी 41 कोयला खदानों की वाणिज्यिक नीलामी प्रक्रिया

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को वाणिज्यिक खनन के लिये 41 कोयला खदानों के नीलामी प्रक्रिया शुरू की. सरकार के इस कदम से देश का कोयला क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खुल जाएगा. मोदी ने इसे आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया.

वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत करने के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश कोरोना वायरस संक्रमण से अपनी लड़ाई जीत लेगा और इस संकट को एक अवसर में बदलेगा. यह महामारी भारत को आत्म निर्भर बनाएगी.

वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला खदानों की नीलामी से देश में अगले पांच से सात साल में 33,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत निवेश की उम्मीद है.

ये भी पढे़ं- कम जरूरी खर्च को टालिए, लागत घटाइए: सरकार ने पीएसयू बैंकों से कहा

मोदी ने कहा कि नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत होना देश के कोयला क्षेत्र को दशकों के लॉकडाउन से बाहर निकालने जैसा है. भारत का लक्ष्य दुनिया का सबसे बड़ा कोयला निर्यातक होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कोयला भंडार मौजूद होने के बावजूद देश अभी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला आयातक है.

मोदी ने कहा, "वाणिज्यिक कोयला खनन के लिए निजी कंपनियों को अनुमति देना चौथे सबसे बड़े कोयला भंडार रखने वाले देश के संसाधनों को जकड़न से निकालना है."

कोयला क्षेत्र को बंद रखने की पुरानी नीतियों पर सवाल उठाते हुए मोदी ने कहा कि कोयला नीलामी में पहले बड़े घोटाले हुए, लेकिन अब प्रणाली को पारदर्शी बनाया गया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस नीलामी प्रक्रिया से राज्यों की आय बढ़ने के साथ-साथ सूदूर इलाकों का विकास होगा और रोजगार का निर्माण होगा.

मोदी ने कहा कि इन कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया का शुरू होना आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गयी घोषणाओं का ही हिस्सा है. यह राज्य सरकारों की आय में सालाना 20,000 करोड़ रुपये का योगदान करेगा.

प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत बनाने के आह्वान के अनुरूप इस नीलामी प्रक्रिया का लक्ष्य देश की ऊर्जा जरूरतों के लिए आत्मनिर्भरता हासिल करना और औद्योगिक विकास को तेज करना है.

मोदी ने कहा कि कोयला और खनन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा, पूंजी और प्रौद्योगिकी लाने के लिए इसे पूरी तरह खोलने का बड़ा फैसला किया गया है.

कोयला और खान मंत्री प्रहलाद जोशी भी इस मौके पर मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि देश के कोयला उत्पादन को एक अरब टन तक पहुंचाने के लिए क्षेत्र में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है.

कोयला क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कोयला मंत्रालय ने फिक्की के साथ मिलकर 41 कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया शुरू की है. यह नीलामी कोयला खदान (विशेष प्रावधान) अधिनियम और खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम के तहत की गयी है.

सरकार के मुताबिक इन कोयला खदानों से होने वाला उत्पादन देश के 2025-26 तक अनुमानित कोयला उत्पादन में करीब 15 प्रतिशत का योगदान करेगा. साथ ही इससे 2.8 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा. इसमें करीब 70,000 लोगों को प्रत्यक्ष और 2.10 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है.

कार्यक्रम को फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी, वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन भी शामिल हुए.

(पीटीआई इनपुट्स के साथ)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को वाणिज्यिक खनन के लिये 41 कोयला खदानों के नीलामी प्रक्रिया शुरू की. सरकार के इस कदम से देश का कोयला क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खुल जाएगा. मोदी ने इसे आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया.

वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत करने के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश कोरोना वायरस संक्रमण से अपनी लड़ाई जीत लेगा और इस संकट को एक अवसर में बदलेगा. यह महामारी भारत को आत्म निर्भर बनाएगी.

वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला खदानों की नीलामी से देश में अगले पांच से सात साल में 33,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत निवेश की उम्मीद है.

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मोदी ने कहा कि नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत होना देश के कोयला क्षेत्र को दशकों के लॉकडाउन से बाहर निकालने जैसा है. भारत का लक्ष्य दुनिया का सबसे बड़ा कोयला निर्यातक होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कोयला भंडार मौजूद होने के बावजूद देश अभी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला आयातक है.

मोदी ने कहा, "वाणिज्यिक कोयला खनन के लिए निजी कंपनियों को अनुमति देना चौथे सबसे बड़े कोयला भंडार रखने वाले देश के संसाधनों को जकड़न से निकालना है."

कोयला क्षेत्र को बंद रखने की पुरानी नीतियों पर सवाल उठाते हुए मोदी ने कहा कि कोयला नीलामी में पहले बड़े घोटाले हुए, लेकिन अब प्रणाली को पारदर्शी बनाया गया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस नीलामी प्रक्रिया से राज्यों की आय बढ़ने के साथ-साथ सूदूर इलाकों का विकास होगा और रोजगार का निर्माण होगा.

मोदी ने कहा कि इन कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया का शुरू होना आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गयी घोषणाओं का ही हिस्सा है. यह राज्य सरकारों की आय में सालाना 20,000 करोड़ रुपये का योगदान करेगा.

प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत बनाने के आह्वान के अनुरूप इस नीलामी प्रक्रिया का लक्ष्य देश की ऊर्जा जरूरतों के लिए आत्मनिर्भरता हासिल करना और औद्योगिक विकास को तेज करना है.

मोदी ने कहा कि कोयला और खनन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा, पूंजी और प्रौद्योगिकी लाने के लिए इसे पूरी तरह खोलने का बड़ा फैसला किया गया है.

कोयला और खान मंत्री प्रहलाद जोशी भी इस मौके पर मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि देश के कोयला उत्पादन को एक अरब टन तक पहुंचाने के लिए क्षेत्र में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है.

कोयला क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कोयला मंत्रालय ने फिक्की के साथ मिलकर 41 कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया शुरू की है. यह नीलामी कोयला खदान (विशेष प्रावधान) अधिनियम और खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम के तहत की गयी है.

सरकार के मुताबिक इन कोयला खदानों से होने वाला उत्पादन देश के 2025-26 तक अनुमानित कोयला उत्पादन में करीब 15 प्रतिशत का योगदान करेगा. साथ ही इससे 2.8 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा. इसमें करीब 70,000 लोगों को प्रत्यक्ष और 2.10 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है.

कार्यक्रम को फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी, वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन भी शामिल हुए.

(पीटीआई इनपुट्स के साथ)

Last Updated : Jun 18, 2020, 4:58 PM IST

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