नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों को पत्र लिखकर उनके प्रशासनिक नियंत्रण में आने वाले केंद्रीय लोक उपक्रमों (सीपीएसई) से भूखंड के बारे में ब्योरा देने को कहा है. सूत्रों के अनुसार इसका मकसद जमीन को बाजार पर चढ़ाना है.
यह कदम चालू वित्त वर्ष में 1.05 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के सरकार के प्रयास का हिस्सा है.
निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) पहले ही केंद्रीय लोक उपक्रमों और अन्य सरकारी संगठनों की जमीन और संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाने को लेकर 11 परामर्श कंपनियों का पैनल बनाया है.
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पैनल में शामिल कंपनियां राइट्स लि., बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, एनारॉक प्रोपर्टी कंसल्टेंट्स प्राइवेट लि. कुशमैन एंड वेकफील्ड और फीडबैक इंफ्रा प्राइवेट लि. हैं.
सूत्रों के अनुसार दीपम ने सभी मंत्रालयों और विभागों से उनके प्रशासनिक नियंत्रण में आने वाले केंद्रीय लोक उपक्रमों (सीपीएसई) के उन भूखंडों का ब्योरा मांगा है जो कर्ज, कानूनी विवाद और अतिक्रमण से मुक्त हों.
विभाग ने मंत्रालयों से बिना किसी बाधा की बिक्री के लिये सीपीएसई के निदेशक मंडल से बाजार पर चढ़ाने की योजना की मंजूरी लेने को कहा है.
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिये 1.05 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. कंपनी कर में कटौती के रूप में 1.45 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज को देखते हुए विनिवेश लक्ष्य हासिल करना महत्वपूर्ण हो गया है.
सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 3.3 प्रतिशत रखने का लक्ष्य रखा है. इस लिहाज से भी विनिवेश लक्ष्य पूरा होना अहम हो जाता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. में 53.29 प्रतिशत हिस्सेदारी और शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में 63.75 प्रतिशत, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में 30 प्रतिशत तथा नीपको में 100 प्रतिशत तथा टीएचडीसी में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री की मंजूरी दी है.