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RBI ने जारी किया सर्कुलर, 2022 से पेटीएम-फोन पे जैसे वॉलेट को एक दूसरे में बदलने की होगी सुविधा - वॉलेट से निकाल सकते हैं कैश

इंटरऑपरेबिलिटी का मतलब है कि जिन ग्राहकों ने पूर्ण-केवाईसी कराया हुआ है, वे अन्य पीपीआई या बैंकों के लाभार्थियों को फंड ट्रांसफर कर सकेंगे. इसलिए पेटीएम जैसे वॉलेट सेवा प्रदाता से ग्राहक फोनपे और इसके विपरीत पैसे ट्रांसफर कर सकेंगे.

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Published : May 20, 2021, 9:25 PM IST

मुंबई : साल 2022 से आप मोबाइल वॉलेट पेमेंट की कंपनियों को बदल सकते हैं. इससे आपका पूरा डिटेल वही रहेगा. केवल सेवा देनेवाली कंपनियां बदल जाएंगी. ठीक मोबाइल नंबर की तरह यह सुविधा मिलेगी. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस तरह का सर्कुलर जारी किया है.

भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें गूगल पे, पेटीएम और फोन पे जैसे मोबाइल वॉलेट को एक दूसरे में बदलने की सुविधा होगी. आरबीआई द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार, कंपनी को पूर्ण-केवाईसी ग्राहकों के लिए यह सुविधा 31 मार्च, 2022 तक उपलब्ध करानी होगी.

सर्कुलर के मुताबिक, प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (पीपीआई) जारीकर्ताओं के लिए अधिकृत कार्ड नेटवर्क के जरिए पूर्ण-केवाईसी पीपीआई इंटरऑपरेबिलिटी धारकों को देना अनिवार्य होगा.'

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इंटरऑपरेबिलिटी का मतलब है कि जिन ग्राहकों ने पूर्ण-केवाईसी कराया हुआ है, वे अन्य पीपीआई या बैंकों के लाभार्थियों को फंड ट्रांसफर कर सकेंगे. इसलिए पेटीएम जैसे वॉलेट सेवा प्रदाता से ग्राहक फोन-पे और इसके विपरीत पैसे ट्रांसफर कर सकेंगे.

आरबीआई के इस कदम का उद्देश्य गैर-बैंक (प्रीपेड भुगतान इंस्ट्रमेंट) पीपीआई जारीकर्ता (डिजिटल या मोबाइल वॉलेट) को सेवाओं के मामले में पारंपरिक बैंक खातों के बराबर लाना है.

वॉलेट से निकाल सकते हैं कैश

इसके अलावा, आरबीआई ने गैर-बैंक वॉलेट से सीमित रूप से नकद निकासी की भी अनुमति दी है. आरबीआई ने प्रति पीपीआई 10,000 रुपये प्रति माह की कुल सीमा के साथ प्रति ट्रांजेक्शन 2,000 रुपये की अधिकतम सीमा निर्धारित की है.

इसका मतलब यह है कि बैंक एटीएम और पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) टर्मिनलों के रूप में उपलब्ध सीमित विकल्प से अब नकद निकासी अंक काफी हद तक बढ़ जाएंगे.

ये भी पढ़ें : अब 30 सितंबर तक भर सकेंगे आयकर रिटर्न, जून में आएगा नया पोर्टल

मुंबई : साल 2022 से आप मोबाइल वॉलेट पेमेंट की कंपनियों को बदल सकते हैं. इससे आपका पूरा डिटेल वही रहेगा. केवल सेवा देनेवाली कंपनियां बदल जाएंगी. ठीक मोबाइल नंबर की तरह यह सुविधा मिलेगी. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस तरह का सर्कुलर जारी किया है.

भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें गूगल पे, पेटीएम और फोन पे जैसे मोबाइल वॉलेट को एक दूसरे में बदलने की सुविधा होगी. आरबीआई द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार, कंपनी को पूर्ण-केवाईसी ग्राहकों के लिए यह सुविधा 31 मार्च, 2022 तक उपलब्ध करानी होगी.

सर्कुलर के मुताबिक, प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (पीपीआई) जारीकर्ताओं के लिए अधिकृत कार्ड नेटवर्क के जरिए पूर्ण-केवाईसी पीपीआई इंटरऑपरेबिलिटी धारकों को देना अनिवार्य होगा.'

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इंटरऑपरेबिलिटी का मतलब है कि जिन ग्राहकों ने पूर्ण-केवाईसी कराया हुआ है, वे अन्य पीपीआई या बैंकों के लाभार्थियों को फंड ट्रांसफर कर सकेंगे. इसलिए पेटीएम जैसे वॉलेट सेवा प्रदाता से ग्राहक फोन-पे और इसके विपरीत पैसे ट्रांसफर कर सकेंगे.

आरबीआई के इस कदम का उद्देश्य गैर-बैंक (प्रीपेड भुगतान इंस्ट्रमेंट) पीपीआई जारीकर्ता (डिजिटल या मोबाइल वॉलेट) को सेवाओं के मामले में पारंपरिक बैंक खातों के बराबर लाना है.

वॉलेट से निकाल सकते हैं कैश

इसके अलावा, आरबीआई ने गैर-बैंक वॉलेट से सीमित रूप से नकद निकासी की भी अनुमति दी है. आरबीआई ने प्रति पीपीआई 10,000 रुपये प्रति माह की कुल सीमा के साथ प्रति ट्रांजेक्शन 2,000 रुपये की अधिकतम सीमा निर्धारित की है.

इसका मतलब यह है कि बैंक एटीएम और पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) टर्मिनलों के रूप में उपलब्ध सीमित विकल्प से अब नकद निकासी अंक काफी हद तक बढ़ जाएंगे.

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