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सीबीडीटी प्रमुख ने टैक्स अधिकारियों से कहा- ना छंटनी होगी ना ही बड़े पैमाने पर होंगे तबादले

सीबीडीटी के अध्यक्ष पीसी मोदी ने कर अधिकारियों को दिशाहीन मूल्यांकन और करदाताओं के चार्टर के कई पहलुओं की व्याख्या करते हुए कहा कि सेवा की गरिमा को बनाए रखना और विभाग के बारे में किसी भी नकारात्मक धारणा को बदलना आवश्यक है.

सीबीडीटी प्रमुख ने टैक्स अधिकारियों से कहा- ना छंटनी होगी ना ही बड़े पैमाने पर होंगे तबादले
सीबीडीटी प्रमुख ने टैक्स अधिकारियों से कहा- ना छंटनी होगी ना ही बड़े पैमाने पर होंगे तबादले
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Published : Aug 19, 2020, 2:02 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों ने मंगलवार को आयकर अधिकारियों को आश्वासन दिया कि पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई घोषणा और फेसलेस अपील के बाद बड़े पैमाने पर स्थानांतरण या छंटनी नहीं होगी.

मामले से परिचित लोगों के अनुसार सीबीडीटी के अध्यक्ष पीसी मोदी और बोर्ड के शीर्ष सदस्यों ने टैक्स अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल मीटिंग की और विभाग की मौजूदा जनशक्ति के पुनर्गठन के बारे में आशंका और गलतफहमी को दूर किया.

वर्चुअल मीटिंग में सीबीडीटी के अध्यक्ष पीसी मोदी ने फेसलेस असेसमेंट स्कीम और करदाताओं के चार्टर के विवरण और पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला और विभाग की जनशक्ति के पुनर्गठन के पहलुओं के बारे में बताया.

ये भी पढ़ें- आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर ने कहा- सरकारी बैंकों का संचालन सरकार से अलग करने की जरूरत

भारत के पुरातन कर प्रणाली के एक साहसिक सुधार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते 13 अगस्त से आयकर रिटर्न के फेसलेस असेसमेंट के राष्ट्रव्यापी लॉन्च की घोषणा की थी. बता दें कि इस वर्ष 25 सितंबर से फेसलेस असेसमेंट लागू की जाएगी.

फेसलेस असेसमेंट प्रणाली के तहत एक कंप्यूटर प्रोग्राम द्वारा कर अधिकारियों को काम दिया जाएगा.

ई प्रणाली में यह भी प्रावधान है कि स्थानीय अधिकारी की जगह, दूसरे राज्य का कर अधिकारी भी कर का मूल्यांकन कर सकेगा जिससे आमने-सामने की असेसमेंट प्रणाली में होने वाली गड़बड़ी की आशंका नहीं रहेगी.

आयकर के फेसलेस असेसमेंट सिस्टम से टैक्स पेयर को बार-बार विभाग का चक्कर नहीं लगाना होगा. डिजिटल माध्यम का फायदा लेकर वह कहीं से भी अपने टैक्स का असेसमेंट करा सकेंगे. फेसलेस व्यवस्था का फायदा यह होगा कि असेसमेंट करने वाले और कराने वाले, दोनों को ही एक-दूसरे के बारे में जानकारी नहीं होगी जिससे जुगाड़ और सिफारिश का चक्कर नहीं रहेगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि मुंबई के करदाता का आयकर रिटर्न का आकलन छत्तीसगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी या रायपुर से किया जा सकेगा.

इसी तरह, फैसले के खिलाफ एक अपील भी बेतरतीब ढंग से एक कंप्यूटर प्रोग्राम द्वारा सौंपी जाएगी और यह पंजाब या किसी अन्य राज्य से किया जा सकता है जो करदाता और कर अधिकारियों के बीच किसी भी बैठक की संभावना को समाप्त कर देगा.

प्रधान मंत्री मोदी ने कहा, "यह विभाग के भीतर स्थानांतरण और पोस्टिंग के लिए लॉबिंग को समाप्त करेगा."

बैठक में सीबीडीटी के अध्यक्ष पीसी मोदी ने कर अधिकारियों को दिशाहीन मूल्यांकन और करदाताओं के चार्टर के कई पहलुओं की व्याख्या करते हुए कहा कि सेवा की गरिमा को बनाए रखना और विभाग के बारे में किसी भी नकारात्मक धारणा को बदलना आवश्यक है.

उन्होंने राष्ट्रीय ई-आकलन केंद्र और क्षेत्रीय ई-आकलन केंद्र की भूमिका और संविधान की भी व्याख्या की क्योंकि ये केंद्र और उनके अधीनस्थ कार्यालय फेसलेस मूल्यांकन का काम करेंगे.

(लेखक - कृष्णानंद त्रिपाठी, ईटीवी भारत)

नई दिल्ली: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों ने मंगलवार को आयकर अधिकारियों को आश्वासन दिया कि पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई घोषणा और फेसलेस अपील के बाद बड़े पैमाने पर स्थानांतरण या छंटनी नहीं होगी.

मामले से परिचित लोगों के अनुसार सीबीडीटी के अध्यक्ष पीसी मोदी और बोर्ड के शीर्ष सदस्यों ने टैक्स अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल मीटिंग की और विभाग की मौजूदा जनशक्ति के पुनर्गठन के बारे में आशंका और गलतफहमी को दूर किया.

वर्चुअल मीटिंग में सीबीडीटी के अध्यक्ष पीसी मोदी ने फेसलेस असेसमेंट स्कीम और करदाताओं के चार्टर के विवरण और पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला और विभाग की जनशक्ति के पुनर्गठन के पहलुओं के बारे में बताया.

ये भी पढ़ें- आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर ने कहा- सरकारी बैंकों का संचालन सरकार से अलग करने की जरूरत

भारत के पुरातन कर प्रणाली के एक साहसिक सुधार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते 13 अगस्त से आयकर रिटर्न के फेसलेस असेसमेंट के राष्ट्रव्यापी लॉन्च की घोषणा की थी. बता दें कि इस वर्ष 25 सितंबर से फेसलेस असेसमेंट लागू की जाएगी.

फेसलेस असेसमेंट प्रणाली के तहत एक कंप्यूटर प्रोग्राम द्वारा कर अधिकारियों को काम दिया जाएगा.

ई प्रणाली में यह भी प्रावधान है कि स्थानीय अधिकारी की जगह, दूसरे राज्य का कर अधिकारी भी कर का मूल्यांकन कर सकेगा जिससे आमने-सामने की असेसमेंट प्रणाली में होने वाली गड़बड़ी की आशंका नहीं रहेगी.

आयकर के फेसलेस असेसमेंट सिस्टम से टैक्स पेयर को बार-बार विभाग का चक्कर नहीं लगाना होगा. डिजिटल माध्यम का फायदा लेकर वह कहीं से भी अपने टैक्स का असेसमेंट करा सकेंगे. फेसलेस व्यवस्था का फायदा यह होगा कि असेसमेंट करने वाले और कराने वाले, दोनों को ही एक-दूसरे के बारे में जानकारी नहीं होगी जिससे जुगाड़ और सिफारिश का चक्कर नहीं रहेगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि मुंबई के करदाता का आयकर रिटर्न का आकलन छत्तीसगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी या रायपुर से किया जा सकेगा.

इसी तरह, फैसले के खिलाफ एक अपील भी बेतरतीब ढंग से एक कंप्यूटर प्रोग्राम द्वारा सौंपी जाएगी और यह पंजाब या किसी अन्य राज्य से किया जा सकता है जो करदाता और कर अधिकारियों के बीच किसी भी बैठक की संभावना को समाप्त कर देगा.

प्रधान मंत्री मोदी ने कहा, "यह विभाग के भीतर स्थानांतरण और पोस्टिंग के लिए लॉबिंग को समाप्त करेगा."

बैठक में सीबीडीटी के अध्यक्ष पीसी मोदी ने कर अधिकारियों को दिशाहीन मूल्यांकन और करदाताओं के चार्टर के कई पहलुओं की व्याख्या करते हुए कहा कि सेवा की गरिमा को बनाए रखना और विभाग के बारे में किसी भी नकारात्मक धारणा को बदलना आवश्यक है.

उन्होंने राष्ट्रीय ई-आकलन केंद्र और क्षेत्रीय ई-आकलन केंद्र की भूमिका और संविधान की भी व्याख्या की क्योंकि ये केंद्र और उनके अधीनस्थ कार्यालय फेसलेस मूल्यांकन का काम करेंगे.

(लेखक - कृष्णानंद त्रिपाठी, ईटीवी भारत)

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