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'वित्त वर्ष 2021-22 के लिये सरकारी गारंटी जरूरतों का आकलन कर भेजे मंत्रालय. - Plan for FY 22

वित्त मंत्रालय ने सात जून 2021 को जारी परिपत्र में कहा, सभी मंत्रालयों और विभागों से आग्रह किया जाता है कि वह 2021-22 के लिये प्राथमिकता को देखते हुये गारंटी आवश्यकताओं को तैयार करें और केवल उन्हीं प्रस्तावों को इसमें शामिल किया जाये, जहां रिण समझौते और गारंटी समझौते को चालू वित्त वर्ष के दौरान अमल में लाया जा सकता है.

वित्त मंत्रालय
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Published : Jun 15, 2021, 9:31 AM IST

नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने सभी मंत्रालयों और विभागों से कहा है कि वह चालू वित्त वर्ष (current financial year) के दौरान सरकारी गारंटी जरूरतों का आकलन (Assessment of government guarantee needs) करते हुये प्राथमिकता सूची उसे सौंपें.

वित्तीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन (FRBM) नियम के अनुसार, सरकार संबंधित वित्त वर्ष के दौरान केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों अथवा उद्यमों को उस वर्ष के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 0.5 प्रतिशत से अधिक गारंटी नहीं दे सकती है.

वित्त मंत्रालय ने सात जून 2021 को जारी परिपत्र में कहा है, सभी मंत्रालयों और विभागों से आग्रह किया जाता है कि वह 2021- 22 के लिये प्राथमिकता को देखते हुये गारंटी आवश्यकताओं को तैयार करें और केवल उन्हीं प्रस्तावों को इसमें शामिल किया जाये, जहां रिण समझौते और गारंटी समझौते को चालू वित्त वर्ष के दौरान अमल में लाया जा सकता है.

पढ़ें- टीके कोविड को नहीं रोकते लेकिन लक्षणों को हल्का बनाए रखने में मदद करेंगे: संगीता रेड्डी

इसमें कहा गया है ऐसे मामले जहां आर्थिक मामले विभाग के तहत आने वाले बजट संभाग ने गारंटी दी है .लेकिन 31 मार्च 2021 तक उन पर अमल नहीं हो पाया, उन मामलों का भी फिर से विधिमान्य किये जाने की जरूरत है. अत: ऐसे प्रस्तावों को भी 2021-22 की कुल गारंटी में शामिल किया जाना चाहिये.

सरकार की जिन मामलों में गारंटी होती है, वहां केन्द्रीय उपक्रमों, निकायों, उद्यमों को बाजार से सस्ती दर पर कोष जुटाने में मदद मिलती है, क्योंकि ऐसे साधनों पर केन्द्र सरकार की ओर से गारंटी होती है.

(भाषा)

नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने सभी मंत्रालयों और विभागों से कहा है कि वह चालू वित्त वर्ष (current financial year) के दौरान सरकारी गारंटी जरूरतों का आकलन (Assessment of government guarantee needs) करते हुये प्राथमिकता सूची उसे सौंपें.

वित्तीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन (FRBM) नियम के अनुसार, सरकार संबंधित वित्त वर्ष के दौरान केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों अथवा उद्यमों को उस वर्ष के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 0.5 प्रतिशत से अधिक गारंटी नहीं दे सकती है.

वित्त मंत्रालय ने सात जून 2021 को जारी परिपत्र में कहा है, सभी मंत्रालयों और विभागों से आग्रह किया जाता है कि वह 2021- 22 के लिये प्राथमिकता को देखते हुये गारंटी आवश्यकताओं को तैयार करें और केवल उन्हीं प्रस्तावों को इसमें शामिल किया जाये, जहां रिण समझौते और गारंटी समझौते को चालू वित्त वर्ष के दौरान अमल में लाया जा सकता है.

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इसमें कहा गया है ऐसे मामले जहां आर्थिक मामले विभाग के तहत आने वाले बजट संभाग ने गारंटी दी है .लेकिन 31 मार्च 2021 तक उन पर अमल नहीं हो पाया, उन मामलों का भी फिर से विधिमान्य किये जाने की जरूरत है. अत: ऐसे प्रस्तावों को भी 2021-22 की कुल गारंटी में शामिल किया जाना चाहिये.

सरकार की जिन मामलों में गारंटी होती है, वहां केन्द्रीय उपक्रमों, निकायों, उद्यमों को बाजार से सस्ती दर पर कोष जुटाने में मदद मिलती है, क्योंकि ऐसे साधनों पर केन्द्र सरकार की ओर से गारंटी होती है.

(भाषा)

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