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बार-बार भूकंप के झटकों से होम इंश्योरेंस के लिए जागरुकता बढ़ी: सर्वे - सर्वे

सर्वे से होम इंश्योरेंस के प्रति लोगों की सोच स्पष्ट होती है. सर्वे में हिस्सा लेने वाले करीब 73 फीसदी भारतीयों और दिल्ली एनसीआर के 57 फीसदी लोगों ने माना कि उन्होंने इससे पहले कभी भी होम इंश्योरेंस लेने के बारे में विचार नहीं किया. यह संख्या चिंताजनक है.

बार-बार भूकंप के झटकों से होम इंश्योरेंस के लिए जागरुकता बढ़ी: सर्वे
बार-बार भूकंप के झटकों से होम इंश्योरेंस के लिए जागरुकता बढ़ी: सर्वे
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Published : Aug 5, 2020, 5:50 PM IST

गुरुग्राम: अप्रैल महीने से बार-बार आने वाले भूकंप के हल्के झटकों के कारण अब हर दूसरा दिल्लीवासी होम इंश्योरेंस खरीदने के बारे में सोच रहा है. एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि पूरे भारत और दिल्ली को मिलाकर लगभग 42 फीसदी लोग निकट भविष्य में होम इंश्योरेंस खरीदने की सोच रहे हैं.

सर्वे से होम इंश्योरेंस के प्रति लोगों की सोच स्पष्ट होती है. सर्वे में हिस्सा लेने वाले करीब 73 फीसदी भारतीयों और दिल्ली एनसीआर के 57 फीसदी लोगों ने माना कि उन्होंने इससे पहले कभी भी होम इंश्योरेंस लेने के बारे में विचार नहीं किया. यह संख्या चिंताजनक है.

इंश्योरेंस मार्केटप्लेस पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के आनलाइन सर्वे में कहा गया कि सर्वे में हिस्सा लेने वाले 10 फीसदी लोग जिनके पास अब तक होम इंश्योरेंस नहीं है, उनका कहना कि वे निकट भविष्य में होम इंश्योरेंस खरीदने की योजना बना रहे हैं.

ये भी पढ़ें- क्या आरबीआई ब्याज दरों में कटौती जारी रखेगी? जानिए क्या है विशेषज्ञों की राय

जबकि एक तिहाई लोगों ने कहा कि वे होम इंश्योरेंस खरीदने की संभावना पर विचार कर रहे हैं. ऐसे में यह माना जा सकता है कि मौजूदा परिस्थितियों और बार-बार आते भूकंप के झटकों की वजह से धीरे-धीरे लोगों को होम इंश्योरेंस का महत्व समझ में आने लगा है और वे इस बारे में पहले से ज्यादा गंभीरता से सोच भी रहे हैं.

यह ऑनलाइन सर्वे 17 जुलाई से 21 जुलाई 2020 के बीच कंपनी की मोबाइल एप्लिकेशन इस्तेमाल करने वाले 11,000 इंश्योरेंस ग्राहकों की राय पर आधारित है.

सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि करीब पूरे भारत में करीब 25 फीसदी लोग और दिल्ली एनसीआर में रहने वाले 28 फीसदी लोगों के पास अब तक होम इंश्योरेंस न होने की एक वजह ये भी है कि वे किराए के मकान में रहते हैं. साथ ही पूरे भारत के 22 फीसदी और दिल्ली एनसीआर में रहने वाले 17 फीसदी लोगों का मानना है कि उनका शहर प्राकृतिक आपदा से सुरक्षित रहेगा.

साथ ही देश भर के 5 फीसदी और दिल्ली एनसीआर में रहने वाले 10 फीसदी लोगों को पूरा भरोसा है कि वे जिस मकान या बिल्डिंग में रहते हैं, वह प्राकृतिक आपदा को झेलने की ताकत रखता है और इसीलिए उन्हें होम इंश्योरेंस की जरूरत नहीं.

ज्यादातर लोगों के होम इंश्योरेंस न खरीदने की एक वजह जागरुकता की कमी भी है. ज्यादतर लोगों को यह पता ही नहीं होता कि होम इंश्योरेंस पॉलिसी क्या-क्या कवर करती है.

आमतौर पर होम इंश्योरेंस पॉलिसी में कई सेक्शन्स होते हैं जिनके तहत आग, भूकंप, बाढ़, चोरी जैसे खतरों से होने वाले नुकसान की भरपाई की जाती है. लेकिन 10 में से केवल 4 लोगों को इस बात की जानकारी थी कि होम इंश्योरेंस पॉलिसी इन सभी खतरों से सुरक्षा देती है.

पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के सीईओ सरबवीर सिंह ने कहा, "इस सर्वे के जरिए हम यह जानना चाहते थे कि आखिर लोग अपनी फाइनेन्शियल प्लानिंग में लाइफ या हेल्थ इंश्योरेंस की तरह ही होम इंश्योरेंस को महत्व क्यों नहीं देते. आखिरकार घर खरीदने में पूरे जीवन की कमाई और भावनाएं शामिल होती हैं. इस सर्वे से पता चलता है कि लोगों में अब भी होम इंश्योरेंस के प्रति जागरुकता की कमी है. लेकिन बीते कुछ महीनों में बार- बार आते भूकंप के झटकों और महामारी के खतरे को देखते हुए अब लोगों को इसका महत्व समझ में आने लगा है."

(आईएएनएस)

गुरुग्राम: अप्रैल महीने से बार-बार आने वाले भूकंप के हल्के झटकों के कारण अब हर दूसरा दिल्लीवासी होम इंश्योरेंस खरीदने के बारे में सोच रहा है. एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि पूरे भारत और दिल्ली को मिलाकर लगभग 42 फीसदी लोग निकट भविष्य में होम इंश्योरेंस खरीदने की सोच रहे हैं.

सर्वे से होम इंश्योरेंस के प्रति लोगों की सोच स्पष्ट होती है. सर्वे में हिस्सा लेने वाले करीब 73 फीसदी भारतीयों और दिल्ली एनसीआर के 57 फीसदी लोगों ने माना कि उन्होंने इससे पहले कभी भी होम इंश्योरेंस लेने के बारे में विचार नहीं किया. यह संख्या चिंताजनक है.

इंश्योरेंस मार्केटप्लेस पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के आनलाइन सर्वे में कहा गया कि सर्वे में हिस्सा लेने वाले 10 फीसदी लोग जिनके पास अब तक होम इंश्योरेंस नहीं है, उनका कहना कि वे निकट भविष्य में होम इंश्योरेंस खरीदने की योजना बना रहे हैं.

ये भी पढ़ें- क्या आरबीआई ब्याज दरों में कटौती जारी रखेगी? जानिए क्या है विशेषज्ञों की राय

जबकि एक तिहाई लोगों ने कहा कि वे होम इंश्योरेंस खरीदने की संभावना पर विचार कर रहे हैं. ऐसे में यह माना जा सकता है कि मौजूदा परिस्थितियों और बार-बार आते भूकंप के झटकों की वजह से धीरे-धीरे लोगों को होम इंश्योरेंस का महत्व समझ में आने लगा है और वे इस बारे में पहले से ज्यादा गंभीरता से सोच भी रहे हैं.

यह ऑनलाइन सर्वे 17 जुलाई से 21 जुलाई 2020 के बीच कंपनी की मोबाइल एप्लिकेशन इस्तेमाल करने वाले 11,000 इंश्योरेंस ग्राहकों की राय पर आधारित है.

सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि करीब पूरे भारत में करीब 25 फीसदी लोग और दिल्ली एनसीआर में रहने वाले 28 फीसदी लोगों के पास अब तक होम इंश्योरेंस न होने की एक वजह ये भी है कि वे किराए के मकान में रहते हैं. साथ ही पूरे भारत के 22 फीसदी और दिल्ली एनसीआर में रहने वाले 17 फीसदी लोगों का मानना है कि उनका शहर प्राकृतिक आपदा से सुरक्षित रहेगा.

साथ ही देश भर के 5 फीसदी और दिल्ली एनसीआर में रहने वाले 10 फीसदी लोगों को पूरा भरोसा है कि वे जिस मकान या बिल्डिंग में रहते हैं, वह प्राकृतिक आपदा को झेलने की ताकत रखता है और इसीलिए उन्हें होम इंश्योरेंस की जरूरत नहीं.

ज्यादातर लोगों के होम इंश्योरेंस न खरीदने की एक वजह जागरुकता की कमी भी है. ज्यादतर लोगों को यह पता ही नहीं होता कि होम इंश्योरेंस पॉलिसी क्या-क्या कवर करती है.

आमतौर पर होम इंश्योरेंस पॉलिसी में कई सेक्शन्स होते हैं जिनके तहत आग, भूकंप, बाढ़, चोरी जैसे खतरों से होने वाले नुकसान की भरपाई की जाती है. लेकिन 10 में से केवल 4 लोगों को इस बात की जानकारी थी कि होम इंश्योरेंस पॉलिसी इन सभी खतरों से सुरक्षा देती है.

पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के सीईओ सरबवीर सिंह ने कहा, "इस सर्वे के जरिए हम यह जानना चाहते थे कि आखिर लोग अपनी फाइनेन्शियल प्लानिंग में लाइफ या हेल्थ इंश्योरेंस की तरह ही होम इंश्योरेंस को महत्व क्यों नहीं देते. आखिरकार घर खरीदने में पूरे जीवन की कमाई और भावनाएं शामिल होती हैं. इस सर्वे से पता चलता है कि लोगों में अब भी होम इंश्योरेंस के प्रति जागरुकता की कमी है. लेकिन बीते कुछ महीनों में बार- बार आते भूकंप के झटकों और महामारी के खतरे को देखते हुए अब लोगों को इसका महत्व समझ में आने लगा है."

(आईएएनएस)

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